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जसप्रीत बुमराह : यह जीत वाक़ई चांद पर पहुंचने जैसी है

बुमराह ने इस विश्व कप में सबसे अच्छी इकॉनमी के साथ 17 विकेट लिए

मांजरेकर: हार्दिक, बुमराह और अर्शदीप भारत की ख़िताबी जीत के असली नायक हैं

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टी20 विश्व कप 2024 फ़ाइनल में भारत की ख़िताबी जीत का सटीक विश्लेषण संजय मांजरेकर के साथ

टी20 विश्व कप में जसप्रीत बुमराह को उनकी शानदार गेंदबाज़ी के कारण प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब दिया गया है। भारत को विश्व चैंपियन बनाने में बुमराह ने एक अहम भूमिका निभाई है। प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ और टी20 विश्व कप चैंपियन बनने के बाद बुमराह ने कहा है कि "पूरी दुनिया में इससे बेहतर कोई भी एहसास नहीं हो सकता।"

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बुमराह ने साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में मैच जिताऊ गेंदबाज़ी की। इस मैच में उन्होंंने अपने चार ओवर के स्पेल में 18 रन देकर सिर्फ़ दो विकेट लिए। इसके अलावा इस टूर्नामेंट में बुमराह ने लगातार 6 से कम की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है। विश्व कप अभियान की शुरुआत में ही बुमराह ने भारत को एक बेहतरीन शुरुआत दिलाई थी और अपनी धारदार गेंदबाज़ी के कारण पाकिस्तान और आयरलैंड के ख़िलाफ़ प्लेयर ऑफ़ द मैच भी बने थे।

इस विश्व कप में बुमराह ने आठ मैचों में कुल 178 गेंदे डालीं और सिर्फ़ 4.17 की इकॉनमी से रन देते हुए, 17 विकेट लिए। इस विश्व कप में कम से कम 10 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ों की फ़ेहरिस्त में बुमराह एकमात्र ऐसे गेंदबाज़ हैं, जिन्होंने पांच से कम की इकॉनमी से गेंदबाज़ी की है। पूरे टी20 विश्व कप के इतिहास में भी बुमराह सबसे ज़्यादा किफ़ायती गेंदबाज़ रहे हैं। एक संस्करण के दौरान कम से कम 16 ओवर डालने वाले गेंदबाज़ों में बुमराह की इकॉनमी सबसे अच्छी है।

फ़ाइनल मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हैं बुमराह ने कहा, "मैं लगातार यह प्रयास करता हूं कि ख़ुद को शांत रखा जाए। सच कहूं तो अभी चांद पर हूं। मेरे ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है। मेरा बेटा यहीं है। मेरा पत्मी भी यहीं है। हम इस पल के लिए काफ़ी दिनों से कड़ी मेहनत कर रहे थे। हम बड़े मंच के लिए ही किसी भी खेल का हिस्सा बनते हैं। पूरे विश्व में इस जीत से बेहतर एहसास नहीं हो सकता। जब मंच बड़ा हो और फ़ाइनल हो तो आपको थोड़ा ज़्यादा अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करना पड़ता है। पूरे टूर्नामेंट में मैं काफ़ी शांत था और काफ़ी क्लियर था कि मुझे क्या करना है। मैं एक समय पर सिर्फ़ एक ही गेंद के बारे में सोच रहा था।"

इस विश्व कप में बुमराह के प्रदर्शन को देखते हुए, यह तो ज़रूर कहा जा सकता है कि वह काफ़ी शांत दिमाग़ के साथ अपने खेल को आगे बढ़ा रहे थे। पाकिस्तान के ख़िलाफ़ रिज़वान का विकेट हो या फ़ाइनल मैच में उनका आख़िरी ओवर। इसके अलावा भी अनगिनत बार यह दर्शाया है कि बुमराह को पता है कि उन्हें क्या करना है।

आगे बुमराह ने कहा, "अब हमारा काम पूरा हो चका है। अब हम ख़ुश हो सकते हैं। चिल्ला सकते हैं। मैं आम तौर पर अपने जज्बातों को काबू में रखने और काम पूरा करने की कोशिश करता हूं, लेकिन आज मेरे पास कहने के लिए ज़्यादा शब्द नहीं हैं। मैं किसी भी मैच के बाद रोता नहीं हूं लेकिन आज भावनाएं हावी हो रही हैं। हम मुश्किल में थे लेकिन उस स्थिति से जीत हासिल करना वाकई चांद पर पहुंचने जैसा है। खेल के दौरान भावनाएं हावी हो सकती हैं। आज वे हावी हो रही थीं, लेकिन आपको उन्हें काबू में रखना होता है. लेकिन अब जब खेल खत्म हो गया है, तो जज्बात बाहर आ सकते हैं और आप चिल्ला और चीख सकते हैं।

फ़ाइनल में जब भारत मुश्किल में था तो रोहित ने 18वें ओवर में बुमराह को उनके स्पेल का आख़िर ओवर डालने को कह दिया। उस समय भारत मुश्किल में था। साउथ अफ़्रीका को जीत के लिए 18 गेंदों में सिर्फ़ 22 रन बनाने की ज़रूरत थी। उस ओवर के बारे में बात करते हुए, बुमराह ने कहा, "तब गेंद थोड़ी पुरानी हो चुकी थी। मुझे उम्मीद थी कि गेंद रिवर्स करेगी। अगर ऐसा होता है तो बल्लेबाज़ के लिए शॉट लगाना सबसे मुश्किल काम होगा।"

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राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं