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आयुष म्हात्रे : अद्भुत क्षमता से युक्त मुंबई का एक और उभरता हुआ बल्लेबाज़

17 वर्षीय इस खिलाड़ी ने सिर्फ़ अपने तीसरे प्रथम श्रेणी मैच में ही शतक लगा दिया

आयुष म्‍हात्रे ने लगाया अपना पहला प्रथम श्रेणी शतक  PTI

बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) मुंबई के अन्य हिस्से जैसा नहीं है। एक ऐसा शहर जहां गरीबी और अमीरी साथ साथ चलती हैं वहां BKC तमाम सुविधाओं से लैस, बड़ी कंपनियों के कार्यालयों, पांच सितारा होटलों से युक्त एक कमर्शियल हब है। इसी कॉम्प्लेक्स में शुक्रवार को एक 17 वर्षीय बल्लेबाज़ सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहा था।

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आयुष म्हात्रे का चेहरे पर अबोध बच्चे की झलक दिखाई देती है। अपने तीसरे प्रथम श्रेणी मैच में जब उन्होंने शतक पूरा किया तो हेलमेट निकालते हुए ड्रेसिंग रूम से उन्हें अभिवादन स्वीकारते देखना देखते ही बन रहा था।

मुंबई हमेशा से प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को निर्मित करती आई है और म्हात्रे प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों की नई खेप एक नई कड़ी हैं। जब सरफ़राज़ ख़ान और यशस्वी जायसवाल राष्ट्रीय ड्यूटी पर होने के चलते 17 वर्षीय मुशीर को डेब्यू करने का अवसर मिला। और अब चूंकि मुशीर कार दुर्घटना का शिकार होने के चलते पहले राउंड का हिस्सा नहीं हैं तब ऐसी स्थिति में एक और 17 वर्षीय बल्लेबाज़ ने उनकी जगह ली है।

म्हात्रे की संघर्ष की कहानी एक औसत मुंबईकर से जुदा नहीं है। क्रिकेट के सपनों को पूरा करने के लिए उन्हें प्रतिदिन विरार (मुंबई का बाहरी इलाका) से चर्चगेट (वानखेड़े स्टेडियम के पास स्थित) तक 80 किलोमीटर तक की यात्रा करनी पड़ती थी। संघर्ष की इस यात्रा के दौरान म्हात्रे को उनके नाना और चाचा का भरपूर साथ मिला।

म्हात्रे जब पांच वर्ष के थे तब उन्होंने पहली बार क्रिकेट खेलना शुरु किया था। लेकिन जब वह 15 वर्ष के थे तब उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि वह अपनी क्रिकेट को पेशेवर स्तर पर ले जा सकते हैं। उनका निजी सर्वोच्च स्कोर 254 नाबाद है जो उन्होंने मुंबई के एक निजी टूर्नामेंट में बनाया था। दिसंबर 2023 में उन्हें सीके नायडू अंडर 23 टूर्नामेंट के लिए मुंबई के दल में चुना गया। इसके साथ ही उन्हें 2023-24 में MCA की अंडर 19 टीम में भी नामित किया गया।

इस सीज़न की शुरुआत में 12वीं कक्षा में पढ़ रहे म्हात्रे को यह अंदेशा लग गया था कि मुंबई का बुलावा आने ही वाला है। उन्हें रणजी के नए सीज़न की शुरुआत से पहले KSCA के एक रेड बॉल टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए कहा गया था जहां उन्होंने गुजरात के विरुद्ध 173 और आंध्रा के विरुद्ध 52 रनों की पारी खेली। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में तेज़ गेंदबाज़ी की चुनौती से निपटने के लिए टाइल्स पर प्लास्टिक की गेंदों से प्रशांत शेट्टी के साथ अभ्यास किया। शेट्टी पृथ्वी शॉ और जेमिमाह रॉड्रिग्स को कोचिंग दे चुके हैं। रेस्ट ऑफ़ इंडिया के ख़िलाफ़ मुंबई की टीम में जब म्हात्रे को बुलावा आया, तब वह पूरी तरह से इस अवसर के लिए तैयार थे।

