आंकड़े : श्रीलंका का सबसे न्यूनतम टेस्ट स्कोर, दूसरी सबसे छोटी टेस्ट पारी
डरबन में 42 रनों पर ऑलआउट हुई श्रीलंका की डरबन टेस्ट पारी की झलकियां

42 श्रीलंका ने डरबन टेस्ट की पहली पारी में 42 रन बनाए, जो टेस्ट क्रिकेट में उनका न्यूनतम स्कोर है। उनका पिछला न्यूनतम 1994 में कैंडी में आया था जब वे पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 71 रन पर ऑलआउट हो गए थे।
यह विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में दूसरा न्यूनतम स्कोर है, न्यूनतम स्कोर 2020 में भारत का ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ है, जब वे 36 रनों पर ढेर हो गए थे।
13.5 42 रनों पर ऑलआउट होने पर श्रीलंका ने 13.5 ओवर तक बल्लेबाज़ी की। यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरी छोटी पारी है। छोटी पारी 12.3 ओवर है, जब इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1924 में बर्मिंघम टेस्ट में साउथ अफ़्रीका 30 रनों पर ऑलआउट हो गई।
41 श्रीलंका के ख़िलाफ़ सातवां विकेट मार्को यानसन ने 41 गेंद में लिया जो पुरुष टेस्ट पारी में सातवां विकेट लेने पर संयुक्त तौर पर सबसे गेंद हैं। ह्यू ट्रंबल ने भी इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 1904 मेलबर्न टेस्ट में 41 गेंद में सातवां विकेट लिया था, जहां पर उन्होंने 6.5 ओवर में चौथी पारी में 28 रन देकर सात विकेट लिए थे।
1 श्रीलंका का 42 रनों पर ऑलआउट होना साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ किसी टीम का न्यूनतम स्कोर है। पिछला न्यूनतम स्कोर 45 था, जो 2013 केपटाउन टेस्ट में न्यूज़ीलैंड ने बनाया था।
यह साउथ अफ़्रीका में किसी टीम का भी तीसरा न्यूनतम स्कोर है। 1896 में पोर्ट एलिज़ाबेथ में मेज़बान टीम 30 रनों पर ऑलआउट हुई थी और 1899 में केपटाउन टेस्ट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ साउथ अफ़्रीका ही 35 रनों पर ऑलआउट हुई थी।
13 यानसन ने सात विकेट लेने में 13 रन ख़र्च किए। केवल तीन गेंदबाज़ों ने पुरुष टेस्ट पारी में सात या उससे अधिक विकेट लेते हुए इससे कम रन ख़र्च किए हैं। सबसे कम रन का रिकॉर्ड ज्यॉर्ज लोहमन के नाम है, जिन्होंने 1896 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 8 रन देकर 7 विकेट लिए थे।
7 यानसन ने सभी सात बल्लेबाज़ों को 10 रनों से पहले आउट किया। 1970 से पुरुष टेस्ट में केवल दो अन्य गेंदबाज़ों ने सात या अधिक बल्लेबाज़ों को 10 रनों से पहले आउट किया है। स्टुअर्ट ब्रॉड ने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ 2013 लॉर्ड्स टेस्ट में और मिचेल जॉनसन ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 2013 एडिलेड टेस्ट में ऐसा किया था।
5 डरबन में पहली पारी में पांच श्रीलंकाई बल्लेबाज़ शून्य पर आउट हुए। यह एक टेस्ट पारी में उनका संयुक्त रूप से सबसे अधिक है। 1990 में चंडीगढ़ टेस्ट में भारत के ख़िलाफ़ पांच बल्लेबाज़ श्रीलंका के शून्य पर आउट हुए और 2006 वेलिंगटन टेस्ट में न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ ऐसा हुआ।
149 साउथ अफ़्रीका ने डरबन में पहली पारी में 149 रनों की बढ़त ली, जो पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 200 या उससे कम रनों पर आउट होने पर किसी टीम की सबसे अधिक बढ़त है। पिछला सर्वश्रेष्ठ 118 था जो ऑस्ट्रेलिया ने 1981 वाका टेस्ट में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हासिल किया था। ऑस्ट्रेलिया उस मैच में पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 180 रनों पर ऑलआउट हो गई थी लेकिन पाकिस्तान को 62 रनों पर रोक दिया था।
17 प्रभात जयसूर्या को 100 विकेट लेने के लिए 17 टेस्ट लगे। मैच के हिसाब इस माइलस्टोन पर पहुंचने में यह संयुक्त तौर पर दूसरा सबसे तेज़ है। ज्यॉर्ज लोहमन ने 1896 में 16 टेस्ट में यह कारनामा किया था। चार्ली टर्नर, सिडनी बर्नेस, क्लैारी ग्रिमेट और यासिर शाह ने 17 टेस्ट में 100 विकेट लिए थे।
संपत बंडारुपल्ली ESPNcricinfo में स्टैटिशियन हैं।
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