क्या गॉल में एक और रोमांचक अंजाम के लिए तैयार हैं आप?
120 रन, सात विकेट और दांव पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के बहुमूल्य अंक

क्या टेस्ट क्रिकेट के एक और रोमांचक अंतिम दिन के लिए तैयार हैं आप?
पाकिस्तान को जीत के लिए 120 रन चाहिए और उनके सात विकेट शेष हैं। क्रीज़ पर जमा एक बल्लेबाज़ शतक बनाकर खेल रहा है। अपने डेब्यू के बाद से अब्दुल्लाह शफ़ीक़ ने पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे दिग्गज गेंदबाज़ों के पसीने छुड़ाए हैं। अब उनके नाम गॉल में चौथी पारी में शतक है। उनसे पहले केवल तीन बल्लेबाज़ों ने ऐसा कर दिखाया है और केवल 2019 में मेज़बान टीम के कप्तान दिमुथ करुणारत्ना की पारी जीत में तब्दील हुई थी।
पिच क्या रंग दिखा रही है?
आम तौर पर चौथे और पांचवें दिन गॉल की पिच पर बल्लेबाज़ों की एक नहीं चलती है। इस टेस्ट के पहले दिन से हमने स्पिन देखी है लेकिन जब चौथे दिन शफ़ीक़, इमाम उल हक़ और बाबर आज़म बल्लेबाज़ी कर रहे थे, यह स्पिन कही ग़ायब हो गई थी।
सुबह की भूली यह स्पिन शाम को लौट आई और दिन के अंतिम 10 ओवरों में बाबर और शफ़ीक़ को संभलकर बल्लेबाज़ी करनी पड़ी। गेंद पड़कर तेज़ गति से घूम रही थी। इसी टर्न ने बाबर को अपना शिकार बनाया जब वह लेग स्टंप के बाहर की गेंद को पैड से रोकना चाहते थे लेकिन पैरों के पीछे से बोल्ड हो गए। शतकवीर शफ़ीक़ को भी अंतिम ओवरों में अपनी विकेट बचानी पड़ी।
किन गेंदबाज़ों पर होगी निगाहें?
पाकिस्तान के शीर्ष क्रम ने अच्छे अंदाज़ से प्रभात जयसूर्या का सामना किया है। वह उनके ख़िलाफ़ संयम दिखा रहे हैं और आर्म बॉल का इंतज़ार कर रहे हैं। तीन बार पारी में पांच विकेट लेने का बावजूद यह जयसूर्या का दूसरा ही टेस्ट है और उनके लिए काम आसान नहीं होगा। इसके अलावा रमेश मेंडिस के पास नौ और महीश थीक्षना के पास केवल दो टेस्ट खेलने का अनुभव है।
इसके चलते पांचवें दिन उन पर काफ़ी दबाव होगा। हालांकि उनके पास नई गेंद होगी जो इस पिच पर और घूमेगी। श्रीलंका की उम्मीद तो इसी पर टिकी हुई है।
इतिहास क्या कहता है?
पिछली बार जब पाकिस्तान ने श्रीलंका में टेस्ट खेला था, उसने पल्लेकेले में 377 के लक्ष्य को हासिल किया था। हालांकि वह एक बहुत अलग पिच थी जिस पर दोनों टीमों ने तीन-तीन तेज़ गेंदबाज़ खिलाए थे। चौथी पारी में आते आते पिच सपाट हो चुकी थी।
गॉल में इन दोनों टीमों ने 2009 में जो टेस्ट खेला था, उसमें पाकिस्तान को आठ विकेट पर 87 रन हासिल करने थे लेकिन रंगना हेरात ने टीम को समेट दिया था। श्रीलंका ने वह मैच 50 रनों से जीता था। अब श्रीलंका के पास ना तो हेराथ होंगे और ना ही पाकिस्तान के पास वह बल्लेबाज़ी क्रम है।
समर्थक किस नज़रिए से इस मैच को देख रहे होंगे?
पाकिस्तान के समर्थकों को लग रहा होगा कि उनकी टीम एक मज़बूत स्थिति में है। हालांकि श्रीलंका के विरुद्ध उन्होंने कई अतरंगी मैच देखे हैं। टीम कई बार असंभव लग रहे मैच को जीत गई जबकि कई बार आसानी से जीत रहे मैच में उसे हार का सामना भी करना पड़ा। फ़ील्डिंग में बचकानी ग़लतियों से लेकर घटिया गेंदबाज़ी तक उन्होंने सब कुछ होते देखा है। अब कल चाहे जो भी हो, पाकिस्तानी समर्थकों को एक और यादगार मैच देखने को मिलेगा। या फिर श्रीलंका एक बार फिर हार के मुंह से जीत छीन निकालेगा।
ऐंड्रयू फ़िडेल फ़र्नांडो ESPNcricinfo के श्रीलंकाई संवाददाता हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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