Features

कृष्णस्वामी : तकनीक की चिंता किए बिना आक्रामक बल्लेबाज़ बने अश्विन

अब वह अपने हाथों और आंखों के बीच के तालमेल पर भरोसा करते हुए शॉट खेल रहे हैं

अश्विन की पारी की वजह से ही भारत ने 200 का स्कोर पार किया : संजय मांजरेकर

अश्विन की पारी की वजह से ही भारत ने 200 का स्कोर पार किया : संजय मांजरेकर

'ऑस्ट्रेलिया में खेली गई पारी के बाद अश्विन का आत्मविश्वास और भी बढ़ गया है'

ऐसा हर दिन नहीं होता कि एक साझेदारी में कोई बल्लेबाज़ ऋषभ पंत से ज़्यादा रन बनाए। लेकिन अपने दिन पर रविचंद्रन अश्विन उन गिने-चुने खिलाड़ियों में से एक हैं जो ऐसा कर सकते हैं। और चार वर्षों के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने अपनी ख़ूबसूरत टाइमिंग का परिचय दिया।

Loading ...

2017 और 2020 के बीच 39 पारियों में अश्विन की औसत मात्र 16.72 की थी और इस दौरान उन्होंने केवल एक अर्धशतक बनाया। अब उनके बल्ले से रन निकलने लगे है। 2021 की शुरुआत से उनकी औसत 26.73 की हो गई है और इस दौरान उन्होंने आक्रामक बल्लेबाज़ी का रुख़ अपनाया है।

हालिया मैचों की तरह सोमवार को भी अश्विन ने दबाव में होने के बावजूद आक्रामकता के साथ मेज़बान टीम पर पलटवार किया। इससे पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में उन्होंने 27 गेंदों में 22 रन की पारी खेली थी और फिर कानपुर में न्यूज़ीलैंड के विरुद्ध दोनों पारियों में 30-30 रन बनाए। वह बेहतर पोज़िशन (स्थिति) में आ रहे थे जहां से ड्राइव लगाना आसान हो रहा था। उनके कुछ शॉट ने तो टेस्ट क्रिकेट में उनके शुरुआती दिनों की याद दिला दी जब उनकी सहज बल्लेबाज़ी की तुलना वीवीएस लक्ष्मण से की जाती थी।

उनकी बल्लेबाज़ी से यह सहजता 2017 और 2020 के बीच ग़ायब सी हो गई थी जब वह रन बनाने के प्रयास में अपनी तकनीक में लगातार बदलाव कर रहे थे। पिछले एक वर्ष में अश्विन फिर से अपने हाथों और आंखों के बीच के तालमेल पर भरोसा करते हुए आक्रामक बल्लेबाज़ी करने लगे हैं। सिडनी में उनकी मैच बचाऊ पारी के बाद से तेज़ गेंदबाज़ी के ख़िलाफ़ उन्होंने 69.17 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। विशेष बात यह है कि 292 गेंदों का सामना करते हुए उन्होंने 30 चौके लगाए यानि वह लगभग हर 10 गेंदों में एक चौका जड़ रहे हैं। अश्विन का कहना है कि उन्होंने तेज़ गेंदबाज़ों को आड़े हाथों लेने की कोई रणनीति नहीं बनाई हैं। उनके अनुसार उन्हें नियंत्रण के साथ गेंद को खेलने का फल मिल रहा है।

वॉनडरर्स में पहले दिन के खेल के बाद अश्विन ने कहा, "बीच के कुछ वर्षों में मैं रन बनाने के लिए अपनी तकनीक में सुधार कर रहा था। इस दौरान शायद क्रीज़ में बेहतर स्थिति में आकर खेलने की मेरी आदत छूट गई। इससे पहले भी मैं तेज़ी से रन बनाता था। ऐसा नहीं है कि मैंने केवल शॉट लगाने की कोई योजना बनाई है।"

मैं ऐसे पोज़िशन में आता हूं जहां से मैं वह शॉट खेल सकूं जो अधिकतर विशेषज्ञ बल्लेबाज़ नहीं खेल पाते हैं : रविचंद्रन अश्विन  AFP via Getty Images

उन्होंने आगे कहा, "मैं ऐसे पोज़िशन में आता हूं जहां से मैं वह शॉट खेल सकूं जो अधिकतर विशेषज्ञ बल्लेबाज़ नहीं खेल पाते हैं। इसी आज़ादी ने मुझे अतीत में सफलता दिलाई है।"

शॉट खेलने के बारे में वह पंक्ति को बेकार का दावा नहीं है। यहां तक कि उनकी छोटी से छोटी पारी को अश्विन एक बेहतरीन शॉट के साथ रोशन कर देते हैं : अब 2017 में बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ हुए मैच को ही ले लीजिए जब एक अनिश्चित उछाल वाली पिच पर उन्होंने जॉश हेज़लवुड की गेंद को बैकफ़ुट से ड्राइव करते हुए सीमा रेखा की ओर भेज दिया था।

सोमवार की पारी में भी ऐसे तीन शॉट थे जो आपको याद रहेंगे : लुंगिसानी एनगिडी के ख़िलाफ़ मिडऑन की दिशा में पुश, कवर क्षेत्र में केशव महाराज के ख़िलाफ़ एक लाजवाब ड्राइव और कगिसो रबाडा के ख़िलाफ़ मिडविकेट के ऊपर से एक ऑन ड्राइव।

अश्विन ने कहा, "सब कुछ सही शॉट को चुनने और हाथों को गेंद के क़रीब ले जाने पर निर्भर करता है। ऑस्ट्रेलिया दौरे से या उससे ठीक पहले मैं इस कला में फिर से सक्षम होने लगा हूं। बल्लेबाज़ी कोच विक्रम राठौर ने बहुत मदद की है और वह नेट में इन चीज़ों में सुधार लाने पर काम कर रहे हैं।"

अश्विन ने स्वीकार किया कि शुरुआती क्षणों में उनके पाले में गेंद मिलने के कारण उन्हें तेज़ शुरुआत करने का अवसर मिला। उन्हें लगा कि साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों ने उनके ख़िलाफ़ पटकी हुई गेंदबाज़ी करते हुए उन्हें लय पकड़ने में मदद की।

उन्होंने कहा, "जब मैं क्रीज़ पर पहुंचा तो पहले मुझे एक सीधी गेंद मिली जिसे मैंने सीधे बल्ले से सामने की ओर खेल दिया। इसके बाद मैंने एनगिडी की गेंद को ऑफ़ स्टंप से ऑफ़ साइड पर खेल दिया। गेंदें आती गई और मैंने उनपर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस स्ट्राइक रेट से खेलने की कोई रणनीति नहीं थी, कभी-कभी ऐसा हो जाता है। यही तो इस खेल की विशेषता है।"

अंत में अश्विन ने बताया, "उन्होंने शॉर्ट गेंदबाज़ी के साथ शुरुआत की। मुझे लगता है कि जब मैं शुरू में ही शॉर्ट गेंदें खेलता हूं तो मुझे लय पकड़ने में आसानी होती है। मैंने कुछ योजनाएं बनाई थी और मुझे आनंद है कि वह काम कर गई। मैं इसपर और काम करूंगा और टीम के लिए योगदान देने का प्रयास करूंगा।"

Ravichandran AshwinIndiaSouth Africa vs IndiaIndia tour of South AfricaICC World Test Championship

कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।