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क्या शॉर्ट गेंदों पर अपनी धार खोते जा रहे हैं बुमराह?

2020 में लगी एक चोट के बाद उनकी शॉर्ट गेंदें उतनी प्रभावी नहीं रही हैं

बुमराह की गति में भी कमी आई है, जिससे उनका प्रभाव भी कम हुआ है  AFP/Getty Images

"बुमराह, एल्गर को, कोई रन नहीं- बैक ऑफ लेंथ गेंद, शरीर की लाइन में, अतिरिक्त उछाल लेती हुई, इस असमतल उछाल से हैरान एल्गर ख़ुद को गेंद की लाइन से अलग नहीं कर सके। अंतिम मिनट में उन्होंने गेंद से अपनी निगाहें भी हटा ली। गेंद उनके कंधे पर लगने के बाद और उछलती हुई उनके हेल्मेट के ग्रिल पर लगी।"

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जोहैनसबर्ग टेस्ट में जसप्रीत बुमराह ने साउथ अफ़्रीकी कप्तान डीन एल्गर को एक बाउंसर डाला, यह उसकी गेंद-दर-गेंद कॉमेंट्री है।

आप असमतल उछाल लेती हुई पिचों पर बुमराह से ऐसी ही गेंदों की अपेक्षा रखते हैं। पिछले कुछ सालों में बुमराह ने अपने अजीब ऐक्शन और रिलीज़ प्वाइंट से ऐसी पिचों पर दर्जनों बल्लेबाज़ों को परेशान किया है।

बुमराह एक चतुर गेंदबाज़ हैं और उनके पास किसी भी पिच पर किसी भी बल्लेबाज़ को परेशान करने की क्षमता है। उनके ऐक्शन से लगता है कि वह सिर्फ़ एक इनस्विंग गेंदबाज़ हैं, लेकिन अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सफ़र के दौरान उन्होंने गेंद को बल्लेबाज़ से दूर ले जाना भी सीखा है।

लेकिन अभी कुछ दिनों से लग रहा है कि बुमराह से कुछ मिस हो रहा है। आप सोच भी नहीं सकते कि एक अमतल उछाल लेती पिच पर दूसरी पारी में 17 ओवर फेंकने के बाद भी बुमराह को एक भी विकेट नहीं मिला। हालांकि इस दौरान उन्होंने बल्लेबाज़ को कई बार बीट भी कराया, लेकिन वह विकेट लेने में असफल रहे। जोहैनसबर्ग टेस्ट में 38 ओवर फेंकने के बाद उन्हें सिर्फ़ एक विकेट मिला, जबकि वह हर 50 गेंद पर विकेट लेने के लिए जाने जाते हैं।

बुमराह ने इस मैच में बहुत सी शॉर्ट गेंदें फेंकी, लेकिन वह बल्लेबाज़ को परेशान करने में क़ामयाब नहीं रहे। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की गेंद-दर-गेंद डेटा के अनुसार 101 छोटी गेंदों पर सिर्फ़ 20 बार ही वह बल्लेबाज़ों को छकाने में क़ामयाब रहे। उनके साथी गेंदबाज़ों शार्दुल ठाकुर (23.5%) और मोहम्मद शमी (23.5%) का रिकॉर्ड इस मामले में उनसे कहीं बेहतर था। इसके अलावा साउथ अफ़्रीकी गेंदबाज़ों ने भी ऐसी शॉर्ट और शॉर्ट ऑफ़ गुड लेंथ गेंदों से भारतीय बल्लेबाज़ों को ख़ूब परेशान किया।

हालांकि यह टेस्ट बुमराह के लिए अपवाद नहीं था। फ़रवरी, 2020 में एक चोट से वापस आने के बाद बुमराह छोटी गेंदों पर प्रभाव जमाने में पहले जितना सफल नहीं रहे हैं।

