वर्ल्ड टी20 2009: धोनी और सहवाग का विवाद, एक मुश्किल समय में पाकिस्तान का विश्व कप चैंपियन बन कर उभरना
2009 के विश्व कप से जुड़ी कुछ मज़ेदार यादें

टी20 विश्व कप का समय आ गया है। 2007 में स्थापित हुए इस टूर्नामेंट ने पिछले कुछ सालों में कई रोमांचक संस्करण क्रिकेट जगत को दिए हैं। हर साल कुछ यादगार खिलाड़ियों और टीमों ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम लिखा है। ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो का यह प्रयास है कि हम ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पहले पुरुष क्रिकेट के पहले टी20 विश्व कप में अब तक बीते सारे संस्करणों की यादें ताज़ा करें। आज हम 2009 में खेले गए विश्व कप की बात करेंगे।
आप उस विश्व कप से जु़ड़े कुछ सवाल पूछिए और हम कोशिश करेंगे कि उनका जवाब दिया जाए।
अच्छा… तो सबसे पहले ये बता दो कि भारत उस विश्व कप को क्यों नहीं जीत पाया?
क्योंकि टीम ने अच्छा नहीं खेला…कुछ बढ़िया वाला सवाल पूछो भाई। एकदम झन्नाटेदार।
अच्छा!!! भारतीय टीम के बारे में कुछ बताओ। कोई यादगार प्रदर्शन या कोई विवाद ?
प्रदर्शन वाले शब्द को थोड़ी देर कि लिए भूल जाइये और विवाद के बारे में सुनिए।
विवाद.. इंटरेस्टिंग… बताओ-बताओ..
विश्व कप से पहले मीडिया में ख़बर ख़ूब ज़ोर से चली कि सहवाग और धोनी में सब सही नहीं चल रहा है। उस वक़्त सहवाग कंधे की चोट के कारण टी20 विश्व कप से बाहर हो गए थे। मामला जब काफ़ी गर्म हो गया तो धोनी पूरी टीम को लेकर प्रेस कांफ़्रेंस में आ गए और बोले कि हमारी टीम में पूरी एकता है। हालिया समय में मेरे और सहवाग को लेकर कई अफ़वाह फैलाई जा रही हैं। वो सारी झूठी हैं।
उफ्फ..मामला तो काफ़ी गर्म हो गया होगा लेकिन अब शुरू से शुरू करते हैं। इस विश्व कप की शुरुआत कैसी थी?
शुरुआत तो ऐसी थी जिसने सबको चौंका कर रख दिया था। इंग्लैंड और नीदरलैंड्स के बीच पहला मैच था। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 162 रन बनाए। सबको उम्मीद थी कि इंग्लैंड आसानी से यह मैच जीत जाएगा लेकिन नीदरलैंड्स इतिहास लिखने के मूड में था।
अंतिम गेंद पर दो रन चाहिए। ब्रॉड गेंदबाज़ी कर रहे थे। वह राउंड द विकेट आए। बल्लेबाज़ ने काफ़ी ज़ोर से गेंद ऑन साइड में मारने का प्रयास किया लेकिन गेंद बोलर की तरफ़ गई, इस बीच दोनों बल्लेबाज़ रन के लिए भाग गए, बोलर ने गेंद को उठा कर नॉन स्ट्राइक एंड में विकेट पर मारा लेकिन निशाना लगा नहीं, ओवर थ्रो के भी रन मिले और नीदरलैंड्स जीत गया।
हेल्लो-हेल्लो-हेल्लो…लाइव टेक्स्ट कॉमेंट्री नहीं करनी है। मैं समझ गया।
ओके।
भारत का प्रदर्शन कैसा था?
भारत के ग्रुप में सिर्फ़ आयरलैंड और बांग्लादेश की टीम थी। यह पड़ाव आसानी से पार करने के बाद भारत वेस्टइंडीज़, इंग्लैंड और साउथ अफ़्रीका से हार गया। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ तो भारत 153 के स्कोर का पीछा करते हुए तीन रनों से हार गई और साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 130 रनों का पीछा करते हुए 12 रनों से।
और वेस्टइंडीज़ से?
यहां स्कोरकार्ड देख लो। दुख होता है, हार की सारी कहानी बताने में और थोड़ी मेहनत ख़ुद भी कर लो।
किसी खिलाड़ी ने शतक-वतक लगाया था? कौन सा बल्लेबाज़ एकदम मूड में था?
ये वाला बढ़िया सवाल है गुरू। टी20 विश्व कप के इतिहास में यह एक ऐसा विश्व कप था, जिसमें कोई शतक ही नहीं लगा था। सर्वाधिक स्कोर 96 का था, जो तिलकरत्ने दिलशान ने लगाया था। उन्होंने ही सबसे ज़्यादा रन भी बनाए थे।
और हां, सबसे ज़्यादा विकेट किसने लिया? सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी प्रदर्शन कौन सा था? यह सारी बातें जाननी है तो इधर क्लिक कर लीजिए।
पाकिस्तान के लिए यह जीत काफ़ी ख़ास रही होगी न?
ये वाला सवाल सबसे ज़्यादा जबर है।
अच्छा। ऐसा क्यों?
अतीत में चलते हैं। अगर 2007 से ही देखें तो पाकिस्तान क्रिकेट काफ़ी मुश्किल में थी। उनके कोच बॉब वूल्मर मिस्ट्री वाला देहांत। 50 ओवर के विश्व कप में आयरलैंड के ख़िलाफ़ मिली शर्मनाक हार। फिर टी20 का लगभग जीतते-जीतते रह जाना। और तो और श्रीलंकाई टीम पर पाकिस्तान में अटैक और वह भी टी20 विश्व कप के लगभग तीन महीने पहले। एक टीम के तौर यह किसी भयानक आपदा से कम नहीं था।
उन्हें कुछ ऐसा चाहिए था जो उनके लिए एक सकारात्मक उम्मीद की किरण जगा सके।
इस जीत के बाद पाकिस्तान किकेट बोर्ड के चेयरमैन और पूर्व खिलाड़ी रमीज़ राजा ने कहा था , "पिछले छह से आठ महीनों में पाकिस्तान में जो कुछ भी हुआ है, उसने ग़लत संदेश दिया है लेकिन यह जीत एक बड़ा बदलाव है। यह जीत 1992 के विश्व कप की जीत से भी बड़ी जीत है।"
राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं
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