यह मैच अभी ख़त्म नहीं हुआ है : शम्स मुलानी
मुंबई के स्पिनर को लगता है कि पांचवें दिन घुमाव लेती पिच पर वह 50-60 ओवरों में विपक्षी टीम को ऑलआउट कर सकते हैं

रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में बढ़त लेना बहुत बड़ी बात है। वह इसलिए क्योंकि फिर दूसरी टीम पर मैच को चौथी पारी तक लेकर जाने का और नतीजा निकालने का दबाव होता है। पिछले साल सौराष्ट्र ने पहली पारी के बढ़त के आधार पर रणजी ट्रॉफ़ी अपने नाम की थी और साल 2006 से किसी भी टीम ने पहली पारी की बढ़त लेने के बाद फ़ाइनल नहीं हारा है। इन सबके बावजूद मुंबई का ख़ेमा सकारात्मक है।
चौथे दिन के खेल के बाद बाएं हाथ के स्पिनर शम्स मुलानी ने कहा, "मुझे लगता है कि हम अब भी मैच में बने हुए है। कल सुबह एक अच्छा सेशन मिलेगा तो हम वापसी करेंगे। पांचवें दिन की पिच घूमेगी और गेंद नीचे भी रहेगी। उन्हें ऑलआउट करने के लिए हमें 50 से 60 ओवर मिलें तो हमारे पास जीतने का मौक़ा होगा। यह मैच अभी ख़त्म नहीं हुआ है।"
हालांकि यह कहने में जितना आसान है, वास्तव में उतना है नहीं। सबसे पहले मुंबई को मध्य प्रदेश की बाक़ी बची बढ़त को ख़त्म करना होगा और उसके बाद लक्ष्य खड़ा करना होगा। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि गेंदबाज़ों के पास मध्य प्रदेश के 10 विकेट लेने के लिए पर्याप्त समय और ओवर बचे।
पहली पारी में पांच विकेट लेकर मुलानी मुंबई के सबसे सफल गेंदबाज़ बनकर उभरे। हालांकि इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए उन्हें 63 ओवर डालने पड़े। अपने इस प्रदर्शन पर उन्होंने कहा, "(पांच विकेट लेने में) मुझे काफ़ी समय लग गया। मेरे लिए यह महत्वपूर्ण था कि मैं एक छोर को संभाले रखूं। यह पिच गेंदबाज़ी करने के लिए कठिन थी और तीसरे दिन ज़्यादा मदद नहीं मिल रही थी। इसी कारणवश मुझे लगातार गेंदबाज़ी करनी पड़ी और फिर इसका फल मुझे चौथे दिन पर मिला।"
मुलानी ने बताया कि भले ही वह पांच विकेट लेकर प्रसन्न थे, टीम की जीत उनके लिए ज़्यादा मायने रखती है।
तीसरे दिन के खेल में मुलानी की गेंदबाज़ी की आलोचना हुई थी क्योंकि वह क्रीज़ के कोने से गेंदबाज़ी कर रहे थे। पिच में इतना घुमाव नहीं था कि गेंद वहां से स्पिन होकर बल्ले का बाहरी किनारा लेकर कीपर या स्लिप तक पहुंचें। इसके बावजूद उन्होंने इसी कोण से गेंदबाज़ी करना जारी रखा। इस विषय पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा, "मैं अपने रन अप पर काम कर रहा हूं। आज मैंने जितना हो सकें उतना स्टंप्स के क़रीब से गेंदबाज़ी करने का प्रयास किया और मुझे सफलता मिली। मैं इसका (स्टंप्स के पास से गेंदबाज़ी करने) अभ्यास कर रहा हूं।"
पांचवें दिन एक ऐतिहासिक जीत की तलाश कर रही मुंबई को चौथे दिन झटका लगा जब स्टार ओपनर यशस्वी जायसवाल टखने की चोट के कारण पूरे दिन मैदान से बाहर रहे। साथ ही तीसरे दिन धवल कुलकर्णी को लगी चोट चिंता का कारण बन सकती थी। हालांकि उनके ख़ेमे ने यह साफ़ कर दिया है कि दोनों खिलाड़ी फ़िट हैं और पांचवें दिन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं।
अफ़्ज़ल जिवानी(@ jiwani_afzal) ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं | @jiwani_afzal
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