इस चोट से पहले शॉर्ट गेंदों पर बुमराह 26.3% बार बल्लेबाज़ों से ग़लती करवाने में क़ामयाब रहते थे, लेकिन यह प्रतिशत अब गिरकर 17% हो गया है। कुल मिलाकर इसमें 35.4% की गिरावट आई है। चोट से पहले उन्होंने शॉर्ट गेंदों पर 18.1 की औसत और 46.2 की स्ट्राइक रेट से 17 विकेट लिया था, जबकि चोट के बाद उन्हें 42.2 की औसत और 109.5 की स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ नौ विकेट मिले हैं।

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इससे पहले शॉर्ट गेंद, बुमराह के लिए सबसे बड़ा हथियार होता था। वह शॉर्ट गेंदों से पहले बल्लेबाज़ों को पीछे भेजते थे और फिर ऊपर गेंद फेंककर बल्लेबाज़ों को ड्राइव खेलने के लिए ललचवाते हैं। उनके 107 टेस्ट विकेट में 34 विकेट शॉर्ट गेंदों पर आए हैं। लेकिन इन शॉर्ट गेंदों को फेंकने के बाद बल्लेबाज़ बैकफ़ुट पर आ जाता है और फिर फुल गेंद फेंकने के बाद भी उन्हें आसानी से विकेट मिल जाती है।

लेकिन उनकी शॉर्ट गेंदों के कमजोर पड़ने के बाद अब छोटी गेंदें भी कम प्रभावशाली हो गई हैं। ऐसा लगता है कि फ़ुल गेंदों पर वह पहले जैसा गति नहीं प्राप्त कर पा रहे हैं। चोट से पहले बुमराह ने गुड लेंथ या उससे आगे की गेंदों पर 20.4 की औसत और 46.4 की स्ट्राइक रेट से 30 शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों को आउट किया था। लेकिन चोट के बाद यह औसत 31.9 और स्ट्राइक रेट 66.9 का हो गया है, जबकि उन्हें इस दौरान सिर्फ़ 23 विकेट मिली हैं।

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शॉर्ट गेंद तब और प्रभावी होते हैं, जब उनकी गति भी अधिक होती है। लेकिन देखा गया है कि चोट के बाद बुमराह की शॉर्ट गेंदों की गति में भी कमी आई है, इसके कारण बल्लेबाज़ अधिक आसानी से शॉट खेलने में सफल हो रहे हैं।

ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो की डेटा के अनुसार, चोट से पहले बुमराह की 107 गेंदों पर बल्लेबाज़ों ने शॉट खेलने का प्रयास किया, लेकिन इस दौरान वे सिर्फ़ 52.3% बार ही नियंत्रण में दिखे। वहीं चोट के बाद यह प्रतिशत बढ़कर 71.7% हो गया, इसका मतलब है कि बल्लेबाज़ अब आसानी से और अधिक नियंत्रण के साथ बुमराह की छोटी गेंदों को खेल पा रहे हैं।

अब बल्लेबाज़ इन छोटी गेंदों को आसानी से छोड़ भी पा रहे हैं। जहां बुमराह की चोट से पहले उनकी छोटी गेंदों को 28.8% बार छोड़ा गया, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 36.7% हो गई है।

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ये आंकड़ें बताती हैं कि बुमराह को 2020 में हुआ फ़्रैक्चर निर्णायक था और इसके बाद ना सिर्फ़ उनकी गति में कमी आई है बल्कि उनकी शॉर्ट गेंदों का धार भी प्रभावित हुआ है। जहां चोट से पहले अपने शुरुआती टेस्ट मैचों में बुमराह ने 19.24 की शानदार औसत से 62 विकेट लिए थे, वहीं वापसी के बाद 14 टेस्ट मैचों में उनके नाम 28.75 की औसत से सिर्फ़ 45 विकेट हैं। यह कोई ख़राब औसत नहीं है, लेकिन बुमराह की प्रतिभा के साथ यह न्याय नहीं करता है।

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शिवा जयरामन ESPNcricinfo में वरिष्ठ विश्षेलक और सांख्यिकीविद हैं, अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के दया सागर ने किया है