आंकड़े : फ़ॉलोऑन खेलने के बाद टेस्ट जीतने वाली चौथी टीम बनी न्यूज़ीलैंड
इससे पहले कभी भी इंग्लैंड की टीम 200 रनों की बढ़त लेने के बाद टेस्ट मैच नहीं हारी थी

1 न्यूज़ीलैंड ने इंग्लैंड को एक रन के अंतर से हराया । यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे कम रनों की जीत के मामले में संयुक्त रूप से पहले स्थान पर है। इससे पहले वेस्टइंडीज़ ने साल 1993 में ऑस्ट्रेलिया को एक रन से हराया था। उस वक़्त ऑस्ट्रेलिया के सामने 186 रनों का लक्ष्य था।
4 टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा सिर्फ़ चार बार हुआ है, जब एक टीम ने फ़ॉलोऑन के लिए मजबूर किए जाने के बावजूद जीतने में क़ामयाब हुई है। इस मैच को छोड़ दिया जाए तो बाक़ी के सारे मैचों में ऑस्ट्रेलिया को हार मिली है। 1894 और 1981 में इंग्लैंड की टीम फ़ॉलोऑन के लिए मजबूर किए जाने के बावजूद जीतने में सफल रही थी और साल 2001 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ यह कारनामा किया था।
0 177 टेस्ट मैचों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब इंग्लैंड को पहली पारी में 200 रनों की बढ़त लेने के बावजूद हार का सामना करना पड़ा है। 1961 में इंग्लैंड पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया से 177 रन आगे थी लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
226 पहली पारी में न्यूज़ीलैंड की टीम इंग्लैंड से 226 रन से पीछे थी। पहली पारी में पिछड़ने के बावजूद मैच जीतने के मामले में न्यूज़ीलैंड का यह सबसे ज़्यादा स्कोर है। इससे पहले 1994 में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ न्यूज़ीलैंड 144 रन से पिछड़ने के बावजूद मैच जीतने में सफल रही थी।
6 इस टेस्ट मैच से पहले इंग्लैंड ने पिछली सभी छह टेस्ट मैचों में जीत हासिल की थी। इससे पहले 2004 में उन्होंने लगातार आठ मैचों में जीत हासिल की थी। इसके अलावा 2010 में भी उन्होंने लगातार छह मैच जीते थे।
0 मार्च 2017 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ गंवाने के बाद न्यूज़ीलैंड की टीम घरेलू धरती पर कोई भी टेस्ट सीरीज़ नहीं हारी है। साउथ अफ़्रीका सीरीज़ के बाद से न्यूज़ीलैंड ने घरेलू धरती पर कुल 11 टेस्ट सीरीज़ खेला है। उनमें से आठ में उन्हें जीत मिली है और तीन मैच ड्रॉ हुए हैं।
248 जो रूट ने इस मैच में कुल 248 रन बनाए। एक हारे हुए मैच में इग्लैंड के किसी भी बल्लेबाज़ द्वारा यह दूसरा सबसे ज़्यादा रन है। हर्बर्ट सटक्लिफ़ ने 1925 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ 81 रनों से मिली हार के दौरान 303 रन (176 और 127) बनाए थे।
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