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मयंक अग्रवाल हर मौक़े को भुनाने के प्रयास में हैं

काउंटी क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अग्रवाल इस रणजी सीज़न कर्नाटक के कप्तान के तौर पर ख़िताब की दावेदारी पेश करेंगे

मयंक अग्रवाल ने इस काउंटी सीज़न में यॉर्कशायर के लिए 175 रनों की पारी खेली   Allan McKenzie/SWPIx.com

मयंक अग्रवाल लंबे समय से काउंटी चैंपियनशिप में खेलने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अगस्त के अंत में जब यॉर्कशायर से कॉल आया तब उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उसी हफ़्ते वह UK के लिए उड़ान भरेंगे। यह अप्रत्याशित कॉल अग्रवाल के लिए कुछ जाना-पहचाना सा था, जो फिलहाल कर्नाटक की टीम की कप्तानी करने की तैयारी में हैं। बुधवार को कर्नाटक अपनी रणजी ट्रॉफ़ी 2025-26 की शुरुआत सौराष्ट्र के ख़िलाफ़ करेगा।

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अग्रवाल ने कहा, "मैं पिछले तीन-चार साल से काउंटी में खेलने की कोशिश कर रहा था। कुछ साल पहले सरी ने बुलाया भी था, लेकिन उस समय दलीप ट्रॉफ़ी चल रहा था। इस बार सब कुछ अचानक हुआ, लेकिन मैंने काउंटी में जाने के बारे में ज़्यादा नहीं सोचा। यह अनुभव बहुत मज़ेदार और बेहद मूल्यवान था।"

पांच पारियों में अग्रवाल ने यॉर्कशायर के लिए 201 रन बनाए। डरहम के ख़िलाफ़ उन्होंने आख़िरी मैच में 175 रनों की शानदार पारी भी खेली, जिसने यॉर्कशायर को डिविजन वन में बने रहने में मदद की। यह उनके शुरुआती तीन पारियों में दो बार शून्य पर आउट होने की भरपाई जैसी थी।

उन्होंने कहा, "इंग्लैंड में रन बनाना शानदार अनुभव था, इससे आत्मविश्वास बढ़ा। वहां की परिस्थितियां और खेल का तरीका अलग है। मुझे यह बदलाव ताज़गीभरा लगा। इंग्लैंड में एक ओपनिंग बल्लेबाज़ के रूप में खेलना आसान नहीं है। कई बार जल्दी आउट होना पड़ता है। आपको बस उसे स्वीकार करना होता है और आगे बढ़ना होता है। डरहम के ख़िलाफ़ जब मुझे शुरुआत मिली, तो मैंने उसे बड़ा बनाया। यही सबसे ज़रूरी था।"

अचानक आने वाले ऐसे कॉल्स अग्रवाल के करियर का हिस्सा रहे हैं। जैसे दिसंबर 2018 में जब भारतीय टीम को घायल पृथ्वी शॉ की जगह उन्हें टीम में शामिल करने के लिए अचानक ही कॉल आया था।उस समय सीधे फ्लाइट से उतरकर अग्रवाल ने एमसीजी में बॉक्सिंग डे टेस्ट में अपने डेब्यू पर धैर्यपूर्ण 76 रन बनाए, जिससे भारत ने 137 रनों से जीत दर्ज की।

इस साल की शुरुआत में भी अग्रवाल ओमान में थे, जब एंडी फ्लावर और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की टीम प्रबंधन ने उन्हें फोन किया। उन्हें घायल देवदत्त पड़िकल की जगह बतौर रिप्लेसमेंट बुलाया गया था।

अग्रवाल ने तुरंत टीम में जगह बनाई और RCB के ख़िताब जीतने वाली मुहिम में दो अहम पारियां खेलीं। उस सीजन सबसे प्रभावशाली पारी 23 गेंदों पर नाबाद 41 रन की थी, जो उन्होंने जितेश शर्मा के साथ मिलकर बनाई। उसी मैच में RCB ने 228 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए लखनऊ सुपर जायंट्स को हराया और लीग चरण में टॉप-2 में जगह पक्की की।

