"अगर यहां अच्छा खेलूंगा तो आईपीएल टीमों की नज़र मुझ पर पड़ेगी"
महाराजा ट्रॉफ़ी के पहले शतकवीर बने रोहन पाटिल की नज़र फ़िलहाल अपने टीम को फ़ाइनल में पहुंचाने पर

गुरुवार को जब 20 साल के विल स्मीड हंड्रेड टूर्नामेंट के इतिहास का पहला शतक लगा रहे थे, ठीक उसके एक दिन बाद 20 साल के ही रोहन पाटिल भी कुछ ऐसा ही मैसूरु के राजा वडियार ग्राउंड में कर रहे थे। वह कर्नाटका राज्य क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) द्वारा आयोजित महाराजा ट्रॉफ़ी टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज़ बने।
उन्होंने गुलबर्गा मिस्टिक्स की तरफ़ से खेलते हुए घरेलू टीम मैसूरु वॉरियर्स के ख़िलाफ़ सिर्फ़ 42 गेंदों में यह कारनामा किया, जिसमें 11 चौके और सात गगनचुंबी छक्के शामिल थे। उन्होंने शुरू से ही आक्रामक रुख़ अपनाया और सिर्फ़ 15 गेंदों में अपने पहले 50 रन पूरे किए। उनकी इस पारी की बदौलत उनकी टीम को नौ विकेट की बड़ी जीत हासिल हुई।
अपनी इस पारी के बाद रोहन ने कहा, "एक समय के बाद मैसूरु टीम के घरेलू दर्शक भी मेरा समर्थन करने लगे थे, जिसकी वजह से मुझे इस पारी के दौरान बहुत मज़ा आया। महाराजा ट्रॉफ़ी का शतकवीर बनना मेरे लिए बहुत विशेष है। यह टूर्नामेंट मेरे जैसे युवाओं के लिए एक बहुत बड़ा मौक़ा है।"
रोहन बेंगलुरु के सर सैयद क्रिकेटर्स क्लब की तरफ़ से फ़र्स्ट डिवीज़न क्लब क्रिकेट खेलते हैं और उन्हें अभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उतरना है। उनके पिता आनंद पाटिल केएससीए में एक समय में अंपायर थे और यहीं से रोहन की क्रिकेट यात्रा की शुरुआत हुई।
रोहन बताते हैं, "मेरे क्रिकेट में आने का कारण मेरे पिता ही हैं। मैंने कई ऐसे खिलाड़ियों को बहुत नज़दीक से खेलते हुए देखा है जिन्होंने पहले कर्नाटका और फिर भारत के लिए अच्छा खेला। उनसे मुझे बहुत प्रेरणा मिलती थी और मैंने क्रिकेट को एक करियर के रूप में चुना।"
रोहन को भरोसा है कि यहां के प्रदर्शन की बदौलत वह आईपीएल टीमों का ध्यान अपनी तरफ़ आकर्षित कर सकते हैं। हालांकि वह अभी से इसके बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि यहां अच्छा करने से मुझे आईपीएल में भी मौक़ा मिल सकता है, लेकिन मैं अभी इतनी दूर की नहीं सोच रहा हूं। फ़िलहाल मेरा लक्ष्य अच्छी पारियां खेलकर अपनी टीम गुलबर्गा मिस्टिक्स को महाराजा ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल में पहुंचाना है।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95
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