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सूर्यकुमार: मैंने मिलर का कैच सफ़ाई से लपका था

'मुझे पता था कि मैंने बाउंड्री रोप को नहीं छुआ है'

सूर्यकुमार ने दबाव के समय मिलर का एक बेहतरीन कैच लपका था  ICC/Getty Images

सूर्यकुमार यादव ने कहा है कि वे जानते थे कि उन्होंने डेविड मिलर का कैच लपकते वक़्त बाउंड्री रोप को नहीं छुआ था। उन्होंने बताया कि उन्होंने एक सेकेंड से भी कम समय में कैच के लिए पूरी तरह से जाने का फ़ैसला लिया क्योंकि उन्होंने देखा कि लांग ऑन पर खड़े रोहित शर्मा के लिए गेंद दूर है और वह कैच के लिए जा भी नहीं रहे हैं। उस समय सूर्यकुमार दूसरी तरफ़ लांग ऑफ़ पर खड़े थे।

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मिलर का यह कैच T20 वर्ल्ड कप फ़ाइनल का टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ, जिसे भारत ने अंतिम गेंद पर सात रनों से जीता।

सूर्यकुमार ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "रोहित भाई सामान्यतया लांग ऑन-लांग ऑफ़ पर नहीं खड़े होते। जब गेंद हमारी तरफ़ आई तो एक सेकंड के लिए मैंने उनको देखा और उन्होंने मुझे। इसके बाद मैं दौड़ा और मेरा एकमात्र लक्ष्य गेंद को पकड़ना था। अगर रोहित भाई भी गेंद की तरफ़ आते तो मैं उनकी तरफ़ गेंद फेंकता। लेकिन वह दूर-दूर तक कहीं नहीं थे। उस चार-पांच सेकंड के दौरान क्या-क्या हुआ, मैं बता नहीं सकता।"

क्या वह कैच साफ़गोई से लपकी गई थी? क्या सूर्यकुमार का पैर बाउंड्री रोप को नहीं छुआ था? रिप्ले देखकर इस पर कोई ख़ास निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता था।

सूर्यकुमार ने कहा, "जब मैंने पहली बार कैच लपका और उसे बाउंड्री रोप के अंदर फेंका, मैं जानता था कि मैंने रस्सी को नहीं छुआ है। जब मैं गेंद को अंदर फेंक रहा था, तब मेरा ध्यान इसी पर था कि मेरा पैर रस्सी को ना छुए। मुझे पता था कि यह सही कैच है। हालांकि तब कुछ भी हो सकता था। अगर गेंद छक्के के लिए जाती तो पांच गेंद पर सिर्फ़ 10 रन चाहिए होते। वहां से भी हम मैच जीत सकते थे, लेकिन शायद तब मुक़ाबला बहुत रोचक हो जाता।"

सूर्यकुमार ने इस कैच को लपकने के पीछे का तरीका भी बताया। उन्होंने इसका श्रेय फ़ील्डिंग कोच टी दिलीप और उनके फ़ील्डिंग मेडल को दिया, जो टीम के हर सदस्य को बेहतरीन फ़ील्डिंग के लिए प्रेरित करता है। सूर्यकुमार ने कहा कि टीम का हर सदस्य अब मैदान में कुछ अतिरिक्त करना चाहता है।

उन्होंने कहा, "जैसा कैच मैंने लपका, उसका अभ्यास मैंने अलग-अलग मैदानों पर अलग-अलग हवा की दिशा के साथ किया है। हार्दिक (पंड्या) और रोहित भाई ने वाइड यॉर्कर के लिए फ़ील्ड जमाई थी, इसलिए मैं थोड़ा वाइड खड़ा था। हालांकि मिलर ने सीधा शॉट मारा। मेरे दिमाग में यह साफ़ था कि मुझे यह कैच लपकना ही है। मैच से एक दिन पहले हमने 10-12 मिनट का एक फ़ील्डिंग सेशन किया था, जिसमें सभी ने लगभग 10-10 ऊंची, लंबी, नीची और स्लिप कैचों का अभ्यास किया था। हालांकि यह एक दिन का अभ्यास नहीं था, मैंने IPL और द्विपक्षीय सीरीज़ के दौरान भी इसका अभ्यास किया था। कल का कैच सालों के कड़ी मेहनत का परिणाम था।"

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सूर्यकुमार ने बताया कि ऐसा संतुलन बनाना बिना अच्छी फ़िटनेस के संभव ही नहीं है। नवंबर 2023 से मार्च 2024 के बीच चार महीने तक जब वह स्पोर्ट्स हर्निया और एड़ी की चोट से उबर रहे थे, तब उन्होंने फ़िटनेस पर भी बहुत मेहनत की थी। इस दौरान उन्होंने अपना वजन कम किया और बेहतर खाने के लिए न्यूट्रिनिस्ट के साथ भी संपर्क में रहें।

उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि पिछले अगस्त में मेरा वजन 93 किलोग्राम था क्योंकि मैं बहुत ज़्यादा लोकल फ़ूड खा रहा था। उसी दौरान मैं चोटिल हुआ और मेरे हर्निया का भी ऑपरेशन हुआ। इसके बाद मैं NCA गया और वहां 1 जनवरी से 1 अप्रैल तक रहा। छुट्टी का दिन होने पर भी मैं घर नहीं जाता था क्योकि मुझे पता था कि फिर सोमवार को मेरा सेशन होगा। मैं समय बर्बाद नहीं करना चाहता था। तबसे मैं अपने शेफ़ द्वारा बनाए गए भोजन का सेवन करने लगा। मैं 10 बजे रात में सो जाता था और सुबह जल्दी उठता था। मेरे शेफ़ और न्यूट्रिनिस्ट ही निर्णय लेते हैं कि मेरे खाने में कितना प्रोटीन और फ़ैट रहे और मैं दिन भर में कितना पानी सेवन करूं। हमने इसके लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया है, जिसमें मेरी पत्नी भी है। सारा निर्णय वे लोग लेते हैं, मैं बस उसको फ़ॉलो करता हूं।"

विश्व चैंपियन बनकर कैसा लग रहा है, इस सवाल के जवाब में सूर्यकुमार कहते हैं, "उन चार-पांच सेकंड में क्या हुआ, मैं आपको बता नहीं सकता। लोग अब भी फ़ोन, मैसेज कर रहे हैं, बधाई दे रहे हैं। मेरे फ़ोन में 1000 से अधिक व्हाट्सएप मैसेज बिना पढ़े हुए पड़े हुए हैं। वह कैच सोशल मीडिया पर सब जगह फैला है। मैं भाग्यशाली हूं कि उन चार-पांच सेकंड के लिए मैं वहीं पर था।"

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