एल्गर : साउथ अफ़्रीका के आईपीएल खिलाड़ियों को असमंजस की स्थिति में डाला गया था
बांग्लादेश के विरुद्ध टेस्ट सीरीज़ से पहले कप्तान ने "अगले दर्जे" के खिलाड़ियों पर भरोसा जताया

साउथ अफ़्रीका के टेस्ट कप्तान डीन एल्गर के अनुसार उनके कुछ अनुबंधित खिलाड़ियों को आईपीएल और बांग्लादेश के विरुद्ध होने वाली दो टेस्ट की सीरीज़ के बीच में एक को चुनना एक "असमंजस की स्थिति" थी। टेस्ट टीम के कई पहली पसंद के खिलाड़ी और ख़ास कर अफ़्रीकी पेस अटैक के बड़े नामों ने विकल्प दिए जाने पर अपनी अपनी आईपीएल फ्रैंचाइज़ी को ही चुना, जिसके चलते साउथ अफ़्रीकी चयनकर्ताओं को "अगले दर्जे" के खिलाड़ियों को चुनना पड़ा था। एल्गर ने तब इस पूरे विवाद को "वफ़ादारी की परीक्षा" बताया था लेकिन अब उनका कहना है कि वह इस बात को बेहतर समझ चुके हैं।
डरबन में होने वाले पहले टेस्ट से पूर्व एल्गर ने कहा, "जो खिलाड़ी यहां नहीं हैं उनसे मैंने काफ़ी गहराई में बात की है और मैं संतुष्ट हूं। मैंने उनकी मनोवैज्ञानिक स्थिति को परखा और उनके जवाब से मैं ख़ुश हूं।"
एल्गर ने खिलाड़ियों से हुई बात पर विस्तार से कुछ नहीं बताया लेकिन यह इशारा ज़रूर किया कि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (सीएसए) ने राष्ट्रीय टीम को प्राथमिकता देने पर ज़ोर ना देकर खिलाड़ियों को कठिन परिस्थिति में डाल दिया था। सीएसए और साउथ अफ़्रीका क्रिकेटर्स एसोसिएशन के बीच गठित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत हर साल खिलाड़ियों को सात हफ़्तों का समय आईपीएल के लिए अलग दिया जाता है और ऐसा प्रावधान किसी अन्य लीग के लिए नहीं होता। इस आईपीएल से पहले सीएसए ने खिलाड़ियों की आर्थिक ज़रूरतों और बीसीसीआई से अपने संबंध को ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों पर कोई ज़ोर नहीं डाला। ऐसे में सबने आईपीएल को ही चुना।
एल्गर ने कहा, "मुझे बहुत कुछ कहने की आज़ादी तो नहीं है लेकिन इतना तो है कि खिलाड़ियों को असमंजस की स्थिति में डाला गया था। अगर उन पर दबाव नहीं होता तो शायद वह जल्दबाज़ी में कोई फ़ैसला नहीं लेते। मैंने चर्चा में पता लगा लिया है कि यह खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट और टेस्ट टीम के प्रति कितने प्रतिबद्ध हैं। इनमें कई खिलाड़ियों ने पहले आईपीएल नहीं खेला और शायद वह इस बार ही आगे के लिए वहां के रास्ते बंद नहीं कारवाना चाहते थे।"
इस फ़ैसले के चलते बांग्लादेश सीरीज़ के लिए साउथ अफ़्रीका टीम में 128 टेस्ट मैचों का अनुभव घट गया है। कगिसो रबाडा (52), लुंगीसानी एनगिडी (13), मार्को यानसन (5), आनरिख़ नॉर्खिए (चोटिल होने के बावजूद उनके 12 टेस्ट), एडन मारक्रम (31) और रासी वान दर दुसें (15) ने टेस्ट सीरीज़ से अपना नाम बाहर कर लिया था और ऐसे में साउथ अफ़्रीका की टीम में चार खिलाड़ी संभवत: डेब्यू करेंगे और तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण में काफ़ी अनुभवहीनता दिखेगी। एल्गर ने उम्मीद जताई कि यह नए खिलाड़ी मौक़े का भरपूर फ़ायदा उठाएंगे।
