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फ़ॉर्म अस्थायी रहता है और क्लास स्थायी : पुजारा

भारतीय बल्लेबाज़ के अनुसार टीम इस समय मैच में बनी हुई है

Pujara: 'I didn't do anything extra; I have been batting well'

Pujara: 'I didn't do anything extra; I have been batting well'

India batter looks back on his crucial half-century on day three of the Wanderers Test

भले ही एकादश में उनकी जगह तत्काल ख़तरे में नहीं थी लेकिन चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे वॉनडरर्स टेस्ट की दूसरी पारी से पहले ख़राब फ़ॉर्म से जूझ रहे थे। 27 रनों से पीछे होने के बाद भारत का स्कोर दो विकेट के नुक़सान पर 44 रन था और पिच पर गेंद हरकत कर रही थी, असमतल उछाल भी देखने को मिल रहा था।

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पुजारा और रहाणे ने तुरंत खेल के रुख़ को बदला और 4.75 के रन रेट से 111 रन जोड़े। यह उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार साउथ अफ़्रीका में भारत की सबसे तेज़ शतकीय साझेदारी है। हालांकि 1997 के केपटाउन टेस्ट में पांचवीं विकेट के लिए मोहम्मद अज़हरुद्दीन और सचिन तेंदुलकर के बीच 222 रनों की साझेदारी (स्कोरकार्ड में विकेटों के गिरने की जानकारी नहीं है) इससे तेज़ हो सकती है।

दूसरे दिन के अंतिम सेशन में पुजारा ने आक्रामक रुख़ अपनाया और तीसरे दिन की सुबह तक मात्र 62 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों पर हावी होने की एक सोची समझी योजना थी? पुजारा ने कहा कि वह केवल रन बनाने के मौक़े ढूंढ रहे थे।

तीसरे दिन के खेल के बाद पुजारा ने कहा, "इस पिच पर असमतल उछाल है। खेलना आसान नहीं है और इसलिए जब आपको ख़राब गेंद मिलती है तब आप उस पर प्रहार करने का प्रयास करते हैं। आप नहीं जानते कि कब वह गेंद आ जाए जिस पर आपका नाम लिखा होगा। तो हां यह मेरी योजना थी कि अगर मुझे ख़राब गेंद मिलेगी तो मैं उस पर रन बनाऊंगा।"

उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता है कि मैं अच्छी बल्लेबाज़ी कर रहा था। यह वैसा दिन था जब सब कुछ मेरे पक्ष में जा रहा था। मैं मानता हूं कि अजिंक्य के साथ मेरी साझेदारी महत्वपूर्ण थी क्योंकि हम एक कठिन स्थिति में थे। हमें रन बनाने थे और अंत में मेरा स्कोर नहीं बल्कि टीम का स्कोर ज़्यादा मायने रखता है। इसलिए अजिंक्य के साथ मेरी साझेदारी अहम थी।"

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'रन बनाना बल्लेबाज़ों का काम है अगर ऐसा नहीं करेंगे तो आलोचनाओं का सामना करना होगा'

दोनों बल्लेबाज़ों ने अर्धशतक बनाया और अपने सिर पर लटक रही तलवार को काफ़ी हद तक मयान में डाल दिया। हालांकि पुजारा ने बताया कि टीम प्रबंधन को उन पर और अजिंक्य पर पूरा विश्वास था और फ़ॉर्म पर सवाल केवल बाहर से उठाए जा रहे थे।

इस पर उन्होंने कहा, "देखिए, टीम प्रबंधन का समर्थन हमेशा से था, मैं कहूंगा कि यह बाहरी शोर था। सहायक स्टाफ़, कप्तान और खिलाड़ियों ने हम पर भरोसा जताया और हम भी मेहनत कर रहे हैं। ऐसा समय आता है जब बल्ले से रन नहीं निकलते हैं लेकिन एक क्रिकेटर के लिए आवश्यक है कि वह अपने खेल पर काम करता रहे और निरंतरता के साथ प्रयास करे। अगर आप सही प्रक्रियाओं का पालन करेंगे तो आपके रन बनने लगेंगे। आज भी यही हुआ और मुझे विश्वास है कि यह फ़ॉर्म जारी रहेगा और हम अगले मैच में भी बड़ा स्कोर बनाएंगे।"

हालांकि यह बाहरी शोर केवल घर पर बैठे आलोचकों से नहीं आया। साझेदारी की शुरुआत में टीवी कॉमेंट्री पर सुनील गावस्कर ने सुझाव दिया था कि पुजारा और रहाणे शायद टीम में अपने स्थान के लिए खेल रहे हैं।

पुजारा ने कहा, "हमें पूरा आत्मविश्वास हैं और टीम प्रबंधन भी हमारे साथ है। हम सन्नी भाई से सीखते रहते हैं और जब भी मैंने उनसे बात की है, वह सहायक रहे हैं। लेकिन हां, जब आप ख़राब फ़ॉर्म से गुज़रते हैं तो सवाल अवश्य उठाए जाएंगे। मैं और अजिंक्य आत्मविश्वासी है और हमें पता है कि हम मेहनत कर रहे हैं। वह कहावत है ना : फ़ॉर्म अस्थायी है, जबकि क्लास स्थायी रहती है। मेरा मानना है कि वह यहां लागूं होती है।"

वह आगे कहते हैं, "हमने पहले भी भारतीय टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन किया है और प्रबंधन ने हम पर विश्वास दिखाया है। मुझे लगता है कि हम अपने खेल पर काम करते रहेंगे तो हमें इसका फल अवश्य मिलेगा। देखा जाए तो फल मिल गया है लेकिन एक बल्लेबाज़ के तौर पर आप जितने ज़्यादा मैच खेलते जाएंगे, आपके बल्ले से उतने ज़्यादा रन निकलेंगे।"

तीसरे दिन के बाद वॉनडरर्स टेस्ट एक रोमांचक मोड़ पर जा पहुंचा है। 240 के लक्ष्य का पीछा कर रही साउथ अफ़्रीका इस समय दो विकेट पर 118 रन बना चुकी है। भले ही साउथ अफ़्रीका ने आधा लक्ष्य पार कर लिया है, पुजारा को विश्वास है कि भारत बचे हुए आठ विकेट लेकर सीरीज़ में 2-0 की बढ़त बना लेगा।

पुजारा ने कहा, "यह एक कठिन पिच है और हमने बोर्ड पर रन लगा दिए हैं। इस वजह से हम नियंत्रण में हैं। भले ही हमने आज इतने विकेट नहीं चटकाए, हमें पूरा विश्वास है कि यह पिच कल और टूटेगी और हमें कल मौक़े मिलेंगे।"

इस पूरे टेस्ट मैच के दौरान सेशन का पहला घंटा बल्लेबाज़ी के लिए आसान दिखाई दिया है जबकि असमतल उछाल दूसरे घंटे की विशेषता बन गया है। पुजारा का कहना है कि भारी रोलर इसका मुख्य कारण हो सकता है।

उन्होंने कहा, "जब आप भारी रोलर का उपयोग करते है तो सतह थोड़ी जम जाती है और दरारें खुलने में समय लगता है। हालांकि एक घंटे बाद हमें असमतल उछाल देखने मिला है। हमें उम्मीद है कि कल भी ऐसा ही होगा। पहले घंटे में पिच आसान रहेगी लेकिन जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ेगा, दरारें खुलती चली जाएंगी।"

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