शमी: 'जल्दबाज़ी करते हुए दोबारा चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहता'
भारतीय तेज़ गेंदबाज़ ने टखने की चोट से वापसी के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की है

भारत के तेज़ गेंदबाज़ मोहम्मद शमी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी से पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि वह पूरी तरह फ़िट हैं।
34 वर्षीय शमी ने आख़िरी बार 2023 के वनडे विश्व कप में खेला था और तब से वह टखने की चोट के कारण बाहर हैं। उस चोट को ठीक करने के लिए इस साल की शुरुआत में उनकी सर्जरी भी हुई थी।
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल (CAB) के वार्षिक पुरस्कार समारोह में शमी ने कहा, "जल्दी ही वापसी करने की कोशिश रहा हूं क्योंकि मैं जानता हूं टीम से बाहर रहते हुए काफ़ी टाइम हो गया है। हालांकि मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि जब मैं लौटूं तो कोई असुविधा न हो। मुझे अपनी फ़िटनेस पर काम करना होगा, ताकि कोई असुविधा न हो।
"मैं जितनी मज़बूती से वापसी करूंगा, मेरे लिए उतना ही अच्छा होगा। मैं जल्दबाज़ी नहीं करना चाहता और फिर से चोटिल होने का जोखिम नहीं उठाना चाहता। मैंने पहले से ही गेंदबाज़ी शुरू कर दी है, लेकिन मैं वापसी में जल्दबाज़ी नहीं करूंगा। जब तक मैं 100% फ़िट न हो जाऊं, मैं कोई भी रिस्क नहीं ले सकता हूं।''
PTI ने पिछले महीने रिपोर्ट दी थी कि रिहैब से गुजर रहे शमी के रणजी ट्रॉफ़ी में अपनी घरेलू टीम बंगाल के लिए प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं। इसके बाद वह न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ होने वाली टेस्ट सीरीज़ में हिस्सा ले सकते हैं।
ऐसा माना जा रहा है कि शमी यूपी (11 अक्तूबर) और बिहार (18 अक्तूबर) के ख़िलाफ़ बंगाल के रणजी ट्रॉफ़ी मैचों में से एक या दो मैच खेलेंगे।
शमी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वापसी से पहले घरेलू क्रिकेट खेलने की संभावना का भी संकेत दिया।
शमी ने कहा, "अगर मुझे अपनी फ़िटनेस परखने के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने की ज़रूरत पड़ी तो मैं खेलूंगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि विरोधी टीम या प्रारूप की परवाह किए बिना, आगे जो भी आएगा उसके लिए मैं पूरी तरह से तैयार हूं।"
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ आगामी पांच टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के लिए भारत की तैयारियों में शमी एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हो सकते हैं।
शमी ने कहा, "उस सीरीज़ को जीतने के लिए पसंदीदा हम ही हैं, चिंता उन्हें (ऑस्ट्रेलिया) होनी चाहिए।"
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