शार्दुल ने रणजी मैचों के बीच पर्याप्त गैप रखे जाने की मांग की
तमिलनाडु के ख़िलाफ़ शतकीय पारी के बाद शार्दुल ने रणजी के व्यस्त कार्यक्रम पर अपनी राय रखी

भारतीय ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर ने टूर्नामेंट की लेंथ को ध्यान में रखते हुए रणजी ट्रॉफ़ी के मैचों के बीच अधिक लंबे गैप रखे जाने की मांग की है। उदाहरण के तौर पर अगर मुंबई फ़ाइनल खेलती है तो वह इस टूर्नामेंट के 10 सप्ताह में कुल 10 प्रथम श्रेणी मैच खेलेगी।
रणजी मैचों में टीमों को दो मैचों के बीच तीन दिन का ही गैप मिल पाया, जिसके चलते शार्दुल ने इसे खिलाड़ियों के लिए काफ़ी मुश्किल करार दिया है।
शार्दुल ने कहा, "अगर खिलाड़ी दो और सीज़न इस तरह से खेलते रहेंगे तो जल्द ही देश भर में कई खिलाड़ी चोटिल हो जाएंगे। अगले साल BCCI को अधिक गैप सुनिश्चित करने पर विचार करना चाहिए। मुझे याद है कि करीब सात से आठ साल पहले तक रणजी में पहले तीन मैचों के लिए टीमों को तीन दिन दिन का गैप मिलता था, फिर इसके बाद यही गैप चार दिन का हो जाया करता और नॉकआउट मैचों के लिए टीमों को पांच दिन का गैप मिला करता था।"
"जैसे इस साल ही टीमों को सिर्फ़ तीन दिन का ही गैप मिल पाया है। घरेलू खिलाड़ियों से तीन दिन के गैप के साथ लगातार 10 मैच खेलने की उम्मीद करना बेमानी है।"
शार्दुल ने अपने साथी खिलाड़ियों का उदाहरण देते हुए कहा, "मोहित (अवस्थी) को भी छठे मैच में चोट लग गई। उन्होंने लगातार छह मैच खेले थे। तुषार देशपांडे का चयन इंडिया ए के लिए हो गया था जिस वजह से उनके ऊपर ज़्यादा भार आ गया था। धवल (कुलकर्णी) ने भी अपनी उम्र का ध्यान रखते हुए ऑल्टरनेट मैच खेले।"
शार्दुल की बातों से तमिलनाडु के कप्तान आर साई किशोर भी सहमत हैं। साई किशोर ने कहा, "काफ़ी खिलाड़ियों को ऐसा लगता है। ख़ासकर तेज़ गेंदबाज़ों को अधिक थकावट होती है। जहां तक मेरा विषय है, मैं सिर्फ़ मैच में भी गेंदबाज़ी करता हूं ताकि मेरे शरीर पर उतना ज़ोर ना पड़े। मैं मैच से पहले गेंदबाज़ी का अभ्यास नहीं करता। मैं इस तरह से ख़ुद को मैनेज कर रहा हूं, हालांकि तेज़ गेंदबाज़ों के लिए यह काफ़ी मुश्किल है।"
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.