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हेल्स : कठिन ग्रुप से आगे बढ़ना एक बड़ी उपलब्धि होगी

वहीं श्रीलंकाई ऑलराउंडर हसरंगा का मानना है कि उनकी टीम को ऑस्ट्रेलिया में अपनी मौजूदगी को साबित करना है

शॉट खेलते हेल्स  Getty Images

ऑस्ट्रेलिया ने जब पिछली बार पुरुष विश्व कप की मेज़बानी की थी तो इंग्लैंड का अभियान सिडनी में अफ़ग़ानिस्तान को नौ विकेट से हराने के बावजूद ग्रुप स्टेज में ही ख़त्म हो गया था। 2022 में उन्हें थोड़ी बेहतर यादें रचने का मौक़ा मिला है। वह लगातार तीसरे टी20 विश्व कप के सेमीफ़ाइनल में प्रवेश कर सकते हैं। ऐसी संभावना है कि श्रीलंका के विरुद्ध कोई भी जीत इंग्लैंड के लिए पर्याप्त हो, हालांकि अगर ऑस्ट्रेलिया अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध बड़े अंतर से भी जीतता है तो इंग्लैंड अपने मैच से पहले जान सकता है कि आख़िरी चार में पहुंचने के लिए उन्हें ठीक क्या करना होगा?

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इस एकादश में ऐलेक्स हेल्स और जॉस बटलर दो ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो सात साल पहले सिडनी में हुए उस विश्व कप मैच का हिस्सा थे। उनके अलावा मोईन अली, क्रिस वोक्स और क्रिस जॉर्डन भी उस साल इंग्लैंड दल का हिस्सा थे।

हेल्स ने कहा, "व्यक्तिगत तौर पर विश्व कप में नॉकआउट गेम खेलने का मौक़ा मिलना एक बहुत ख़ास अनुभव होगा। यह काफ़ी क़रीबी टूर्नामेंट रहा है और इसमें आगे बढ़ना काफ़ी बड़ी बात है। आपको कुछ बेहतरीन टीमों को हराना पड़ता है। अगर हम इस कठिन ग्रुप से आगे बढ़ते हैं तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।"

ऐसा नहीं है कि इंग्लैंड अपने अगले प्रतिद्वंद्वियों को हल्के में ले सकता है। श्रीलंका को इस टूर्नामेंट में परिश्रम करना पड़ा है। पहले पड़ाव में उन्हें नामीबिया से हारने के बाद वापसी करनी पड़ी थी और सुपर 12 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड से मुक़ाबले हारकर अब उनकी क़िस्मत उनके अपने हाथों में नहीं है।

बाएं हाथ के बल्लेबाज़ भनुका राजपक्षा ने कहा, "हमें इस मैच में ऑस्ट्रेलिया में अपनी मौजूदगी को साबित करना है। हमें केवल अच्छी क्रिकेट खेलनी है। हमने दो महीने पहले [एशिया कप जीतकर] दिखाया था कि हमारी कितनी क्षमता है। यहां परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहे हैं लेकिन कल का मुक़ाबला हमें एक अच्छे नोट पर ख़त्म करने का अवसर देगा।"

इंग्लैंड बनाम श्रीलंका एससीजी के एक ही पिच पर तीसरा मुक़ाबला होगा। इसी सतह पर स्पिनरों को सबसे ज़्यादा मदद मिलती दिखी है। ऐसी परिस्थितियों में वनिंदू हसरंगा और महीश थीक्षना अधिक असरदार बनेंगे। दोनों गेंदबाज़ों ने इस विश्व कप में अच्छा प्रभाव डाला है।

हेल्स ने कहा, "इस टूर्नामेंट में अगर आप शीर्ष क्रम के बल्लेबाज़ों के आंकड़े देखेंगे तो काफ़ी खिलाड़ियों ने संघर्ष किया है। यहां की परिस्थितियों ने सबको चौंका दिया है। स्विंग के साथ उछाल भी अतिरिक्त रही है और सीम के ज़रिए भी गेंद अधिक हरक़त कर रही है। ऐसे में आपको बड़ा योगदान करने के लिए शुरुआत में संघर्ष करना पड़ता है। अब मौसम बेहतर हो रहा है और हम उम्मीद कर सकते हैं कि आनेवाले मैचों में पिच बल्लेबाज़ी के लिए ज़्यादा अनुकूल होंगी।"

इस मैच में एक और मज़ेदार तथ्य होगा श्रीलंका के कोच क्रिस सिल्वरवुड की मौजूदगी, जो इससे पहले इंग्लैंड के कोच हुआ करते थे। राजपक्षा ने कहा, "यह उनके लिए कोई सामान्य गेम जैसा है। उनकी सलाह सपाट और सटीक रहती है। उनके लिए हमारे गेम में कोई सीमाएं नहीं रहनी चाहिए। वह हमें लगातार बेहतरी करने को प्रेरित करते हैं।"

श्रीलंका को इस अभियान में लगातार खिलाड़ियों की इंजरी से जूझना पड़ा है, लेकिन राजपक्षा मानते हैं कि इस बारे में ज़्यादा सोच कर कोई फ़ायदा नहीं। उन्होंने कहा, "इससे ज़रूर हमारे प्रदर्शन पर प्रभाव पड़ा है। लेकिन यह कोई बहाना नहीं बन सकता। हमें यही उम्मीद करनी है कि यह खिलाड़ी अगले विश्व कप तक और फ़िट बन जाएंगे।"

श्रीलंका भले ही अगले विश्व कप के बारे में सोचने लगा हो, कल का मुक़ाबला यह तय करेगा कि इंग्लैंड सिडनी से जुड़ी मायूसी की यादों को मिटाकर इस टूर्नामेंट में आगे बढ़ेगा या नहीं।

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ऐंड्रयू मक्ग्लैशन ESPNcricinfo में डिप्टी एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के प्रमुख देबायन सेन ने किया है