केपटाउन टेस्ट की पिच से ICC 'असंतुष्ट'
मिला एक डिमेरिट अंक, दोहरी उछाल थी प्रमुख समस्या

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने भारत और साउथ अफ़्रीका के बीच खेले गए केपटाउन टेस्ट की पिच को 'असंतोषजनक' क़रार दिया है और पिच के डिमेरिट अंक भी कटे हैं। क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (CSA) ने ESPNcricinfo को जानकारी दी है कि वे इसके ख़िलाफ़ कोई अपील नहीं करेंगे। CSA के एक अधिकारी ने इस फ़ैसले को 'सही' क़रार दिया।
सिर्फ़ पांच सत्र और 642 गेंदों तक चले क्रिकेट इतिहास के इस सबसे छोटे टेस्ट मैच को भारत ने सात विकेट से जीता था। दोहरी उछाल के कारण तेज़ गेंदबाज़ों को यहां नई और पुरानी दोनों गेंदों से मदद मिल रही थी। किसी भी टीम ने इस मैच में एक ओवर भी स्पिन गेंदबाज़ी नहीं कराई।
आईसीसी के मैच रेफ़री क्रिस ब्रॉड ने दोनों कप्तानों डीन एल्गर और रोहित शर्मा से बातचीत करने के बाद पिच को 'असंतोषजनक' क़रार दिया। दोनों कप्तानों का मानना था कि पिच मानकों से नीचे थी।
ब्रॉड ने कहा, "इस पिच पर बल्लेबाज़ी करना कठिन था। पूरे मैच के दौरान गेंद जल्दी और तेज़ी से उछलकर ख़तरनाक रूप से बल्लेबाज़ के पास आ रही थी, जिसके कारण शॉट खेलना मुश्किल हो रहा था। कुछ बल्लेबाज़ों के ग्लव्स पर गेंदें लगीं और असमतल उछाल से कई विकेट भी गिरे।"
ICC किसी भी पिच को चार ग्रेड में मेरिट देती है- बहुत अच्छा, संतोषजनक, असंतोषजनक, खेलने लायक ही नहीं (अनफ़िट)। 'असंतोषजनक' ग्रेड के लिए किसी पिच को एक डिमेरिट अंक, वहीं अनफ़िट पिच को तीन डिमेरिट अंक मिलते हैं।
किसी मैदान को पांच साल के भीतर छह डिमेरिट अंक मिलने पर उसे 12 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाता है, वहीं अगर 12 डिमेरिट अंक हुए तो यह प्रतिबंध दो साल का हो जाता है।
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