शुक्रवार को उन्होंने कहा, "मैं आश्चर्यचकित ज़रूर हुआ था लेकिन दबाव में नहीं था। मैं काफ़ी उत्साहित था।"

ईरानी कप में उन्होंने 19 और 14 रन बनाए। हालांकि रणजी ट्रॉफ़ी के पहले मैच में महात्रे ने बड़ौदा के विरुद्ध 52 रनों की पारी खेलते हुए अपना पहला प्रथम श्रेणी अर्धशतक लगाया, वो भी एक ऐसी पिच पर जब उनकी टीम का सिर्फ़ एक अन्य बल्लेबाज़ ही 30 के आंकड़े को छू पाया।

शुक्रवार को महाराष्ट्र को सिर्फ़ 126 रन पर आउट करने के बाद अपने घरेलू मैदान पर बल्लेबाज़ी करते हुए म्हात्रे ने नई गेंद खेली, जबकि शॉ और हार्दिक तामोरे सस्ते में आउट हो गए, और उन्होंने स्कोर को मज़बूत करने के लिए अपने कप्तान अजिंक्य रहाणे और श्रेयस अय्यर के साथ उपयोगी साझेदारियां कीं और स्‍कोर को 200 के पार पहुंचाया।

वह अपने मुंबई के सीनियर रोहित शर्मा की तरह उनके ट्रेडमार्क पुल और टाइमिंग के लिए जाने जाते हैं। म्हात्रे ने एक शॉर्ट गेंद को बैंक ऑफ़ लेंथ गेंद पर पुल किया और मुंबई का ड्रेसिंग रूम उठकर तालियां बजाने लगा। वह आगे और पीछे दोनों ओर पैरों को आसानी से चलाते दिखे। सीधे बल्ले से ड्राइव और आत्मविश्वास से भरे कट भी उतना ही दिखाते हैं। जब वह क्रीज़ पर थे तो शायद ही कोई दिक्‍कत थी, उनका स्ट्राइक रेट 75 के आसपास था क्योंकि उन्होंने 63 गेंदों पर अर्धशतक और 133 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया था। उनके 127 रन में से 80 रन ऑफ़ साइड पर बने।

दिन का खेल समाप्‍त होने पर उन्‍होंने कहा, "पहला शतक हमेशा ख़ास होता है। मैं आत्‍मविश्‍वास में था जिससे मुझे यह पारी खेलने में मदद मिली।"

म्हात्रे ने कहा कि रहाणे ने "एक समय में पांच रन के छोटे लक्ष्य" निर्धारित करके तीसरे विकेट के लिए 99 रन की साझेदारी करके उन्हें प्रशिक्षित किया। इससे पहले उन्होंने अय्यर के साथ 97 रन की अटूट साझेदारी में "शांतिपूर्वक" बल्लेबाज़ी की, क्‍योंकि तब फ‍िल्‍डर बाहर तैनात कर दिए गए थे। सूरज की धूप ने पिच को और अधिक बल्लेबाज़ी के अनुकूल बना दिया। अपने करियर के इस शुरुआती चरण में भी वह समझता है कि भले ही उसे आक्रमण करना पसंद हो, फिर भी वह बहकावे में नहीं आ सकता।

उन्‍होंने कहा, "मुझे संतुलन के साथ खेलना पड़ता है, यही टीम मुझसे उम्‍मीद करती है।"

म्हात्रे ने धमाकेदार शुरुआत की है, वह उस वादे पर ख़रे उतरे हैं जो उन्होंने आयु-समूह क्रिकेट में दिखाया था, और अब वह एक होनहार मुंबई बल्लेबाज़ के चरित्र के प्रति सच्चे रहना चाहेंगे और वास्तव में इसे बड़ा बनाना चाहेंगे।

Ayush MhatreMumbai (Bombay)IndiaMaharashtra vs MumbaiRanji Trophy

विशाल दीक्षित ESPNcricinfo में असिस्‍टेंट एडिटर हैं।