शतक बनाने के बाद भी काफ़ी नर्वस थे शुभमन गिल
भारतीय बल्लेबाज़ ने बताया कि दूसरे टेस्ट से पहले वह अपने प्रदर्शन से काफ़ी निराश थे

शुभमन गिल ने विशाखापटनम में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ दूसरे टेस्ट में शतक लगाने के बाद यह स्वीकार किया कि वह थोड़ी सी घबराहट महसूस कर रहे थे और दबाव में भी थे। पहली पारी में गिल ने भले ही सिर्फ़ 34 रन बनाए थे लेकिन दूसरी पारी में बेहतरीन शतक लगाते हुए उन्होंने भारत को 398 रनों के स्कोर तक पहुंचने में अहम योगदान दिया।
जब केविन पीटरसन ने स्पोर्ट्स 18 पर गिल से पूछा कि क्या उन्होंने नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करते समय दबाव महसूस किया था, तो उन्होंने कहा, "मैं इसे एक पंक्ति में संक्षेप में बताऊंगा। पहली गेंद और आख़िरी गेंद खेलते समय मेरे दिल की धड़कन पूरी पारी में एक जैसी थी। शतक बनाने के बाद भी मैं इतना ही नर्वस महसूस कर रहा था (हंसते हुए)। सुबह जब इंग्लैंड बल्लेबाज़ी कर रहा था तो मैं राहुल (द्रविड़) सर से यही बात कर रहा था। यह मेरे लिए काफ़ी अजीब था। मैंने कभी ऐसा अनुभव नहीं किया था।"
गिल ने कहा, "ज़ाहिर तौर पर पिछले कुछ मैचों में रन नहीं बना पाने के कारण मैं दबाव महसूस कर रहा था। ऐसा नहीं है कि मैदान के बाहर किसी के द्वारा कुछ कहे जाने के कारण मैं दबाव में था। मैं अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। जिस तरह से मैं पिछले टेस्ट और इस टेस्ट की पहली पारी में आउट हुआ, उससे मुझे काफ़ी निराशा हुई। इन्हीं सब कारणों से मैं थोड़ा परेशान था।"
उंगली में चोट के कारण गिल चौथे दिन मैदान पर नहीं उतरे, लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगे। इस टेस्ट से पहले नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करते हुए, पिछली नौ पारियों में गिल का उच्चतम स्कोर सिर्फ़ 36 का था।
गिल ने कहा, "लोग मुझसे पूछते रहते हैं कि मैं ओपनिंग से नंबर 3 पर क्यों आ गया। मैंने उन्हें बताया कि मैंने प्रथम श्रेणी में नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी की है। मैंने नंबर 3 और नंबर 4 पर तीन दोहरे शतक बनाए हैं। तो यह कुछ ऐसा नहीं था जो मैंने अपने जीवन में कभी नहीं किया। लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नंबर 3 पर बल्लेबाज़ी करना स्पष्ट रूप से काफ़ी अलग है।"
"मैं समाचार पत्र नहीं पढ़ता लेकिन मैंने देखा है कि अन्य खिलाड़ियों के साथ क्या होता है। मैं यह देखने के लिए सोशल मीडिया पर नहीं जाता कि लोग क्या कह रहे हैं। यदि आप अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं तो आप यह नहीं चाहते कि लोग आपके खेल की बुराई करें। आप स्वयं जानते हैं कि आप अच्छा नहीं कर रहे हैं। किसी और से अधिक, यह मेरी निजी निराशा थी कि मैं उस तरह का प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। मेरे पिताजी ने कहा कि मैं एक बड़ा स्कोर बनाने से चूक गया और मैं उनकी बात से कुछ हद तक सहमत था (हँसते हुए)। मैंने (उन्हें) अपनी दिल की धड़कन के बारे में नहीं बताया।"
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