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टेस्ट सीरीज़ में 'ग्रोवेल' के उपयोग पर कॉनराड: मेरा शब्द चयन और बेहतर हो सकता था

साउथ अफ़्रीका के कोच ने कहा, "मेरे कहने का मतलब सिर्फ़ इतना था कि हम चाहते थे भारत मैदान में अधिक से अधिक समय बिताए"

Shukri Conrad ने अपने बयान पर माफ़ी तो नहीं मांगी लेकिन अपने शब्द चयन पर खेद प्रकट करने के संकेत ज़रूर दिए  PA Photos/Getty Images

साउथ अफ़्रीका के कोच शुकरी कॉनराड ने स्पष्ट किया है कि जब उन्होंने कहा कि उनकी टीम गुवाहाटी टेस्ट के दौरान भारत को "गिड़गिड़ाने" पर मजबूर करना चाहती थी, तब उनकी मंशा किसी प्रकार की दुर्भावना पैदा करने की नहीं थी।

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कॉनराड यह बयान देने के बाद पहली बार मीडिया से मुख़ातिब हो रहे थे, उन्होंने अपने बयान पर माफ़ी तो नहीं मांगी लेकिन अपने शब्दों के चयन के लिए खेद प्रकट करने के संकेत ज़रूर दिए।

साउथ अफ़्रीका की 2-1 से वनडे सीरीज़ हार के बाद कॉनराड ने कहा, "दोबारा सोचने पर, मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरी मंशा किसी भी प्रकार से दुर्भावना पैदा करने की नहीं थी। मैं कोई बेहतर शब्द चुन सकता था ताकि इससे लोगों को इस बयान को अपने-अपने संदर्भ में समझने का बेहतर मौक़ा मिलता। मैंने सिर्फ़ इसी संदर्भ में बात कही थी कि हम चाहते हैं कि भारत मैदान पर ज़्यादा से ज़्यादा समय बिताए और हम उनके लिए मुश्किलें बढ़ा दें। मुझे यहां जो भी शब्द चुनना है उसमें सावधानी बरतनी होगी क्योंकि उससे कोई भी संदर्भ जुड़ा हो सकता है।"

कॉनराड ने वो बयान दूसरे टेस्ट के चौथे दिन के खेल की समाप्ति के बाद दिया था जब साउथ अफ़्रीका ने दूसरी पारी में भारत को बल्लेबाज़ी के लिए बुलाने से पहले काफ़ी देर तक बल्लेबाज़ी की थी। तब कॉनराड ने कहा था, "हम चाहते थे कि भारतीय खिलाड़ी मैदान में अधिक से अधिक समय तक खड़े रहें और उन्हें खेल से पूरी तरह से बाहर कर दें और फिर उनसे कहें, 'जाओ, और अब आज शाम के अंतिम घंटे और अंतिम दिन तक बच कर दिखाओ।'"

साउथ अफ़्रीका ने पांचवें दिन भारत को घरेलू सरज़मीं पर उनकी सबसे बड़ी हार थमाई लेकिन उनकी इस जीत का रंगे फीका पड़ गया क्योंकि सुनील गावस्कर और मेहमान कॉमेंटेटर डेल स्टेन सहित कई पूर्व भारतीय और साउथ अफ़्रीकी खिलाड़ियों ने कॉनराड के बयान की आलोचना की। कॉनराड ने जिस "ग्रोवेल" शब्द का उपयोग किया था उसके इस्तेमाल 1976 में टोनी ग्रेग ने वेस्टइंडीज़ की टीम के संदर्भ में किया था।

इसके बाद कॉनराड ने कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की थी। हालांकि इस संबंध में साउथ अफ़्रीका के टेस्ट और वनडे कप्तान टेम्बा बवूमा से दो बार पूछा गया लेकिन उन्होंने जवाब में यही कहा कि इसका जवाब केवल कॉनराड ही दे सकते हैं।

ESPNcricinfo को पता चला है कि क्रिकेट साउथ अफ़्रीका (CSA) को कॉनराड द्वारा इस्तेमाल किए गए 'ग्रोवेल' शब्द के उपयोग से कुछ ख़ास ख़ुशी नहीं हुई क्योंकि उनके भारतीय क्रिकेट से मज़बूत संबंध हैं। हालांकि उन्होंने यह निर्णय कॉनराड के ऊपर छोड़ दिया कि वह इस मुद्दे पर कब और कैसे बात करना चाहते हैं। CSA ने इस मामले पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।

"साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ों को रोहित और कोहली से सीखना होगा"

रायन रिकलटन, मैथ्यू ब्रीत्ज़के और डेवाल्ड ब्रेविस ने इससे पहले भारत में एक भी वनडे मैच नहीं खेला था लेकिन उन्हें रोहित शर्मा और विराट कोहली को क़रीब से देखने का मौक़ा मिला। साउथ अफ़्रीका कोच को उम्मीद है कि युवा खिलाड़ी वनडे प्रारूप में दो सर्वाधिक रन स्कोरर से बहुत कुछ सीखकर स्वदेश लौटेंगे।

कॉनराड ने कहा, "हमारे नए खिलाड़ियों को विराट और रोहित को क़रीब से देखने का मौक़ा मिला कि वह कैसे बल्लेबाज़ी करते हैं और कैसे अपना काम करते हैं। मुझे लगता है कि यह हमारे लिए सीखने योग्य था और हम इस सबक को अपने साथ लेकर जाएंगे और आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।"

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फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं।