एशिया कप हथियाने के बाद टी20 विश्व कप में आत्मविश्वास के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंचेगी श्रीलंकाई टीम
कैंडी में कैंप के बाद परिस्थतियों में जल्दी ढलने के लिए श्रीलंकाई टीम जल्दी ऑस्ट्रेलिया पहुंच रही है

मुश्किल से एक साल पहले ठीक इसी समय दसून शानका ने टी20 विश्व कप में अपनी टीम की संभावनाओं के बारे में बातें कही थी, लेकिन हक़ीक़त यह थी कि वह आत्मविश्वास की जगह भावनाओं में बह रहे थे। तब उन्होंने कहा था, "अगर हमारे लड़कों ने अपनी ताक़त के अनुसार प्रदर्शन किया तो मुझे लगता है कि वह इस टूर्नामेंट में बहुत आगे जा सकते हैं।" हालांकि ऐसा हो नहीं सका था।
लगभग एक महीने पहले ही एशिया कप के अपने पहले मुक़ाबले में श्रीलंकाई टीम अफ़ग़ानिस्तान से हार गई थी और वह टूर्नामेंट से बाहर होने की कगार पर थी। लेकिन यह कहानी अब बदल चुकी है बल्कि यह कहानी बहुत तेज़ी से बदली है। शानका के शब्दों में शायद ही कोई बदलाव आया हो, फिर भी उनमें विश्वास की भावना शायद ही इससे अलग हो। शुक्रवार को टी20 विश्व कप के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले पत्रकार वार्ता में शानका ने कहा, "अगर हमने सही फ़ैसले लिए और अपनी रणनीति पर बने रहे तो मुझे पूरा विश्वास है कि हमें सफलता मिलेगी। बेशक पिछले विश्व कप की तुलना में हमारा आत्मविश्वास अलग स्तर का है, लेकिन हमेशा से हमारा ध्यान प्रकिया पर है। यहां तक कि पिछले विश्व कप में भी मुझे लगा था कि हमारे पास वह कौशल है जिससे हम कम से कम सेमीफ़ाइनल में पहुंच सकते हैं। सबसे अहम चीज़ है कि आप आपनी क़ाबिलियत पर खेलो और मैच के दिन प्रदर्शन करो।"
श्रीलंका की टीम 16 अक्तूबर से नामीबिया के ख़िलाफ़ होने वाले पहले दौर के मुक़ाबले से दो सप्ताह पहले ऑस्ट्रेलिया जा रही है। सितंबर के आख़िरी सप्ताह में उनका कैंडी में ट्रेनिंग कैंप लगा था।
इस अतिरिक्त समय से उन्हें ऑस्ट्रेलिया की परिस्थिति में ढलने का मौक़ा मिलेगा। छह महीने पहले ही पद संभालने वाले मुख्य कोच क्रिस सिल्वरवुड के लिए भी यह सपनों जैसी शुरुआत रही है। उन्होंने बताया कि कैसे इस अवधि का उपयोग उन कौशलों पर काम करने के लिए किया जो ऑस्ट्रेलिया में विशेष रूप से उपयोगी होंगे।
उन्होंने कहा, "हम अभी भी यॉर्कर पर काम कर रहे हैं जिससे ऑस्ट्रेलियाई विकेट पर पूरी तरह से सफलता हासिल की जा सके। नामीबिया से मैच से पहले हमें कुछ अभ्यास मैच खेलने हैं। हम इससे पहले आपस में मैच खेलेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम उस परिस्थिति को नियंत्रित कर सकें जिसमें हम ट्रेनिंग ले रहे हैं।"
हम वास्तव में इस बारे में बहुत आत्मविश्वास से भरे हैं कि हम क्या ट्रेनिंग करने का प्रयास कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, हमने कैंडी में एक सुपर ओवर किया, जो बहुत मज़ेदार है, लेकिन यह इस बात पर नज़र डालता है कि सुपर ओवर में यह कहां थोड़ा गलत हो सकता है। यह बहुत जल्दी होता है और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एक स्तर का आत्मविश्वास ना खोएं।"
उन्होंने कहा, "इसके बाद ऑस्ट्रेलिया में मैदान के आयाम आते हैं, जो बेहद बड़े हैं। हमें उनसे सामंजस्य बैठाना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम कोणों को काटने के लिए बाउंड्री से सही दूरी पर रहें और खिलाड़ियों को इसकी आदत डालें।"
सबसे पहले एशिया कप में मिली क़ामयाबी के बाद भी उन चीज़ों पर काम करने की ज़रूरत है जहां सुधार की आवश्यकता है। श्रीलंका की एशिया कप में अधिकतर जीत टॉस जीतकर लक्ष्य का पीछा करने पर मिली थी और फ़ाइनल में भी पहले बल्लेबाज़ी करके उन्होंने लक्ष्य दिया वह उनके सुविधा क्षेत्र से बाहर था।
सिल्वरवुड ने कहा, "कई जगह हैं जहां पर हमें सुधार करना है। मुझे लगता है कि एशिया कप फ़ाइनल में हमने लक्ष्य देने में अच्छा काम किया लेकिन यह उतना भी अच्छा नहीं था। तो ऐसे में हम इस पर ही काम करने की सोच रहे हैं।"
शानका के लिए यह एशिया कप की सफलता को देखते हुए उन्हीं आयामों को दोहराने जैसा है।
शानका ने कहा, "एशिया कप जीतना अच्छा था लेकिन यह केवल एक टूर्नामेंट है। वह भूतकाल की बात है क्योंकि अगर हम इसके बारे में सोचते जाएंगे तो हम आगे नहीं देख सकते हैं और ऐसा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं जिसकी हमें ज़रूरत है।"
उन्होंने कहा, "कैंडी में हुए कैंप में हर खिलाड़ी ने अपना 100 प्रतिश दिया। मुझे इस बात की चिंता थी कि कहीं लड़के एशिया कप की जीत के बाद आराम में ना हों, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हर खिलाड़ी ने बेहद अच्छा अभ्यास किया और मुझे पूरा विश्वास है कि हम विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।"
इस कैंप में दुश्मांता चमीरा और लाहिरू कुमारा के साथ ही दिलशान मदुशंका जैसे गेंदबाज़ थे जो लगातार 140 किमी प्रति घंटा की गति से गेंदबाज़ी कर सकते हैं। हालांकि पहले दो गेंदबाज़ों की फिटनेस पर सवाल हैं लेकिन शानका ने पुष्टि की कि कैंप में कोई समस्या नहीं हुई।
उन्होंने कहा, "लाहिरू और दुश्मांता दोनों हमारे कैंप का हिस्सा थे और उन्होंने बिना किसी दिक्कत के अपने कोटे के ओवर पूरे किए। मुझे लगता है कि वह विश्व कप के लिए तैयार हैं।"
कुल मिलाकर देखा जाए तो कुछ ही समय में श्रीलंकाई कैंप का आत्मविश्वास बढ़ गया है। कोच सिल्वरवुड के नेतृत्व में टीम सीख रही है, उस पर अमल कर रही है और नई चीज़ों को आज़मा रही है।
अनुवाद ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
Read in App
Elevate your reading experience on ESPNcricinfo App.