गिल : नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करते हुए रन बनाना बहुत महत्वपूर्ण और संतोषजनक है
भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा, "मैं वैसे ही खेलूंगा जैसा पहले से खेलता आया हूं"
मांजरेकर: शुभमन गिल के मुश्किल वक़्त पर विशाखापटनम में विराम लग गया
भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन का लेखा-जोखा संजय मांजरेकर के साथविशाखापटनम में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ शतक लगाते हुए शुभमन गिल ने टेस्ट में अपने ख़राब फ़ॉर्म से उबरने का शानदार प्रयास किया है। 147 गेंदों में 104 रनों की पारी से पहले गिल ने अपने पिछ्ली 12 पारियों में सिर्फ़ एक बार 35 के स्कोर को पार किया था। इस ख़राब फ़ॉर्म के कारण गिल पर प्लेइंग XI में बने रहने के लिए दबाव बढ़ता जा रहा था। जब रवींद्र जाडेजा, विराट कोहली और के एल राहुल टीम में वापस आते तो गिल को टीम में बने रहने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता था। हालांकि आज उन्होंने अपनी शतकीय पारी से एक बार फिर से टीम में अपने स्थान को मज़बूती प्रदान करने का अच्छा प्रयास किया है।
गिल ने कहा, "नंबर तीन पर रन बनाने में सफल हो पाना मेरे लिए काफ़ी ज़रूरी है और संतोषजनक भी है। हमारी टीम जिस तरह की स्थिति में थी, वहां से इस तरह की पारी से मैं काफ़ी ख़ुश हूं। हमने रोहित (शर्मा) भाई और यशस्वी (जायसवाल) का विकेट खो दिया था। पिछले कुछ समय से वे हमारी टीम को लगातार बढ़िया शुरुआत दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह बहुत ज़रूरी हो गया था कि हम एक बड़ी बढ़त हासिल करें और जितना संभव हो, उतना रन बनाएं।"
"अधिक से अधिक रन बनाने के लिए यह काफ़ी ज़रूरी है कि आप अपनी शैली के साथ क्रिकेट खेलें। कभी-कभी आप अति आक्रामक या फिर ज़रूरत से अधिक रक्षात्मक क्रिकेट खेलने का प्रयास करते हैं और ऐसे में रन नहीं बन पाते हैं। इस टेस्ट में मेरी मानसिकता यही थी कि मैं ठीक उसी तरह कि क्रिकेट खेलूंगा, जैसा मैं पहले से खेलते आया हूं।"
अक्सर गिल जब अपना शतक बनाते हैं तो वह झुकते हुए, अपने साथियों और दर्शकों का अभिवादन स्वीकार करते हैं। हालांकि इस शतक के बाद गिल ने ऐसा कुछ भी नहीं किया।
इस संदर्भ में उन्होंने कहा, "शतक बनाने के बाद निश्चित रूप से मुझे काफ़ी अच्छा महसूस हुआ लेकिन मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरा काम अभी ख़त्म नहीं हुआ है। इसलिए शतक के बाद मेरा सेलिब्रेशन काफ़ी कम समय के लिए था।"
इस पारी में गिल को चार के स्कोर पर ही अंपायर ने टॉम हार्टली के गेंद पर पगबाधा आउट दे दिया था लेकिन अपने साथी बल्लेबाज़ से बात करने के बाद गिल ने डीआरएस का सहारा लिया और यह उनके पक्ष में गया।
गिल ने मेज़बान प्रसारक को बताया, "जब मुझे पहली बार पगबाधा आउट दिया गया था तो गेंद मेरे बल्ले पर लगने के बाद पैड पर लगी थी। हालांकि मुझे यह एहसास ही नहीं हुआ कि गेंद पहले मेरे बल्ले पर लगी है। श्रेयस [अय्यर] ने मुझसे कहा कि रिव्यू ले लूं और एक बार जब मैंने बड़े स्क्रीन पर रिप्ले देखा तो मुझे काफ़ी ख़ुशी हुई।"
गिल ने उनका समर्थन करने के लिए कोचिंग स्टाफ़ को धन्यवाद देते कहा कि भारत चौथे दिन तक खेल में 70-30 से आगे चल रहा है।
"मुझे रोहित भाई और राहुल (द्रविड़) सर और विशेष रूप से विक्रम (राठौड़) सर से बहुत समर्थन मिला है। वे ऐसे लोग हैं जिन्होंने मुझे हमेशा प्रेरित किया है और हमेशा मुझ पर विश्वास किया है। जब आपके आस-पास के लोग इस तरह से आपका समर्थन करते हैं तो आप हमेशा ही अच्छा क्रिकेट खेलते हैं।"
गिल के पिता आज स्टेडियम में ही थे। भारतीय बल्लेबाज़ ने कहा कि जब वह होटल में अपने पिता से मिलेंगे तो उन्हें वह शॉट (रिवर्स स्वीप) खेलने के लिए थोड़ी डांट पड़ सकती है।
"मैंने प्वाइंट फ़ील्डर को देखा था और मुझे लगा कि उस विकेट पर यह शॉट खेला जा सकता था, लेकिन शायद उस स्थिति में यह शॉट खेलना सही नहीं था। 5 या 6 ओवर के बाद ही टी ब्रेक हो जाता और उसके बाद मैं वह शॉट खेल सकता था।"
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