Features

आंकड़े : केपटाउन में पहला दिन रहा गेंदबाज़ों के नाम

पिछले 70 वर्षों में यह सिर्फ़ दूसरा अवसर था जब पहले दिन 3 पारियां खेली गईं

मांजरेकर : सिर्फ़ पिच का दोष नहीं गेंदबाज़ों का भी है कमाल

मांजरेकर : सिर्फ़ पिच का दोष नहीं गेंदबाज़ों का भी है कमाल

साउथ अफ़्रीका और भारत के बीच खेले जा रहे दूसरे टेस्ट के पहले दिन का लेखा जोखा संजय मांजरेकर के साथ

23 बुधवार को केपटाउन में 23 विकेट गिरे, जो कि एक दिन में साउथ अफ़्रीका में गिरे सबसे ज़्यादा विकेट थे। इससे पहले 2011 में साउथ अफ़्रीका और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए टेस्ट मैच में इतने ही विकेट गिरे थे और वह मैच भी न्यूलैंड्स में ही खेला गया था।

Loading ...

1 ऐसा सिर्फ़ एक ही बार हुआ है जब किसी टेस्ट के पहले दिन केपटाउन टेस्ट के पहले दिन से ज़्यादा विकेट गिरे हों। 1902 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में खेले गए मैच के पहले दिन 25 विकेट गिरे थे।

153 भारत ने 153 के स्कोर पर अपने छह विकेट गंवा दिए। यह टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार है जब किसी टीम ने एक ही स्कोर पर अपने छह विकेट गंवाए हों।

11 भारत ने महज़ 11 गेंदों पर अपने अंतिम छह विकेट गंवा दिए। इससे पहले चार बार ऐसा हुआ है जब किसी टीम ने किसी टेस्ट पारी में 27 गेंदों पर अपने अंतिम छह विकेट गंवाए हों। गेंदों की संख्या के लिहाज़ से भारत ने सबसे कम गेंदों पर अपने अंतिम छह विकेट गंवाए।

349 अपनी पहली पारी में साउथ अफ़्रीका और भारत मिलकर 349 गेंदें ही खेल पाए जोकि टेस्ट क्रिकेट उठाए में दो टीमों द्वारा मिलकर खेली गईं सबसे कम गेंदों की सूची में दूसरे नंबर है। 1902 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए मेलबर्न टेस्ट में दोनों टीमें अपनी पहली पारी में मिलकर 287 गेंदें ही खेल पाई थीं।

8 अब तक पुरुष टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा सिर्फ़ आठ बार ही हुआ है जब किसी टेस्ट के पहले दिन ही तीन पारियां खेली गई हों। जबकि पिछले 70 वर्षों में यह सिर्फ़ दूसरा अवसर है, इससे पहले 2019 में इंग्लैंड और आयरलैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले गए टेस्ट मैच में भी ऐसा ही हुआ था।

2 ट्रिस्टन स्टब्स सिर्फ़ दूसरे ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने टेस्ट डेब्यू के पहले दिन दो बार आउट हुए। उनसे पहले इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका के बीच 1896 में खेले गए मैच में इंग्लैंड के हैरी बट भी अपने टेस्ट डेब्यू के पहले दिन दो बा आउट हुए थे।

6 भारत के छह बल्लेबाज़ डक का शिकार हुए। जोकि किसी टेस्ट पारी में इतने बल्लेबाज़ों के डक का शिकार होने से के लिहाज़ से सर्वाधिक है। ऐसा टेस्ट क्रिकेट में कुल सात बार हो चुका है, जिसमें 2014 में भारत इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर में खेला गया मैच भी शामिल है।

0 भारत के अंतिम पांच बल्लेबाज़ (7-11) एक भी रन नहीं बना पाए, जिसमें चार डक भी शामिल हैं। इससे पहले सिर्फ़ दो बार ही ऐसा हुआ है जब अंतिम पांच बल्लेबाज़ एक रन भी नहीं जोड़ पाए। 1959 (ढाका) और 2001 (ऑकलैंड) में क्रमशः वेस्टइंडीज़ और न्यूज़ीलैंड के साथ ऐसा हुआ और दोनों ही बार प्रतिद्वंदी टीम पाकिस्तान ही थी।

IndiaSouth AfricaSouth Africa vs IndiaIndia tour of South Africa