"मुझे गर्व है कि मैं टीम के लिए योगदान दे सका, कुछ अच्छी पारियां खेलीं, और जितेश शर्मा के साथ अहम साझेदारी की" - अग्रवाल (IPL 2025 में अपने प्रदर्शन पर)  BCCI

अग्रवाल ने कहा, "RCB के लिए फिर से खेलना और उस टीम का हिस्सा बनना अविश्वसनीय ऐहसास था। मैं ओमान में था जब मुझे RCB की तरफ़ से कॉल आया। मुझे तुरंत लौटना पड़ा और चयन से पहले ट्रायल देना पड़ा, जो मुझे बहुत प्रोफेशनल लगा।

इससे मुझे अपनी स्थिति समझने की चुनौती मिली। मुझे गर्व है कि मैं योगदान दे सका, कुछ अच्छी पारियां खेलीं और जितेश के साथ अहम साझेदारी की। मुझे लगता है कि मैंने एक ठोस प्रभाव छोड़ा।"

परिस्थितियों के अनुसार खुद को ढालने की यह क्षमता अग्रवाल के करियर की पहचान रही है। उनका वनडे डेब्यू भी अचानक हुआ था। तब रोहित शर्मा न्यूज़ीलैंड में मैच से ठीक पहले घायल हो गए थे। वहीं 2013 में उनका रणजी डेब्यू भी तब हुआ जब रॉबिन उथप्पा मैच से एक दिन पहले चोटिल हो गए और अग्रवाल को अचानक बुला लिया गया।

इस संदर्भ में अग्रवाल कहते हैं, "मेरे करियर में हमेशा ऐसा ही हुआ है। अचानक कॉल आता है और तुरंत प्रदर्शन करना पड़ता है। मुझे गर्व है कि मैं हमेशा तैयार रहा और हर मौके पर असरदार प्रदर्शन किया।"

अब जब वो कप्तान के तौर पर अपना तीसरा रणजी सीज़न शुरू कर रहे हैं, तब भी उनमें वही उत्साह है।

उन्होंने कहा, " मैं आज भी उतना ही उत्साहित हूं जितना अपने पहले सीज़न में था। हमने अच्छी तैयारी की है।"

"हमारे लिए यह शुरुआत में कड़ी मेहनत करने, गति पकड़ने और उसे बनाए रखने का सवाल है। हमारे टीम में ख़िताब जीतने की पूरी क्षमता है।"आगामी रणजी ट्रॉफ़ी में कर्नाटक के जीतने की संभावना पर अग्रवाल

कर्नाटक हाल के वर्षों में ख़िताब का मज़बूत दावेदार रहा है, लेकिन ख़िताब जीतने से थोड़ा पीछे रह जाता है। 2014-15 के बाद से टीम ख़िताब नहीं जीत पाई है, लेकिन अग्रवाल को लगता है कि इस बार सब कुछ सही दिशा में है।

हालांकि ओपनर आर समर्थ विदर्भ के लिए खेलने चले गए हैं, और तेज गेंदबाज़ वी कौशिक अब गोवा में हैं, लेकिन कर्नाटक ने करुण नायर का स्वागत किया है जो विदर्भ के साथ ख़िताब जीतने के बाद लौटे हैं। इसके अलावा युवा बल्लेबाज़ आर स्मरन से भी बड़ी उम्मीदें हैं, जिन्होंने पिछले सीज़न में शानदार प्रदर्शन किया था।

उन्होंने कहा, "हमारे पास बहुत अच्छी टीम है।कुछ ऐसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं, जो भारतीय टीम में पहुंचने के क़रीब हैं। हमारे लिए यह शुरुआत में मेहनत करने, लय पाने और उसे बनाए रखने का मामला है। हमारे पास पूरी क्षमता है कि हम खिताब जीतें।"

Mayank AgarwalIndiaRanji Trophy