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युज़वेंद्र चहल की लेगस्पिन की गति चर्चा का विषय हो सकती है लेकिन उनकी क़ामयाबी नहीं

टूर्नामेंट का पहला चरण चहल के लिए अच्छा नहीं गया था लेकिन यूएई में एक बार फिर उन्होंने लय पकड़ ली है

यूएई लेग में चहल अब तक सात विकेट हासिल कर चुके हैं  BCCI

जिस दिन भारत के टी20 विश्व कप टीम की घोषणा होनी थी उस दिन ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के इंग्लिश साइट पर हमने लिखा था कि पांच नामों पर काफ़ी चर्चा हो सकती लेकिन 10 नाम तो लगभग तय हैं। उन तय नामों में युज़वेंद्र चहल का नाम शामिल था, लेकिन चयनकर्ताओं ने टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ की जगह राहुल चाहर को टीम में रखा।

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चयन समिति के अध्यक्ष चेतन शर्मा ने कहा कि इस चुनाव का कारण था कि राहुल चाहर अधिक गति से गेंद करते हैं और इसी वजह से ज़्यादा तेज़ी से यूएई के पिचों पर ग्रिप हासिल कर पाएंगे।

चहल और चाहर दोनों बेशक़ बहुत अच्छे गेंदबाज़ हैं। चयन के वक़्त चाहर सात मैचों में 11 विकेट के साथ आईपीएल 2021 में स्पिन गेंदबाज़ों में सर्वाधिक विकेट टेकर भी थे। चहल ने सात मैचों में केवल चार विकेट झटके थे, उनका औसत चाहर के औसत के मुक़ाबले लगभग तीन गुना था और उनकी इकॉनमी (8.26) भी चाहर के 7.21 से अधिक थी।

लेकिन आईपीएल के दूसरे चरण में पासा पलट चुका है। यूएई में इस वर्ष चार मैचों में 11.14 के औसत और 5.57 की इकॉनमी के साथ सात विकेट लेकर चहल सबसे क़ामयाब स्पिनर हैं। वहीं चाहर ने चार मैच में सिर्फ़ दो विकेट लिए हैं, और उनका औसत 58 है और इकॉनमी 7.73 का। ग़ौरतलब है कि विश्व कप यूएई में ही खेला जाएगा।

चयनकर्ताओं को यह नहीं पता था कि आईपीएल का दूसरा चरण दोनों गेंदबाज़ों के लिए कैसा जाएगा। और चार मैचों के आधार पर भविष्यवाणी करना भी बेमानी होगी। चाहर आगे चल कर आईपीएल में फ़ॉर्म में आते हुए भारत के लिए विश्व कप के भी सितारे बन सकते हैं। वास्तव में भारत में उच्च कोटि के स्पिनर्स की कोई कमी नहीं है। विश्व कप जैसे प्रतियोगिता के लिए एक को अगर पिक होना है तो एक को ड्रॉप भी करना पड़ सकता है। चहल के साथ भी ऐसा हुआ।

लेकिन ड्रॉप होने के बाद से चहल हमें याद दिला रहे हैं वह इस फ़ॉर्मैट के चैंपियन गेंदबाज़ क्यों है। और राजस्थान के ख़िलाफ़ उन्होंने क्लासिक चहल गेंदबाज़ी का प्रदर्शन किया।

टी20 क्रिकेट में राहुल चाहर, वरुण चक्रवर्ती, राशिद ख़ान और सुनील नारायण जैसे गेंदबाज़ अच्छी गति से गेंद डालते हैं और जब उनकी गेंदबाज़ी में लय हो तो उन्हें खेलना मुश्किल होता है। चहल थोड़े से अलग हैं। धीमी गति से वह बल्लेबाज़ को ललचाना पसंद करते हैं। दाएं हाथ के बल्लेबाज़ों को वह दो लाइन कराते हैं - पहली मिडिल और लेग पर रन रोकने के लिए फ़्लैट और दूसरी ऑफ़ स्टंप के बाहर हवा देकर बाउंड्री लगाने की चुनौती देती हुई लाइन। सीधी लाइन में वह गेंद को हाथ के बाहरी हिस्से से गेंद को छोड़ते हैं तो वाइड लेगब्रेक शास्त्रीय तरीक़े से जहां सीम स्लिप की दिशा में होती है।