उन्होंने कहा, "हमें अगले दर्जे के कई खिलाड़ियों से अच्छी क्रिकेट निकलवानी पड़ेगी। हां, हमने काफ़ी अनुभव खो दिया है लेकिन यही मौक़ा है कि नए खिलाड़ी आकर अच्छा खेल दिखाकर दूसरे खिलाड़ियों पर दबाव डाल सकते हैं।"
एल्गर की पहली चुनौती होगी टीम के लिए सीरीज़ में बेहतर शुरुआत करने की आदत बनाने की। इस सत्र में उन्होंने भारत और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ हुई सीरीज़ में पहला टेस्ट दोनों बार हारा। हालांकि आख़िर में सीरीज़ स्कोर रहे 2-1 और 1-1। एल्गर ने माना कि टीम को अच्छी शुरुआत करने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा, "हमें ख़राब शुरुआत से बचने का तरीक़े ढूंढने होंगे। न्यूज़ीलैंड में हमने देखा कि 1-0 से पिछड़ने पर आप पर कितना दबाव बन जाता है। अगर हम अच्छी शुरुआत करेंगे तो हम और सीरीज़ जीतेंगे क्योंकि सीरीज़ में हमारे खेल में क्रमश: सुधार आता है।"
इस दौरे पर साउथ अफ़्रीका को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ घर पर पहली बार वनडे सीरीज़ में हार का सामना करना पड़ा है और मुख्य कोच मार्क बाउचर और सफ़ेद गेंद क्रिकेट के कप्तान तेम्बा बवुमा दोनों ने इसका कारण आत्मविश्वास और तीव्रता की कमी को ठहराया। एल्गर टेस्ट में ऐसा नहीं देखना चाहते और उन्होंने कहा, "वनडे सीरीज़ के परिणाम से हमें काफ़ी दर्द हुआ और मैं चाहूंगा इस दर्द का हम सदुपयोग करें। हमें पता है यह पुरानी बांग्लादेश टीमों से अलग है। उनका एक नया पश्चिमीकृत कोचिंग दल है जो उन्हें साउथ अफ़्रीका में बेहतर क्रिकेट खेलने में मदद कर रहा है।"
कोचिंग स्टाफ़ केवल " पश्चिमीकृत " ही नहीं बल्कि लगभग साउथ अफ़्रीकी भी है। साउथ अफ़्रीका के ही भूतपूर्व कोच रसेल डॉमिंगो के आने के बाद बांग्लादेश ने वनडे क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध मैच जीते हैं और न्यूज़ीलैंड में अपना पहला टेस्ट भी जीता है। उनके साथ गेंदबाज़ी कोच के रूप में शामिल हुए हैं ऐलन डॉनल्ड।
पिच के संदर्भ में एल्गर ने कहा, "मैं चाहता हूं कि सतह पर अच्छी ख़ासी घास हो। मुझे उम्मीद है पिच पर गति और उछाल होगा और यह पांच दिनों तक अच्छा खेलेगी। किंग्समीड (डरबन) पर हालिया मैचों में गति और उछाल की कमी दिखी है लेकिन इस मैच के लिए उसे तैयार करने के लिए पर्याप्त समय मिला है। किंग्समीड के कई सालों से मैच नहीं हुआ है और उम्मीद है यह मैच पांच दिन चलेगा। अगर पिच पर गति और उछाल कम भी हो तो मुझे विश्वास है हम अपने खेल को बदल लेंगे।" साउथ अफ़्रीका ने 2018 के बाद डरबन में कोई टेस्ट नहीं खेला है। उस वक़्त ऑस्ट्रेलिया ने उन्हें हराया ज़रूर था लेकिन आख़िर सीरीज़ 3-1 से मेज़बान के पक्ष में गई थी।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo में सीनियर असिस्टेंट एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख देबायन सेन ने किया है।
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