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रणजी ट्रॉफ़ी : कोच मुज़ुमदार की सलाह आई जायसवाल के काम

मुश्किल पिच पर खड़े रहकर उन्होंने मैच के पहले दिन लगाया शतक

यशस्वी ने दो मैचों में लगातार दो शतक लगाए।  ESPNcricinfo Ltd

"कैच छूटने के बाद कोई शॉट मत खेलो।"

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कई बार कोई आपको वह बात बताता है जो आप पहले से ही जानते हो कि बड़ी तस्वीर पर दोबारा से फोकस करो। यही यशस्वी जायसवाल के साथ मंगलवार को हुआ। एक साधारण सा मैसेज मुंबई के कोच अमोल मुज़ुमदार ने उनको भेजा, जहां रणजी ट्रॉफ़ी सेमीफ़ाइनल में शतक बनाने से पहले दो कैच छूटे। इसके बाद पहले दिन का खेल ख़त्म होने तक उन्होंने लगातार दूसरा शतक लगाया और अपनी टीम को दो विकेट पर 24 रन से पांच विकेट पर 260 रनों तक पहुंचा दिया।

मैच के बाद जायसवाल ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से बात करते हुए कहा, "शुरुआत में यह मुश्किल था, गेंद मूव कर रही थी और उत्तर प्रदेश के गेंदबाज़ अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे। मुझे उन्हें सम्मान देने की ज़रूरत थी और मैं बस उन्हें थकाना चाहता था, वह जिस सत्र में अच्छी गेंद कर रहे थे उस सत्र को मैं निकालना चाहता था। पूरे दिन गेंद घूमती रही। मुझे गेंद को छोड़ने के लिए फोकस करने की ज़रूरत थी। मैं साझेदारी बनाने को देख रहा था। मैंने इसका लुत्फ लिया।"

अपने करियर का तीसरा प्रथम श्रेणी और इस सीज़न का दूसरा मैच खेल रहे जायसवाल ने मुंबई की पारी को बनाया और 226 गेंद में 100 रन बनाते ही वह आउट हो गए। लेकिन जब वह आउट हुए तब तक स्कोर 200 रनों के पार पहुंच चुका था। दिन के अंत में हार्दिक तामोरे (नाबाद 51) और सरफ़राज़ ख़ान के तेज़ 40 रनों की बदौलत मुंबई दिन के अंत तक एक अच्छे स्कोर तक पहुंच गई।

उत्तर प्रदेश की कसी गेंदबाज़ी का ही नतीज़ा था कि मुंबई पहले सत्र में 58 रनों पर दो विकेट गंवा चुकी थी। पृथ्वी शॉ का विकेट उन्होंने पारी की तीसरी गेंद पर ही गंवा दिया था, जहां यश दयाल की गेंद पर वह ड्राइव लगाने गए लेकिन गेंद बल्ले का किनारा लेती हुई विकेटकीपर ध्रुव जुरेल के हाथों में पहुंच गई। ज़ल्द ही नंबर तीन के बल्लेबाज़ अरमान जाफ़र भी प्वाइंट पर लपके गए।

उत्तर प्रदेश ने जस्ट क्रिकेट एकेडमी की घसियाली पिच पर अच्छा काम किया, धूप खिलने के बाद भी वे दबाव में नहीं दिखे। इसका सबूत यह है कि लंच के बाद अगले 27 ओवरों में मुंबई केवल 92 रन ही बना सकी थी।

दिन में मिले भाग्य के साथ के बाद जायसवाल ने संयम बनाए रखा और लगभग पूरे दिन बल्लेबाज़ी की। शॉ और सरफ़राज़ के टीम में रहते हुए उन्होंने अलग तरह की बल्लेबाज़ी कौशल दिखाया। वह पिच पर अड़े रहे और मुश्किल हालातों से लड़ते दिखे। मुंबई कैंप में सबसे युवा बल्लेबाज़ ने 353 मिनट तक बल्लेबाज़ी की।

हालांकि यह पारी ख़ामियों के बिना नहीं थी। लंच के तुरंत बाद अंकित राजपूत सत्र का अपना दूसरा ओवर करने आए और गेंद जायसवाल के बल्ले का बाहरी किनारा लेती हुई ​पीछे पहुंच गई। पहली बार को लगा कि यह कैच है लेकिन वह बच गए, उस समय तक जायसवाल 33 रनों पर थे। उत्तर प्रदेश के खिलाड़ी लगातार अपील करते रहे लेकिन अंपायर नहीं हिले। रिप्ले में दिखा कि जुरेल कैच को सही से लपक नहीं पाए थे। इसके बाद सुवेद पारकर (32) और जायसवाल ने मुंबई की पारी को बनाना शुरू किया।

जायसवाल इसके बाद 37 रन के निजी स्कोर पर भी बचे, जहां दूसरी स्लिप में रिंकू सिंह ने उनका कैच टपका दिया। इस बार भी गेंदबाज़ी पर राजपूत थे।

जायसवाल ने कहा, "मुझे अमोल सर से बहुत ही अच्छा मैसेज मिला था। अगले 15 मिनट मैं चाहता हूं कि तुम कोई शॉट नहीं खेलो और अगर तुम चाहते हो तो ​बस सिंगल लो और स्ट्राइक से हट जाओ। उन्होंने कहा दो विकल्प हैं। कैच छूटने के बाद कोई शॉट मत खेलो। बस खेलते रहो। दूसरा, 10 से 15 मिनट तक नॉन स्ट्राइकर एंड पर ही रहो। इस समय को गुजर जाने दो, क्योंकि राजपूत उस समय बहुत अच्छी गेंदबाज़ी कर रहे थे। मैं शॉट खेलता तो उस स्थिति में आउट हो सकता था। उन्होंने बहुत अच्छा मैसेज भेजा और मैंने उसका पालन किया, जिसकी वजह से हम मैच में बने रहे।"

राजपूत के साथ संघर्ष के बाद जायसवाल ने अपनी अप्रोच बदली। उन्होंने कुछ रिस्क लेने शुरू किए। उन्होंने मैदानी शॉट खेलना शुरू किया। अगले घंटे में उन्होंने दो चौके लगाए। इसके बाद उन्होंने 150 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। इसके बाद उन्होंने तीन जल्द चौके लगाकर मुंबई का इरादा बता दिया।

जायसवाल लगातार ड्राइव और बैकफ़ुट पंच से गैप में शॉट लगा रहे थे। कुल मिलाकर उन्होंने 15 बाउंड्री लगाई। उन्होंने पारकर, सरफ़राज़ और तामोरे के साथ अहम तीन 50 रनों से ज़्यादा की साझेदारी की।

"जिस पर आप कंट्रोल कर सकते हो उस पर फोकस करो" यह किसी भी खिलाड़ी की अपनी लाइन हो सकती है, लेकिन मुज़ुमदार की सलाह पर ही जायसवाल ने काम किया और नतीज़ा रहा कि मुंबई टॉप पर रही।

Yashasvi JaiswalAmol MuzumdarIndiaMumbai vs UPRanji Trophy

श्रीनिधि रामानुजम ESPNcricinfo की सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।