News

मांधना: हमको विश्वास था कि हम कहीं से भी जीत सकते हैं

ऑस्ट्रेलिया के 412 रनों के जवाब में भारतीय टीम ने पारी के अंत तक टक्कर दिया और मांधना ने शानदार शतक लगाया

Mandhana: I always back myself to be in 'zen mode'

Mandhana: I always back myself to be in 'zen mode'

Smriti Mandhana speaks her record-breaking century against Australia in Delhi

दिल्ली में हुए तीसरे वनडे में जब ऑस्ट्रेलिया की टीम ने बेथ मूनी के शानदार शतक की मदद से भारत को 413 रनों का विशाल लक्ष्य दिया, तब शायद बहुत कम लोगों ने ही सोचा होगा कि भारतीय टीम इस स्कोर के इतने क़रीब जाएगी और जीत हासिल करने की कोशिश करेगी। लेकिन ड्रेसिंग रूम में यह विश्वास शुरू से था, जिसकी मदद से भारतीय टीम एक समय मैच जीतने की कग़ार पर लग रही थी और उन्होंने आख़िर तक ऑस्ट्रेलिया को पर्याप्त टक्कर दी।

Loading ...

63 गेंदों में 17 चौके और पांच छक्कों की मदद से रिकॉर्ड 125 रनों की पारी खेलने वाली भारतीय सलामी बल्लेबाज़ स्मृति मांधना ने कहा कि टीम में शुरू से यह विश्वास था कि वे लक्ष्य के पीछे जाएंगे।

मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में मांधना ने कहा, "पारी के ब्रेक के दौरान हमारी यही बातचीत थी कि विकेट सपाट है और आउटफ़ील्ड बहुत तेज़ है, इसलिए हम लक्ष्य तक जा सकते हैं। हमारे पास भी बल्ला है और हम भी यहां पर क्रिकेट ही खेलने आए हैं। आप लोगों (गेंदबाज़ों) ने अपने सर्वश्रेष्ठ गेंदें डालीं और उन्हें रोकने की कोशिश की। हम भी अपना सर्वश्रेष्ठ करेंगे और उन रनों को हासिल करने की कोशिश करेंगे। टीम में विश्वास हमेशा से बहुत ऊपर था।

"हम ये 414 रन का लक्ष्य वाकई में हासिल करना चाहते थे क्योंकि यह टीम का कैरेक्टर दिखाता। हालांकि बीच में कुछ विकेटें गिरी। मैं फ़ुलटॉस पर आउट हुई, ऋचा (घोष) को दुर्भाग्यशाली ढंग से रनआउट होना पड़ा और कुछ चीज़ें हमारे पास पक्ष में नहीं गईं। लेकिन मुझे इस टीम पर पूरा गर्व है। जिस तरह से सभी ने इस पूरे सीरीज़ के दौरान प्रदर्शन किया, वह टीम का कैरेक्टर दिखाता है।"

ऑस्ट्रेलिया के 412 रनों के जवाब में भारतीय टीम का स्कोर एक समय 20 ओवरों में दो विकेट के नुक़सान पर 206 रन था। भारतीय उपकप्तान और भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर में 69 गेंदों में 121 रनों की साझेदारी हो चुकी थी और टीम का रन रेट 10 से ऊपर का था। लेकिन 21वें ओवर में हरमनप्रीत का विकेट गिरा और अगले ओवर में मांधना भी पवेलियन में थीं।

मांधना के आउट होने के बाद भारतीय टीम के विकेट लगातार गिरते रहे और लग रहा था कि भारतीय टीम मैच में शायद आगे टक्कर नहीं दे पाए। लेकिन फिर दीप्ति शर्मा ने स्नेह राणा के साथ मोर्चा संभाला और आठवें विकेट के लिए 54 गेंदों में 65 रनों की साझेदारी कर भारत की उम्मीदों को ज़िंदा रखा।

