इस श्रृंखला में कई बार हमें ज़बरदस्त दबाव में डाला गया:एल्गर
"यदि आप बढ़िया प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो आपको कठिन और कड़े लहजे में बात करने की आवश्यकता है"

दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के ख़िलाफ़ सीरीज़ में 0-1 से पिछड़ने के बाद जिस तरीक़े से साउथ अफ़्रीकी टीम ने वापसी की है, उससे उनके कप्तान डीन एल्गर काफ़ी ख़ुश हैं। केपटाउन में मेज़बान टीम ने भारत को सात विकेटों से मात देकर इस श्रृंखला को 2-1 से जीत लिया। मैच के बाद एल्गर ने कहा कि श्रृंखला में कई बार उनकी टीम पर "जबरदस्त दबाव" डाला गया और उन्होंने अपने खिलाड़ियों के साथ कई बार बेहद "कड़े लहजे" में भी बात की, जिसका जवाब उनके खिलाड़ियों ने काफ़ी संजीदगी से दिया और पिछले दो टेस्ट मैचों में अपने प्रदर्शन के स्तर को काफ़ी बढ़ाया।
एल्गर ने प्रेजेंटेशन में मेज़बान प्रसारक को बताया, "मैं बहुत उत्साहित हूं। मुझे लगता है कि यह स्पष्ट रूप से एक या दो दिन में खत्म भी हो जाएगा या शायद आज शाम को ही यह उत्साह खत्म हो जाएगा।" "आज मैं अपनी टीम के सभी खिलाड़ियों से काफ़ी खुश हूं और गौरवान्वित हूं। इस श्रृंखला में हमें कई बार दबाव में डाला गया लेकिन हमारी टीम के खिलाड़ियों ने उस दबाव से निपटने के लिए बढ़िया प्रतिक्रिया दी।"
पहली हार के बाद, हमारी टीम को दूसरे और तीसरे टेस्ट से काफ़ी उम्मीदें थी। हम जानते थे कि हम इस सीरीज़ को जीत सकते हैं। हमें स्पष्ट रूप से उस सीरीज़ को जीतने के लिए एक बेहतर प्रक्रिया के दौर से गुजरना था और साथ ही इस खेल के कुछ आधारभूत नियमों का पालन करना था। हमने अपने खिलाड़ियों से कहा कि पहले टेस्ट के बाद हमारे ऊपर जिस तरीके का भी दबाव बना है, हमें उसका बेहतर तरीक़े से जवाब देना होगा और हमारे खिलाड़ियों ने उस दबाव से निकलने के लिए बिल्कुल सही प्रक्रिया का चयन किया।"
यह पूछे जाने पर कि मेज़बान टीम ने भारत की तरह अनुभवी नहीं होने के बावजूद कैसे सीरीज़ को जीतने में कामयाबी पाई तो एल्गर ने कहा, "इस प्रकार की कठिन परिस्थितियों में खड़े होने के लिए आपको एक मज़बूत मानसिक चरित्र की आवश्यकता होती है। पिछले दो टेस्ट में हमारी गेंदबाज़ी इकाई ने जिस तरह का प्रदर्शन किया है वह शानदार है, पूरी श्रृंखला में वे शानदार रहे हैं। किसी भी गेंदबाज़ के लिए एक टेस्ट सीरीज़ में साठ विकेट निकालना एक कठिन चुनौती है लेकिन मैंने पहले गेम के बाद उन्हें यह चुनौती दी कि आप ऐसा कर के दिखाएं और उन्होंने उस चुनौती को स्वीकार करते हुए, 60 विकेट झटके। हमारे पास एक युवा, प्रतिभाशाली समूह है लेकिन वे जिस प्रकार का अनुभव प्राप्त कर रहे हैं, वह आगे आने वाले समय में काफ़ी कारगर साबित हो सकता है।"
जैसा कि एल्गर ने कहा, साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ी ने इस पूरे श्रृंखला में भारतीय टीम को पछाड़ने का काम किया। साउथ अफ़्रीका के चार तेज़ गेंदबाज़ों में से तीन कगिसो रबाडा (20), मार्को यानसर (19) और लुंगी एनगिडी (15) विकेट लेने वाले चार्ट में शीर्ष पर हैं, जबकि भारत का कोई भी गेंदबाज़ श्रंखला में 15 विकेट नहीं ले सका।
विराट कोहली ने प्रेजेंटेशन में यह भी स्वीकार किया कि साउथ अफ़्रीका के गेंदबाज़ "लंबे समय तक दबाव बनाने में कामयाब थे।"
एल्गर ने कहा, "आख़िरकार, यदि आप उच्च प्रदर्शन स्तर पर प्रदर्शन करना चाहते हैं, तो आपको कठिन और कड़े लहजे में बात करने की आवश्यकता है। मैं एक पुरानी मानसिकता के साथ काम करता हूं और उसमें मैंने कुछ नई चीज़ों को भी जोड़ा है। मैंने सीनियर खिलाड़ियों को कुछ उचित चुनौतियां भी दीं, और उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार किया। हमने जो तीन मैचों की श्रृंखला खेली है, उसके लिए मुझे ना ही कोई पछतावा है और ना ही मन में कोई निराशा है। मुझे लगता है कि श्रृंखला जीतने के लिए मैंने हमें सबसे अच्छा संदेश दिया है।"
विशाल दीक्षित ESPNcricinfo के अस्सिटेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.