USA के साथ 'अधूरे' भारतीय सपने को पूरा करते हरमीत सिंह-सौरभ नेत्रवलकर
भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप और घरेलू क्रिकेट खेलने वाले दोनों खिलाड़ी भारत के ख़िलाफ़ खेलने को लेकर उत्साहित हैं

"मुझे नहीं पता था, यह तो मेरे लिए ख़बर है।"
सौरभ नेत्रवलकर को जब यह बताया गया कि जब वह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ सुपर ओवर डाल रहे थे तो भारत के प्रमुख कोच राहुल द्रविड़ भी उस मैच को फ़ॉलो कर रहे थे, तो नेत्रवलकर की पहली प्रतिक्रिया यही थी।
मुंबई के मलाड इलाके के रहने वाले नेत्रवलकर (32 वर्ष) अपने पिता नरेश नेत्रवलकर के साथ बचपन से ही क्रिकेट मैच देखते थे। वसीम अकरम, चामिंडा वास और ज़हीर ख़ान उनके कुछ प्रमुख पसंदीदा गेंदबाज़ हैं। 2009 में उन्हें NCA बेंगलुरू द्वारा भारत के ऐसे खिलाड़ियों की सूची (पोटेंशियल फ़्यूचर इंडिया प्लेयर्स) में शामिल किया गया था जिनके अंदर आगे चलकर भारत के लिए खेलने की संभावनाएं थीं। वहां पर उन्होंने द्रविड़ को भी गेंदबाज़ी की थी। 2010 की अंडर-19 विश्व कप टीम में भी वह भारतीय टीम का हिस्सा थे। 2013 में उन्होंने मुंबई के लिए रणजी डेब्यू किया, लेकिन जब उन्हें लगा कि वह भारत में अपने क्रिकेटिंग और इंजीनियरिंग प्रोफ़ेशनल करियर के साथ न्याय नहीं कर सकते तो वह 2015 में USA चले गए।
नेत्रवलकर कहते हैं, "मैं 90s और 2000s के क्रिकेटरों का बहुत बड़ा फ़ैन हूं। वे मेरे आदर्श हैं। जब मैं 2009 में NCA कैंप के दौरान द्रविड़ से मिला था तो वह आसानी से सबसे बात कर रहे थे और टिप्स दे रहे थे।"
USA के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ नेत्रवलकर ने सुपर ओवर में सफलतापूर्वक 18 रनों का बचाव किया और यह ना सिर्फ़ उनके बल्कि USA क्रिकेट के लिए भी एक बड़ा दिन था।
उस ओवर के बारे में ESPNcricinfo से बात करते हुए नेत्रवलकर कहते हैं, "मैंने आख़िरी गेंद पर अंपायर से दो-तीन बार पूछा कि उन्हें कितने रन चाहिए। जब अंपायर ने सात रन कहा तो मैंने राहत की सांस ली। मुझे अब उन्हें छक्का लगाने से रोकना था। हमें जीत से बहुत राहत मिली थी क्योंकि प्लेइंग xi के हर एक सदस्य ने छोटा ही सही लेकिन महत्वपूर्ण योगदान दिया था।"
नेत्रवलकर को तो इस बात में कोई शक नहीं है कि वो ओवर उनके करियर का सबसे महत्वपूर्ण ओवर था। उन्होंने कहा, "यह मेरे क्रिकेटिंग करियर का अब तक का सबसे रोमांचक मैच था और एक मज़बूत विपक्षी टीम के ख़िलाफ़ था। यह हमारे लिए एक बहुत ही विशेष मैच था और हम इसे लंबे समय तक याद रखेंगे।"
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पाकिस्तान के ख़िलाफ़ इस मैच के दौरान USA के बाएं हाथ के स्पिनर हरमीत सिंह अधिकतर समय बाउंड्री पर फ़ील्डिंग कर रहे थे और पूरे मैदान में पाकिस्तान को उनके प्रशंसकों से भरपूर समर्थन भी मिल रहा था।
हरमीत कहते हैं, "इस मैच में पाकिस्तान के लिए बहुत ही ज़्यादा समर्थन था। स्टेडियम में बस हरी-हरी जर्सी ही दिखाई दे रही थी। जब हमने सुपर ओवर में 18 रन बनाए तब भी पाकिस्तानी समर्थक बहुत ही अधिक शोर कर रहे थे। चूंकि उनमें से अधिकतर लोग USA में रहते हैं, इसलिए मैच का अंत आते-आते 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' का शोर, 'USA, USA' में बदल गया।"
जब हरमीत को USA से खेलने का प्रस्ताव मिला तो वह कोरोना के पहले साल 2020 में ही US चले गए। उस समय 'विदेशी खिलाड़ियों' के ज़रिए USA वनडे टीम का स्टेटस प्राप्त करने की कोशिश कर रही थी। हरमीत ने निर्णय लिया कि वह दांव खेलेंगे और यह दांव उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ।
