भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में डिकॉक का कम से कम एक मैच से बाहर होना तय
डिकॉक की पत्नी जनवरी की शुरुआत में मां बनने वाली हैं, पहले टेस्ट के बाद विकेटकीपर बल्लेबाज़ छुट्टी पर जा सकते हैं
साउथ अफ़्रीका और भारत के बीच खेले जाने वाली तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ में क्विंटन डिकॉक कम से कम एक टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे। डिकॉक की पत्नी साशा गर्भवती हैं और वह जनवरी की शुरुआत में मां बनने जा रही हैं। उस दौरान डिकॉक अपनी पत्नी के साथ रहेंगे लिहाज़ा कम से कम एक टेस्ट से तो वह बाहर रहेंगे ही लेकिन बायो-बबल प्रोटोकॉल के मद्देनज़र वह दूसरे और तीसरे टेस्ट से भी बाहर हो सकते हैं।
साउथ अफ़्रीका के चयन संयोजक विक्टर एमपिट्सांग ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया कि डिकॉक तीसरे और आख़िरी टेस्ट से बाहर हो सकते हैं। संभावना ये भी है कि डिकॉक आख़िरी टेस्ट से पहले ही टीम के बायो-बबल को छोड़ दें, यानि अगर वह पहले टेस्ट के बाद और दूसरे टेस्ट से पहले ऐसा करते हैं तो फिर उनका तीसरे टेस्ट से पहले टीम के साथ जुड़ना कम ही मालूम पड़ता है। डिकॉक की जगह काइल वेरेन और रायन रिकलटन में से कोई एक विकेटकीपर की ज़िम्मेदारी निभा सकता है।
वेरेन ने इससे पहले वेस्टइंड़ीज़ दौरे पर जून में उप-कप्तान तेम्बा बवूमा की जगह साउथ अफ़्रीका के लिए डेब्यू किया था। उस दौरे पर तीन पारियों में वेरेन ने 39 रन बनाए थे, उनके पास पश्चिमी प्रांत की ओर से खेलते हुए तीन प्रथम श्रेणी मैचों का अनुभव हासिल है, जिसमें उन्होंने एक अर्धशतक भी लगाया है। जबकि अनकैप्ड रिकलटन ने अपने पिछले तीन प्रथम श्रेणी मुक़ाबलों में दो शतक लगाए हैं, साथ ही साथ उन्होंने अपनी टीम लॉयंस को अंक तालिका में शीर्ष पर भी पहुंचाया है।
साउथ अफ़्रीका के लिए टी20 विश्वकप मुक़ाबले के ग्रुप-स्टेज में भी डिकॉक एक मैच के लिए बाहर बैठे थे, जब उन्होंने #BlackLivesMatter मुहीम के तहत घुटने टेकने से इंकार कर दिया था। हालांकि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (सीएसए) के साथ हुई बातचीत के बाद उन्होंने बाक़ी मुक़ाबलों में ऐसा किया था और मैच भी खेला था। सीएसए ने ये भी साफ़ कर दिया है कि इस पूरे सत्र में उनकी राष्ट्रीय टीम इस मुहीम के साथ खड़ी होगी।
भारत के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सीरीज़ में भी साउथ अफ़्रीका के सभी खिलाड़ी घुटने टेकते हुए दिखाई देंगे। सीएसए ने खिलाड़ियों को तीन विकल्प दिए थे - घुटने टेकना, मुठ्ठी बांधते हुए हाथ उठाना और खड़े रहना, जिसमें से खिलाड़ियों ने घुटने टेकने का विकल्प चुना है।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।
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