मांधना ने कहा कि यह दिखाता है कि टीम का हर एक खिलाड़ी एक मैच विनर है। उन्होंने कहा, "ना सिर्फ़ 11 बल्कि टीम के सभी 15 खिलाड़ी मैच विनर हैं। मुझे नहीं लगता कि टीम का कोई खिलाड़ी मुझ पर या किसी और पर कोई दबाव डाल रहा है। जब आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हो, तो कोई दबाव नहीं होता है। यह हमारा कर्तव्य होता है। और दूसरी बात, मुझे इस टीम पर पूरा भरोसा है कि हम किसी भी समय मैच को जीत सकते हैं। पिछले 12 महीनों में हमने लगातार 300 या उसके ऊपर का स्कोर बनाया है और प्रतिका (रावल), हरलीन (देओल), जेमिमा (रॉड्रिग्स), हरमन (हरमनप्रीत सिंह) सबने शतक लगाया है। इसलिए यह टीम किसी एक पर निर्भर निर्भर नहीं है।"

मांधना ने इस मैच में सिर्फ़ 50 गेंदों में शतक बनाया और भारत की तरफ़ से सबसे तेज़ वनडे शतक (पुरूष और महिला क्रिकेट मिलाकर) वाली बल्लेबाज़ बनीं। यह महिला वनडे क्रिकेट में भी मेग लानिंग (45 गेंद) के बाद दूसरा सबसे तेज़ शतक है। इसके अलावा वह महिला वनडे में लानिंग (15 शतक) के बाद दूसरी सबसे ज़्यादा शतक (13 शतक) बनाने वाली खिलाड़ी भी बन गई हैं। हालांकि मांधना ने इसे अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी कहने से इनकार कर दिया।

मांधना ने अपनी इस पारी के बारे में बात करते हुए कहा, "जब आप 413 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे होते हैं, तो आपके पास कोई अलग गियर खेलने के लिए नहीं होता है। लेकिन इसे मैं अपना सर्वश्रेष्ठ पारी नहीं कहूंगी क्योंकि टीम को जी नहीं मिल पाई। अगर आप शतक बनाते हैं और आपकी टीम जीतती है, तो वह आपके लिए यादग़ार पारी बन जाएगी। हालांकि मैंने हरमन के साथ इस पारी का पूरा लुत्फ़ उठाया।"

भारतीय टीम को अब इस सीरीज़ के बाद विश्व कप के लिए उतरना है, जहां भारत के साथ-साथ श्रीलंका सह मेज़बान है। उन्होंने कहा कि इस सीरीज़ का उद्देश्य सही कॉम्बिनेशन ढूंढना था।

"हम इस सीरीज़ से एक सही कॉम्बिनेशन ढूंढना चाहते थे। ऑस्ट्रेलिया एक बड़ी टीम है और हमें कुछ सवालों के जवाब इस सीरीज़ से ढूंढने थे। मैं नहीं कहूंगी कि यह सीरीज़ कॉन्फ़िडेंस बूस्टर है, लेकिन अपनी ताक़त, कमज़ोरियों और कमियों को समझने के लिए यह एक अच्छी सीरीज़ थी। फ़िल्डिंग में अभी काफ़ी सुधार की ज़रूरत है। फ़ील्डिंग में कई दिन हमारे लिए बहुत अच्छे जाते हैं, जबकि कई दिन हमारा उतना अच्छा नहीं रहता है। हमें इसमें निरंतरता लानी होगी और विश्व कप से पहले इसमें बहुत सुधार करना होगा। इस सीरीज़ ने हमें यह विश्वास नहीं दिलाया है कि हम यह विश्व कप जीत सकते हैं क्योंकि यह विश्वास पहले से था। लेकिन इस सीरीज़ से कई खिलाड़ियों को आत्मविश्वास मिला होगा और वे बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ विश्व कप में जाएंगी।"

Smriti MandhanaIndia WomenIndiaAUS Women vs IND WomenAustralia Women tour of India

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95