हरमीत ने 2010 और 2012 में भारत के लिए दो अंडर-19 विश्व कप खेला है। उनके साथ खेले अक्षर पटेल और कुलदीप यादव वर्तमान में भारत के लिए विश्व कप का हिस्सा हैं। हालांकि 2013 IPL के दौरान उनका नाम स्पॉट फ़िक्सिंग मामले में आया और उनका करियर बुरी तरह से प्रभावित हो गया। इसके बाद हरमीत मुंबई छोड़कर जम्मू कश्मीर चले गए, लेकिन वहां भी उन्हें कुछ ख़ास सफलता हाथ नहीं लगी। इसलिए जब उन्हें USA का प्रस्ताव मिला तो उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार कर लिया।
उस समय अगर उनसे कहा जाता कि वह चार साल बाद विश्व कप खेलेंगे और उनकी टीम सुपर-8 की राह पर होगी, शायद वह भी इस पर विश्वास नहीं करते।
नेत्रवलकर की तरह हरमीत भी अन्य दिनों में नौकरी और सप्ताह के अंत में क्रिकेट खेलते थे। उनकी प्रैक्टिस इनडोर होती थी। हरमीत कहते हैं, "इनडोर प्रैक्टिस कर विश्व कप में पाकिस्तान को हराना एक बड़ी बात है। हमारी टीम में सबका लक्ष्य विश्व कप खेलना और मैच जीतना है। यह किन्हीं कारणों से भारत के लिए संभव नहीं हो सका, लेकिन अब मैं अपने सपनों को जी रहा हूं।"
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नेत्रवलकर और हरमीत के अलावा तीन और USA विश्व कप दल के सदस्य भारतीय मूल के हैं, जिसमें कप्तान मोनांक पटेल (गुजरात), मिलिंद कुमार (दिल्ली) और निसर्ग पटेल (गुजरात) शामिल हैं। बुधवार को अब USA का मुक़ाबला भारत के ख़िलाफ़ होगा। दोनों ने कहा कि यह उनके लिए एक भावुक पल होगा।
नेत्रवलकर ने कहा, "मेरा सफ़र उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। लेकिन अगर आप सही इरादे और मेहनत के साथ कोई काम करते हैं तो भाग्य भी आपके पक्ष में झुक जाता है। सबसे अच्छी चीज़ यह होती है कि आप वर्तमान में जिएं और अपना बेस्ट देने की कोशिश करें।"
हरमीत (31 वर्ष) ह्यूस्टन में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ रहते हैं। 2021 में कोविड के दौरान उनकी मां की मृत्यु हो गई, जिनका अंतिम संस्कार उन्हें वीडियो कॉल पर देखना पड़ा। हरमीत की क्रिकेटिंग यात्रा में उनकी मां का बहुत बड़ा हाथ रहा है। वह हर रोज़ बोरीवली से शिवाजी पार्क जिमखाना, दादर की एक घंटे की लोकल ट्रेन की यात्रा हरमीत के साथ करती थीं, ताकि उनके बेटे को सर्वश्रेष्ठ कोचिंग मिल सके। हरमीत ने कहा कि वह अपने साथ अपनी मां का सपना भी जी रहे हैं, जो उन्हें विश्व कप खेलते हुए देखना चाहती थीं।
2006 में जब रोहित शर्मा ने अंडर-19 विश्व कप खेला, तो हरमीत ने रोहित के स्कूल स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल स्कूल में प्रवेश ले लिया। हरमीत बताते हैं, "रोहित ने हमें उम्मीद दी थी कि देश के लिए खेलने के सपने को हासिल किया जा सकता है।"
2009 में हरमीत ने जब अपना रणजी डेब्यू किया तो रोहित भी उस टीम के सदस्य थे। अब उसी रोहित के ख़िलाफ़ हरमीत गेंदबाज़ी करेंगे। हरमीत ने हंसते हुए कहा कि वह रोहित को जल्दी आउट करने की कोशिश करेंगे।
वहीं नेत्रवलकर, रोहित, द्रविड़ के साथ-साथ विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह से मिलना चाहते हैं। इसके अलावा वह अपने अच्छे दोस्त और मुंबई के तत्कालीन कप्तान सूर्यकुमार यादव से भी मिलने के इच्छुक हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया पर नेत्रवलकर के प्रदर्शन की तारीफ़ की है।
हरमीत, नेत्रवलकर और USA विश्व कप दल में शामिल हर एक भारतीय मूल के सदस्य के लिए भारत के ख़िलाफ़ खेलना एक गर्व का दिन है। हरमीत भावनाओं में नहीं बहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मैं भारतीय फ़ैक्टर के बारे में बहुत कम ही बात करना चाहता हूं। वे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक हैं, लेकिन यह टी20 क्रिकेट है और ऐसी विकेट पर कुछ भी हो सकता है।"
वहीं नेत्रवलकर ने कहा कि वह राष्ट्रगान के दौरान भारतीय राष्ट्रगान भी गाएंगे। उन्होंने कहा, "भारत मेरी जन्मभूमि है जबकि US मेरी कर्मभूमि है और मैं दोनों देशों का सम्मान करता हूं। यह मैच मेरे लिए एक अलग अनुभव होगा।"
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