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कुलकर्णी: मुझे भारत के लिए और मैच खेलने चाहिए थे

मुंबई के तेज़ गेंदबाज़ को ख़ुशी है कि उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी जीतते हुए अपने करियर का अंत किया

रणजी ट्रॉफ़ी जीतने के बाद जश्न मनाती मुंबई की टीम  PTI

रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल में जब तनुष कोटियान ने यश ठाकुर के रूप में विदर्भ का 9वां विकेट लिया, तब मुंबई के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अपना आख़िरी मैच खेल रहे धवल कुलकर्णी की तरफ़ गेंद फेंकी। कुलकर्णी ने भी उमेश यादव को क्लीन बोल्ड कर उस पल को अपना बना लिया।

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प्रज़ेंटेशन सेरमनी के दौरान भावुक कुलकर्णी को सम्मानित किया गया, साथी खिलाडियों ने घरेलू फ़ैंस के सामने उन्हें कंधे पर उठाया और गॉर्ड ऑफ़ ऑनर दिया। यह कुलकर्णी के लिए एक यादग़ार विदाई थी। कुलकर्णी कुछ ऐसी ही विदाई अपने लिए चाहते थे। हालांकि उनका मन क्रिकेट से अभी भरा नहीं है और वह क्रिकेट को सबकुछ वापिस देना चाहते हैं।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कुलकर्णी ने कहा, "मैंने अभी ज़्यादा कुछ सोचा नहीं है, लेकिन क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ दिया है और मैं क्रिकेट को बहुत कुछ वापस देना चाहता हूं। मुझे नहीं पता कि मैं कोचिंग करूंगा या कुछ और, लेकिन मैं क्रिकेट के ईर्द-गिर्द ही रहूंगा।"

कुलकर्णी ने 2007 में डेब्यू किया था और मुंबई के लिए तीनों फ़ॉर्मैट मिलाकर कुल 208 मैच खेले। उनके नाम 95 प्रथम श्रेणी मैचों में 281 विकेट, 130 लिस्ट-ए मैचों में 223 विकेट और 162 टी20 मैचों में 154 विकेट हैं।

उनको ख़ुशी है कि रहाणे ने आख़िरी विकेट लेने के लिए गेंद उनको सौंपी। उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल यादग़ार पल था। आप अपने करियर का अंत ऐसे ही करना चाहते हैं। तुषार (देशपांडे) गेंदबाज़ी कर रहे थे। शार्दुल (ठाकुर) और अजिंक्य ने इस बारे में चर्चा कि उन्हें गेंद मुझे देना चाहिए। असल में मैं गेंदबाज़ी के लिए तैयार भी नहीं था। लेकिन आख़िरी विकेट मेरे लिए यादग़ार हो गया क्योंकि इससे हम ट्रॉफ़ी जीते। मैंने मैच में पहला और आख़िरी विकेट लिया, इसलिए यह फ़ाइनल मेरे लिए और भी यादग़ार रहेगा।"

कुलकर्णी ने 2014 से 2016 के दौरान भारत के लिए 12 वनडे और दो टी20आई भी खेले। उनको लगता है कि उन्हें भारत के लिए और मौक़े मिल सकते थे। हालांकि इसका उन्हें अब ज़्यादा कुछ मलाल नहीं है। उन्होंने कहा, "जो बीत गई, सो बात गई। अब मैं पीछे देखने की बजाय भविष्य की तरफ़ देखता हूं। मुझे लगता है कि मुझे भारतीय टीम के लिए और क्रिकेट खेलना चाहिए था, लेकिन अब वह बीती बात हो गई है और मुझे इसका कोई पछतावा नहीं। मैंने इसके लिए किसी पर उंगली भी नहीं उठाई। मैं ऐसा ही हूं। मैं हमेशा अपने में सुधार करने पर सोचता हूं और इसे चुनौती के रूप में लेता हूं।"

यह धवल कुलकर्णी के लिए यादग़ार विदाई थी  PTI

रहाणे ने कुलकर्णी के साथ अंडर-19 दिनों से ही खेला है। उनके पास भी अपने पुराने साथी के लिए बहुत कुछ कहने को था। रहाणे ने कहा, "कुलकर्णी के बारे में बोलने के लिए बहुत सी अच्छी चीज़ें हैं। हम कई सालों तक रूम पार्टनर रहे। वह 'कभी ना छोड़ने वाले ज़िद्दी क्रिकेटर' हैं। मुंबई के लिए 17 साल खेलना आसान बात नहीं है। उन्होंने जो कमिटमेंट दिखाई, वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। कई बार आपके साथ होता है, जब चीज़ें आपके साथ नहीं चलती हैं। लेकिन एक क्रिकेटर के रूप में उन्होंने दिखाया कि जो चीज़ें उनके नियंत्रण में हैं, उन पर ही वह फ़ोकस करेंगे। उन्होंने मुंबई को कई मैच जिताए हैं। उन्होंने अब तक मुंबई के लिए छह फ़ाइनल खेले हैं, जिसमें पांच में हमें जीत मिली है। मैं उनके और उनके करियर के लिए बहुत ख़ुश हूं।"

Ajinkya RahaneDhawal KulkarniIndiaMumbai vs VidarbhaRanji Trophy

अभिमन्यु बोस ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं