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तबरेज़ शम्सी: हमने देखा है कि आईपीएल ने भारतीय क्रिकेट के लिए किस तरह का योगदान दिया है

शम्सी का मानना है कि फ़्रेचाइज़ी क्रिकेट के कारण युवा खिलड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए बेहतर तरीक़े से तैयार हो रहे हैं

शम्सी का मानना है कि एसए20 जैसे टूर्नामेंट आने वाले समय में काफ़ी कारगर साबित होंगे  Getty Images

साउथ अफ़्रीका के कलाई के स्पिनर तबरेज़ शम्सी के अनुसार फ़्रेंचाइज़ी टी20 टूर्नामेंट और द्विपक्षीय मैचों को एक-दूसरे के साथ टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनका मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए टी20 लीग एक फ़ीडर सिस्टम के रूप में काम करती है। कुल मिलाकर शम्सी का कहना है कि टी20 लीग अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को एक बेहतरीन स्तर तक पहुंचाने और टीमों को बेहतर खिलाड़ी प्रदान करने में अहम भूमिका अदा कर रही है।

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शम्सी का मानना है कि फ़्रेंचाइज़ी क्रिकेट उन युवा खिलाड़ियों को तैयार करने में और उनके कौशल को साझा करने में मदद कर सकती है, जो अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए तैयार हो रहे हैं।

शम्सी ने कहा, "जब फ़्रेंचाइज़ी क्रिकेट पहली बार शुरू हुआ, तो इसे काफ़ी ख़राब नज़र से देखा गया। काफ़ी लोग यह समझ रहे थे कि इस तरह का क्रिकेट सिर्फ़ आर्थिक लाभ के लिए खेला जाता है और यह सिर्फ़ पैसों के लिए खेला जा रहा है। लेकिन जब आप अलग-अलग लीग में खेलते हैं, तो आप छोटी-छोटी चीजे़ं सीखते हैं। जैसे कि हम साउथ अफ़्रीका में जब क्रिकेट खेलते हैं तो हमारी शैली और तकनीक भी उसी तरह की होती है। वहीं जब फ्रे़ंचाइज़ी क्रिकेट के जरिए हम दूसरे देशों में जाते हैं तो वहां से लिए गए अनुभव और सीख को अपने टीम के साथियों के साथ साझा करते हैं।"

इसका सबसे अच्छा उदाहरण खु़द शम्सी हैं। वह 2010 की शुरुआत में साउथ अफ़्रीका घरेलू क्रिकेट के दूसरे स्तर में खेल रहे थे। इसके बाद उन्हें 2015 सीपीएल के लिए किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स ने अपनी टीम में शामिल किया और वहां से उनकी कहानी बदल गई। उस सीज़न में शम्सी किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ रहे और ठीक एक साल बाद वेस्टइंडीज़ में वनडे श्रृंखला में उन्हें साउथ अफ़्रीका की टीम में खेलने का मौक़ा मिल गया।

उन्होंने कहा, "वेस्टइंडीज़ में साउथ अफ़्रीका के लिए पदार्पण करने से पहले सीपीएल में खेलने वाले एक युवा खिलाड़ी के रूप में मुझे बहुत अच्छा और सहज महसूस हुआ, क्योंकि मैं उन स्टेडियमों में खेला था, जहां हमारी टीम खेलने जा रही थी। इसलिए जब मैंने अपने राष्ट्रीय टीम के लिए वहां खेला तो मुझे ऐसा महसूस हुआ कि मैं अपने घरेलू पिच पर खेल रहा हूं।"

उनका मानना है कि अन्य खिलाड़ियों को दुनिया भर की लीगों में इसी तरह के अनुभवों से फ़ायदा हुआ है। उन्होंने आईपीएल का भी उदाहरण देते हुए इस बात को स्पष्ट किया।

"वर्षों से हमने देखा है कि आईपीएल ने भारतीय खिलाड़ियों और विशेष रूप से भारतीय युवाओं के लिए क्या किया है। जब वे अंतर्राष्ट्रीय परिदृश्य में आते हैं तो वे पहले से ही ऐसे परिस्थितियों में खेल चुके होते हैं, जहां बड़ी संख्या में दर्शक आते हैं। उन दर्शकों के सामने ही युवा खिलाड़ी अच्छा या ख़राब प्रदर्शन करते हैं। कुल मिला कर वे खिलाड़ियों दर्शकों के दबाव को संभालना पहले से ही सीख लेते हैं। इसी कारण से जब वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आते हैं, तो उन्हें ज़्यादा कुछ अलग नहीं करना होता है।"

भारत की मौजूदा टीम में यशस्वी जायसवाल एक बढ़िया उदाहरण हैं। राजस्थान रॉयल्स द्वारा चुने जाने से पहले वह भारतीय घरेलू क्रिकेट और अंडर-19 टीम में खेलते थे। वह राजस्थान की टीम में जॉस बटलर के साथ खेलते हैं और उनके नाम आईपीएल का सबसे तेज़ (13 गेंदों में ) अर्धशतक का रिकॉर्ड है। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने से पहले ही वह इस स्तर पर खेलने के लिए पूरी तरह से तैयार थे। अभी तक उन्होंने 14 टी20आई मैच खेले हैं और इतने कम मैचों में ही दो अर्धशतक और एक शतक बना चुके हैं।

शम्सी को लगता है कि साउथ अफ़्रीका के लिए भी बहुत ही जल्द ऐसी ही सफलता की कहानी देखने को मिलेगी।

उन्होंने कहा, "एसए20 अभी सिर्फ़ एक ही साल पुराना टूर्नामेंट है लेकिन यह हमारे देश के लिए काफ़ी कारगर साबित हो सकता है। निकट भविष्य में भले ही इसके सकारात्मक परिणाम कम दिखें लेकिन कुछ सालों में हम देखेंगे कि यह हमारे नए खिलाड़ियों की पीढ़ी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के लिए तैयार कर रहा है।"

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