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कोविड संक्रमण पर बोले ठाकुर: 'डर था कि यह मेरे या किसी के साथ भी हो सकता है'

सहायक फिजियो का कोविड पॉज़िटिव पाया जाना एक बड़ी चिंता थी क्योंकि वह ज़्यादातर खिलाड़ियों के साथ संपर्क में थे

शार्दुल ठाकुर ने कहा कि उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी पर काफ़ी काम किया है।  PA Photos/Getty Images

समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए भारत के तेज़ गेंदबाज़ शार्दुल ठाकुर ने कहा कि सहायक फिजियो योगेश प्रमार के कोविड पॉज़िटिव पाए जाने के बाद पूरी टीम संक्रमित होने के ख़्याल को लेकर काफ़ी भयभीत थी। ठाकुर ने कहा कि फ़ीजियो लगभग सभी खिलाड़ियों के साथ संपर्क में थे और जब वह पॉज़िटिव पाए गए तो पूरी टीम में भय का माहौल था।

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ठाकुर ने कहा, "हम इस बात से चिंतित थे कि क्या होगा, कौन संक्रमित होगा? क्योंकि परमार ने सभी का इलाज किया था। हमें नहीं पता था कि चीजें आगे कैसे बढ़ेंगी क्योंकि इस संक्रमण को ट्रैक करना असंभव के करीब है। अगले चार-पांच दिन हमारे लिए असुरक्षित था क्योंकि डर था कि यह मेरे साथ भी हो सकता है या यह किसी को भी हो सकता है। हर कोई अपने और अपने परिवार के बारे में चिंतित था।"

भारत टीम के बायो बबल में कोविड 19 के प्रकोप के मद्देनज़र मैनचेस्टर में पांचवां और अंतिम टेस्ट अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। 10 सितंबर को निर्धारित टॉस के समय से कुछ घंटे पहले ख़बर आई थी कि परमार का कोविड 19 टेस्ट सकारात्मक आया है। चौथे टेस्ट के बाद परमार को ज़्यादा काम करना पड़ रहा था क्योंकि द ओवल में भारत के मुख्य कोच रवि शास्त्री के करीबी संपर्क के रूप में पहचाने जाने के बाद टीम के प्रमुख फिजियो नितिन पटेल के आइसोलेशन में थे। वहीं गेंदबाज़ी कोच भरत अरुण, क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर भी उस समय पर कोविड पॉज़िटिव पाए गए थे।

पांचवें टेस्ट के स्थगित होने से पहले ठाकुर गेंद और बल्ले के साथ शानदार प्रदर्शन कर रहे थे और भारतीय टीम श्रृंखला में 2-1 से आगे थी। ओवल में ठाकुर के दो अर्धशतकीय पारियों के चलते भारते उस मैच को 157 रनों से जीतने में कामयाब रहा था।

2018 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करने वाले ठाकुर ने ऑस्ट्रेलिया के 2020-21 दौरे पर भारत के लिए लाल गेंद से वापसी की थी और तब से उनके नाम पांच पारियों में तीन अर्धशतक हैं। ठाकुर ने कहा कि अपनी बल्लेबाज़ी पर उन्होंने कड़ी मेहनत की है।

"निचले क्रम के बल्लेबाजों का योगदान टीम को हमेशा मदद करता है और ऐसे कई उदाहरण हैं जहां 40-50 रनों का कोई पारी जीत और हार में बहुत बड़ा अंतर पैदा कर देती है। जब मैंने भारतीय टीम में वापसी की तो मैंने अपने थ्रोडाउन विशेषज्ञ रघु [राघवेंद्र] और नुवान [सेनेविरत्ने] के साथ अभ्यास किया। वे बहुत तेज़ गेंद फेंकते हैं। शुरू में तो मैं उन्हें खेलने में सक्षम नहीं था। जब मैंने उनका सामना किया तो मैंने अपने फुटवर्क में सुधार करने की कोशिश की और धीरे-धीरे मेरी बल्लेबाज़ी में सुधार हुआ। जितना अधिक मैंने उन्हें खेला उतना ही सहज होते चला गया। मैंने अब तक जो रन बनाए हैं, उसकी लिए एक प्रक्रिया रही है जिसका मैंने पालन किया है, यह संयोग या भाग्य का से नहीं बना है।"

ठाकुर ने यह भी बताया कि उन्होंने एक बार पूर्व कप्तान एमएस धोनी से एक महत्वपूर्ण सलाह भी ली थी। "एक बार मैं माही भाई के कमरे में था और उनका बल्ला पकड़ रहा था। उन्होंने मुझसे कहा कि मैं बैट का हैंडल काफ़ी ऊपर पकड़ता हूं और शॉट पर बेहतर नियंत्रण पाने के लिए मुझे इसे नीचे रखने की जरूरत है। धोनी की इस सलाह से मुझे काफ़ी मदद मिली थी।

ठाकुर चेन्नई सुपर किंग्स में धोनी के कप्तानी के अंदर खेलते हैं और आगामी आईपीएल के बाद वह टी20 विश्व कप में धोनी के साथ काम करेंगे क्योंकि धोनी को टीम का मेंटर बनाया गया है और ठाकुर टीम में रिज़र्व खिलाड़ी हैं। उन्हें उम्मीद है कि धोनी के होने से भारतीय टीम अच्छा करेगी।

ठाकुर ने कहा, "मैं इस फै़सले से बहुत खुश हूं। मैं उनके साथ तीन साल से खेल रहा हूं और मुझे पता है कि उसका अनुभव काम आता है। मुझे लगता है कि विराट [कोहली] और रवि भाई को भी उनसे काफ़ी मदद मिलेगी। जब हम मुश्किल परिस्थितियों में होंगे, उस समय माही भाई हमारी टीम की काफ़ी मदद कर सकते हैं।"

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