पिच को रेटिंग्स देने के मामले में रोहित ने आईसीसी पर उठाए सवाल
भारतीय कप्तान ने कहा, "उम्मीद है कि इस बार वे अपने कान और आंखें खुले रखेंगे'

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता है कि ICC और मैच रेफ़री किसी भी पिच को रेटिंग्स देने के मामले एक समान मानकों का प्रयोग नहीं करते हैं। टेस्ट इतिहास के सबसे छोटे टेस्ट मैच में जीत हासिल करने के बाद भारतीय कप्तान ने भारत की पिचों के बारे में बात की, जिन्हें कई बार औसत या उससे कम की रेटिंग्स दी जाती है।
रोहित ने कहा, "हमने देखा कि इस मैच में क्या हुआ, पिच कैसा खेल रही थी और यहां किस तरह की चीज़ें घटित हो रही थी। ईमानदारी से कहूं तो जब तक भारत में हर कोई अपना मुंह बंद रखेगा और भारतीय पिचों के बारे में ज़्यादा बात नहीं करेगा, मुझे इस तरह की पिचों पर खेलने में कोई आपत्ति नहीं है।
"क्योंकि आप यहां टेस्ट क्रिकेट में खु़द को चुनौती देने के लिए आते हैं। हां, यह ख़तरनाक ज़रूर है। साथ ही यह चुनौतीपूर्ण भी है। इसलिए जब अन्य टीमें भारत आती हैं, तो वहां की परिस्थितियां भी उनके लिए चुनौतीपूर्ण होती हैं।"
"जब आपके सामने ऐसी चुनौतियां आती हैं तो आपको आप सामने आकर इसका सामना करते हैं। भारत में भी ऐसा ही होता है, लेकिन भारत में पहले ही दिन,अगर पिच टर्न लेना शुरू कर देती है, तो लोग इसके बारे में कई तरह की बातें करना शुरू कर देते हैं और यहां जब पिच पर कई सारी दरारे होती हैं तो उस पर कोई ध्यान नहीं देता।"
रोहित ने मैच रेफ़री और पिछले साल भारत में आयोजित विश्व कप के दौरान पिचों को मिली कुछ रेटिंग्स पर भी निशाना साधा। रोहित ने कहा, "मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि हम जहां भी जाएं तटस्थ रहें। विशेष रूप से मैच रेफ़री काे इसका ध्यान रखना चाहिए। कुछ मैच रेफ़री को इस बात पर नज़र रखने और ध्यान देने की ज़रूरत है कि वे पिचों को कैसे रेटिंग्स देते हैं। यह खेल एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसी कारण से मुझे उम्मीद है कि वे अपने आंख-कान खुले रखेंगे और खेल के सभी पहलुओं पर गौर करेंगे। ईमानदारी से कहूं तो मैं इस तरह की पिचों के पक्ष में हूं। हम इस तरह की पिचों पर खेल कर ख़ुद को चुनौती देना चाहते हैं। हमें गर्व कि हमने इस तरह की पिच पर मैच खेला लेकिन मैं बस यही कहना चाहता हूं कि रेफ़री हर जगह तटस्थ रहें।"
हाल ही में समाप्त हुई दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ में साउथ अफ़्रीका ने बिल्कुल भी स्पिन गेंदबाज़ी नहीं कराई। भारत ने अपने स्पिन गेंदबाज़ से पहले टेस्ट में केवल 19 ओवर कराए थे लेकिन दूसरे टेस्ट में सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ों ने ही गेंदबाज़ी की।
सिद्धार्थ मोंगा ESPNcricinfo के सीनियर लेखक हैं
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