क्या रिंकू के बिना भारत अपना सर्वश्रेष्ठ टी20आई प्लेइंग XI बना पाएगा ?
रिंकू सिंह ने अभी तक टी20 अंतर्राष्ट्रीय में कमाल की बल्लेबाज़ी की है लेकिन जब सीनियर लौटेंगे तो उनका स्थान पक्का नहीं है

यह साउथ अफ़्रीका की गर्मियों की बस शुरुआत है लेकिन सेंट जॉर्ज पार्क की पिच पहले हाफ़ में काफ़ी मुश्किल थी। गेंद बल्ले पर ठीक से नहीं आ रही थी। एसए20 में सनराइज़र्स ईस्टर्न केप के गेंदबाज़ी कोच और साउथ अफ़्रीका के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ ने कॉमेंट्री पर नोटिस किया कि हाईवेल्ड की तुलना में इस तटीय स्थल पर गेंद अधिक दूर तक नहीं जाती है। साथ ही मंगलवार को स्ट्रेट बाउंड्री स्क्वेयर बाउंड्री से बड़ी थीं।
हालांकि यह रिंकू सिंह के लिए ज़्यादा बड़ी नहीं थी, जो अपनी ताक़त का इस्तेमाल करते हुए लंबे शॉट हैं। अपनी पारी के दौरान तो उन्होंने एक सिक्सर ऐसा लगाया कि मीडिया बॉक्स का शीशा ही टूट गया। उन्होंने शीशे और साउथ अफ़्रीका के आक्रमण दोनों को ही काफ़ी नुकसान पहुंचाया। रिंकू ऐडन मारक्रम की गेंद पर क्रीज़ से आगे निकले और उनके सिर के ऊपर से एक लंबा छक्का लगाया। रिंकू जब यह ताबड़तोड़ पारी खेल रहे थे तो काफ़ी समय तक नॉन स्ट्राइकर एंड पर दुनिया के नंबर एक टी20आई बल्लेबाज़ सूर्यकुमार यादव भी बेहतरीन लय में बल्लेबाज़ी कर रहे थे।
रिंकू के बल्ले से और भी कुछ ख़ास शॉट निकले जैसे लिज़ार्ड विलियम्स की 120 किमी प्रति घंटा की गति से की गई गेंद को उन्होंने फ़्लैट बल्ले से प्वाइंट के सिर के ऊपर से एक शानदार शॉट मारा। इसकी अगली ही गेंद पर उन्होंने उसी दिशा में एक और दर्शनीय चौका मारा।
रिंकू जब बल्लेबाज़ी करने आए तो पावरप्ले का आख़िरी ओवर चल रहा था और स्कोर तीन विकेट पर 55 रन था। सूर्यकुमार का साथ देकर उन्होंने भारत को 19.3 ओवर में सात विकेट पर 180 रनों तक पहुंचा दिया, इसके बाद बारिश आ गई। यह किसी ओर दिन मैच जिताने वाला स्कोर हो सकता था, लेकिन बारिश के बाद गेंद स्किड होने लगी और डीएलएस पद्धति से मिले 15 ओवर में 152 रनों के लक्ष्य को साउथ अफ़्रीका ने आसानी से पा लिया।
जब वह बल्लेबाज़ी आए तो उन्हें सेंट जॉर्ज पार्क की पिच से सामंजस्य बैठाने में मुश्किल आ रही थी। वह एंडिले फेहुक्वायो पर रिवर्स स्वीप नहीं लगा सके क्योंकि गेंद सीम के सहारे मूव कर रही थी। वह एक समय 11 गेंदों पर नौ रन पर थे। लेकिन यह सब उन्हें उनके इरादे और ताक़त दिखाने से नहीं रोक सका।
रिंकू ने इसके बाद नौ चौके और दो छक्के लगाकर 39 गेंद में से 19 गेंदों पर ताक़तवर प्रहार किए। वह 31 गेंद में नाबाद 68 रन बनाकर लौटे और उनका स्ट्राइक रेट भी 175 से थोड़ा नीचे था। सूर्यकुमार भी रिंकू के अलावा भारतीय टीम के ऐसे बल्लेबाज़ रहे जिन्होंने इस पिच पर 150 के अधिक के स्ट्राइक रेट से रन बनाए।
रिंकू की इस कोशिश ने भारत के पुराने टी20 बल्लेबाज़ी स्टाइल की याद दिला दी। सूर्यकुमार भी भारत की अगली पीढ़ी के दृष्टिकोण को देखकर अचंभित थे। उन्होंने कहा, "जिन लड़कों को मैं अभी टी20 में देख रहा हूं, वे काफ़ी प्रभावशाली और बहुत निडर हैं। उन्हें असफलता का डर नहीं है, फिर चाहे जो भी हो, उस दिन रन बने या नहीं, उनका नज़रिया मैदान पर और बाहर समान ही रहता है। मुझे लगता है कि यह संतुलन बेहद अहम है। और मैंने बस उनको इस प्रारूप का लुत्फ़ लेने के लिए कहा है। मैंने उन्हें साफ़ कहा है कि उन्हें कुछ अलग करने की ज़रूरत नहीं है।"
तिलक वर्मा और जितेश शर्मा को श्रेयस अय्यर और इशान किशन पर तवज़्जो दी गई लेकिन वे रिंकू की तरह प्रभाव नहीं डाल सके। रिंकू का अभी तक का टी20आई सफ़र शानदार है जहां पर उन्होंने 11 मैचों में 82.66 की औसत और 183.70 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं।
रिंकू की फ़ायर पावर और उनका बायें हाथ का बल्लेबाज़ होना भारत के मध्य क्रम में एक अंतर पैदा करता है। हालांकि अभी भी उन्हें अगले साल वेस्टइंडीज़ और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप में जगह बनाना बाक़ी है। यदि रोहित शर्मा, विराट कोहली और हार्दिक पंड्या टूर्नामेंट में आते हैं और रवींद्र जाडेजा अपना नंबर सात स्थान पक्का रखते हैं तो रिंकू अंतिम एकादश से बाहर हो सकते हैं।
लेकिन यदि रिंकू टी20 विश्व कप से पहले ऐसे ही खेलते रहेंगे तो उन्हें बाहर रखना मुश्किल हो जाएगा और इस बीच आईपीएल 2024 भी है।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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