चहल के गति पर ग़लती की कोई गुंजाईश नहीं रहती जैसा राजस्थान के ख़िलाफ़ उनके पहले ओवर की आख़िरी गेंद में देखने को मिला। वह वाइड लेगब्रेक करने चले लेकिन ज़्यादा फ़ुल डाल बैठे और संजू सैमसन ने आसान सा छक्का जड़ दिया।

युज़वेंद्र चहल को उनके प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच से नवाज़ा गया  BCCI

इस मुक़ाम पर राजस्थान 11 ओवरों में एक विकेट पर 100 थे, और एविन लुईस और सैमसन के बाद लियम लिविंग्स्टन आना बाक़ी थे। 180 का स्कोर संभव था। वहां से राजस्थान को 149 तक रोकने में जॉर्ज गार्टन और शाहबाज़ अहमद की गेंदबाज़ी ज़रूर कारगर साबित हुई लेकिन चहल ने उन्हें वापसी करने का कोई मौक़ा नहीं दिया। लगातार गति परिवर्तन और बल्लेबाज़ों के सामने उन्हें मारने की चुनौतियों के चलते उन्होंने राजस्थान के बल्लेबाज़ों को परेशान रखा। 13वे ओवर में महिपाल लोमरोर उन्हें मारने क्रीज़ से निकले तो उन्होंने बल्लेबाज़ के शरीर के बाहर गूगली डाल दी और श्रीकर भरत ने आसान स्टंपिंग को अंजाम दिया। आईपीएल में यह चहल की गेंद पर 14वीं स्टंपिंग थी और इस मामले में सिर्फ़ अमित मिश्रा (28), हरभजन सिंह (18) और पियुष चावला (14) चहल के बराबर या आगे हैं। लेकिन इन सब ने 150 से अधिक आईपीएल मैच खेले हैं जबकि यह चहल का 110वा मुक़ाबला था।

भरत ने मैच के बाद कहा, "चहल एक विश्व स्तरीय गेंदबाज़ हैं। उनके सामने आप एक पल के लिए भी एकाग्रता भंग नहीं होने दे सकते। मैं सिर्फ़ उन्हें उनके हाथ से पढ़ने की कोशिश कर रहा था। बतौर कीपर आप हर गेंद में गेम में रहते हैं और बहुत मज़ा भी आता है।"

विराट कोहली ने राजस्थान के टॉप ऑर्डर में बाएं हाथ के बल्लेबाज़ों के चलते चहल को 11वे ओवर में पहली बार मौक़ा दिया। इसका मतलब था चहल का एक ओवर डेथ ओवर्स (17-20) के बीच में पड़ा। लिविंग्स्टन के पिच पर रहते कोहली ने गेंद चहल के हाथ में थमाया।

तब तक लिविंग्स्टन को डाले तीनों गेंद रन रोकने वाले सीधे लाइन पर थे लेकिन अब उन्होंने वही ललचाने वाले वाइड लेगब्रेक का प्रयोग किया। लिविंग्स्टन ने मौक़े का फ़ायदा उठाना चाहा लेकिन फंस गए। दरअसल इस गेंद पर ओवरस्पिन और धीमी गति के चलते आप को लगता है कि आप गेंद की पिच पर पहुंचे हैं लेकिन ऐसा होता नहीं। लिविंग्स्टन भी लॉन्ग ऑन पर कैच थमा बैठे।

"मुझे पता था लोमरोर बाहर निकल कर मारने वाले थे। मैंने वीडियो पर देखा था कि उन्हें लेग साइड पर मारना पसंद है और तभी मैंने वाइड डाल कर उन्हें कवर पर मारने की चुनौती पेश की। और लिविंग्स्टन के लिए मैं लेग साइड की छोटी बाउंड्री के बजाय उन्हें कवर की ओर मारने को ललचा रहा था। साथ ही मैं उन्हें धीमी गति से गेंद कराना चाह रहा था।"मैच के बाद प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब लेते हुए चहल बोले

टी20 क्रिकेट में तेज़ रिस्ट स्पिन के चाहने वाले ज़्यादा हो सकते हैं लेकिन चहल ने एक बार फिर याद दिलाया कि धीमी गेंदबाज़ी भी कम घातक नहीं होती।

Yuzvendra ChahalRR vs RCBIPL

कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब-एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।