आंकड़े झूठ नहीं बोलते : स्पिनरों और बर्थडे बॉय कोहली के 'टॉस भाग्य' पर निर्भर होगा भारत
दुबई में भारत ने अभी तक एक भी टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच नहीं जीता है

भारत और स्कॉटलैंड के बीच अब तक सिर्फ़ एक टी20 मैच हुआ है, लेकिन बारिश के कारण इसे रद्द करना पड़ा था। यह पहले टी20 विश्व कप (2007) में भारत का पहला मैच था और धोनी पहली बार किसी भी फ़ॉर्मेट में टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे। ज़ाहिर सी बात है कि दोनों टीमों के खिलाड़ी एक दूसरे से अनभिज्ञ होंगे। फिर भी कई ऐसे आंकड़े और परिस्थितियां हैं, जो इस मैच को प्रभावित कर सकती हैं।
विराट को होगा टॉस जीतने का इंतज़ार
यह मैच दुबई में खेला जाएगा। यहां पर लक्ष्य का पीछा करने वाली टीमें 22 में से 17 मैच जीती हैं। वहीं इस विश्व कप के दौरान भी दुबई में हुए नौ मैचों में से आठ मैच दूसरी पारी में बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ही जीती है। इसलिए कोई भी टीम टॉस जीतकर यहां पहले गेंदबाज़ी करना चाहेगा। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इस विश्व कप में एक भी बार टॉस नहीं जीता है। मत भूलिए कि 5 नवंबर को कोहली का जन्मदिन भी है। वह अपने जन्मदिन के दिन टॉस जीतकर इस दुर्भाग्यपूर्ण सिलसिले को भी समाप्त करना चाहेंगे।
अगर वह इस मैच में अर्धशतक बनाते हैं, तो अपने जन्मदिन के अवसर पर वह टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में अर्धशतक बनाने वाले सिर्फ़ पांचवें बल्लेबाज़ होंगे। उनसे पहले मोहम्मद शहज़ाद, युवराज सिंह, डेविड वॉर्नर और भानुका राजापक्षा ऐसा कर चुके हैं।
भारत को सुधारना होगा दुबई में अपना रिकॉर्ड
जिस तरह से इस विश्व कप में विराट कोहली को टॉस जीतना है, उसी तरह से भारत को दुबई में टी20 मैच जीतना है। भारत ने दुबई में दो टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं और दोनों में उसे हार का सामना करना पड़ा है। वहीं स्कॉटलैंड का रिकॉर्ड यहां पर कहीं बेहतर है। स्कॉटिश टीम ने यहां पर नौ अंतर्राष्ट्रीय टी20 मैच खेले हैं, जिसमें चार में उसे जीत और पांच में हार मिली है।
स्पिनरों पर होगा दारोमदार
दुबई में हुए आईपीएल मैचों में तेज़ गेंदबाज़ों का पलड़ा भारी था, लेकिन जैसे-जैसे इस मैदान पर मैच हुए हैं स्पिनरों का बोलबोला बढ़ता गया है। टी20 विश्व कप के दौरान यहां पर ऑस्ट्रेलिया और बांग्लादेश के मुक़ाबले से पहले स्पिन गेंदबाज़ों ने 16 पारियों में 22.5 की स्ट्राइक रेट से 32 विकेट लिए हैं। इस दौरान उनकी इकॉनमी तेज़ गेंदबाज़ों के 8.1 के मुक़ाबले सिर्फ़ 6.4 रही है। इसका साफ़ मतलब है कि यहां पर स्पिनर्स पर रन बनाना कतई भी आसान नहीं है। और गुरुवार के मैच में ऐडम ज़ैंपा ने कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए पांच विकेट झटक कर बांग्लादेश को ध्वस्त कर दिया।
अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ मैच में आर अश्विन और रवींद्र जाडेजा ने अपनी गेंदबाज़ी का धार दिखाया था, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि स्कॉटिश टीम में भी मार्क वॉट, माइकल लीस्क और क्रिस ग्रीव्स जैसे तीन अलग-अलग तरह से स्पिनर हैं, जिन्होंने अपनी स्पिन गेंदबाज़ी से अब तक इस विश्व कप में अपनी छाप छोड़ी है। चूंकि भारत को यह मैच जीतने के साथ-साथ अपना नेट रन रेट भी सुधारना है, इसलिए हो सकता है कि भारतीय बल्लेबाज़ स्कॉटिश स्पिनरों पर आक्रमण करने जाए। ऐसा होने पर उन्हें विकेट भी मिलने की संभावना अधिक होगी।
भारत को पावरप्ले में गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों सुधारना होगा
भारत ने इस विश्व कप में पावरप्ले के दौरान बहुत ही साधारण गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन किया है। पाकिस्तान और न्यूज़ीलैंड दोनों के ख़िलाफ़ भारत ने पावरप्ले के भीतर ही अपने सलामी बल्लेबाज़ों को गंवा दिया था। वहीं गेंदबाज़ी के दौरान भी भारत, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पावरप्ले के दौरान एक भी विकेट नहीं ले सका, जबकि न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ भी भारतीय गेंदबाज़ों को महज़ एक विकेट मिला।
भारत ने इस विश्व कप में पावरप्ले के दौरान तीन मैचों में सिर्फ़ तीन विकेट लिया है, जो कि 4 नवंबर के मैचों से पहले विश्व कप खेल रहे सभी 12 टीमों में सबसे कम है। वहीं इस दौरान भारत ने 7.4 की इकॉनमी से रन लुटाए हैं, जो कि ऑस्ट्रेलिया (8.2) के बाद इस विश्व कप में सर्वाधिक है। हालांकि यह समस्या सिर्फ़ विश्व कप की ही नहीं है। 2020 से भारत ने 21 टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में सिर्फ़ तीन बार ही पावरप्ले में एक से अधिक विकेट लिया है। ज़ाहिर सी बात है कि भारत को अपनी पावरप्ले गेंदबाज़ी और बल्लेबाज़ी दोनों में सुधार लाना होगा
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95
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