पोंटिंग : बैज़बॉल ने ऑस्ट्रेलिया के सामने कई अहम सवाल खड़े किए
पूर्व कप्तान के अनुसार ऑस्ट्रेलिया को हराने के लिए दूसरी टीमें भी बैज़बॉल शैली को अपना सकतीं हैं

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग का मानना है कि ऑस्ट्रेलियाई टीम को बैज़बॉल शैली ने काफ़ी परेशान किया है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया इस तरह की आक्रामक शैली का सामना कैसे करे, इस सवाल का वह जवाब तलाश रहा है।
पोंटिंग का मानना था कि सीरीज़ में 2-2 का स्कोरलाइन एक उचित परिणाम था। हालांकि वह इस बात पर अड़े रहे कि ओवल में विवादास्पद गेंद परिवर्तन ने निर्णायक मैच के परिणाम ने एक अहम भूमिका निभाई।
इंग्लैंड में खेले गए उस सीरीज़ के दौरान ऑस्ट्रेलिया की टीम पहले दो मैचों को जीत कर एक अच्छी स्थिति में थी। हालांकि हेडिंग्ली में मेज़बान टीम ने जिस तरह से काउंटर अटैक किया उसका ऑस्ट्रेयाई टीम सामना नहीं कर सकी और उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
वहीं चौथे टेस्ट के दौरान इंग्लैंड ने दूसरी पारी में 5.49 के रन रेट से 592 रन बना कर मैच में काफ़ी आगे चला गया था लेकिन लगातार दो दिन हुई बारिश ने ऑस्ट्रेलिया को काफ़ी हद तक बचा लिया। ऑस्ट्रेलिया ने उस मैच की पहली पारी में 317 रन बनाए थे और दूसरी पारी में 214 रन पर पांच विकेट गंवा कर हार के मुहाने पर खड़े थे।
पोंटिंग ने 'एसईएन टैसी ब्रेकफ़ास्ट शो' में कहा, "खेल की दो विपरीत शैलियों को बैठकर देखना काफ़ी आनंददायक था। (सीरीज़ से पहले) बैज़बॉल के बारे में बहुत चर्चा हुई थी। इंग्लैंड इस शैली को कैसे आगे बढ़ाएगा, और क्या उनकी यह शैली ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण के सामने टिक पाएगी। ऐसे कई सवाल खड़े हुए थे। लेकिन अंत में सब कुछ इंग्लैंड के पक्ष में गया।
"बैज़बॉल के कारण कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, कोच और कप्तान कई बार असमंजस में थे कि आख़िरी इसका सामना कैसे किया जाए। पूरी सीरीज़ के दौरान जिस स्तर का क्रिकेट खेला गया, उस हिसाब से 2-2 का परिणाम बहुत सही था। हालांकि विवादास्पद गेंद परिवर्तन का फ़ैसला काफ़ी हद तक इंग्लैंड के पक्ष में गया। इंग्लैंड के गेंदबाज़ों को उस तरह की मदद मिली, जो उन्हें नहीं मिलने चाहिए थे।"
उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि उनकी शीर्ष क्रम की बल्लेबाज़ी से निपटने के लिए हमें काफ़ी संघर्ष करना पड़ा। जिस तरह से [ज़ैक] क्रॉली और [बेन] डकेट हर पारी की (आक्रामक) शुरुआत में खेल रहे थे, उससे ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण पर काफ़ी दबाव पड़ा। उसके बाद गेंदबाज़ों के लिए वापस उस दबाव को विपक्षी टीम पर डालना काफ़ी मुश्किल हो रहा था।"
पोंटिंग का मानना था, "इस सीरीज़ के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यह ज़रूर सोच रहे होंगे कि हम और क्या बेहतर कर सकते थे। मुझे लगता है कि दूसरी टीमें भी इस सोच में होंगी कि अगर ऑस्ट्रेलिया का सामना करना चाहते हैं तो शायद हमें भी इस शैली (बैज़बॉल) के साथ आगे बढ़ना चाहिए।"
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.