अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट की कहानी उन्होंने कुछ संसाधनों के साथ लिखी है : क्लूज़नर
मुख्य कोच की राय में टीम ने हर क्षेत्र में सुधार कर लंबा सफ़र तय किया है

दो वनडे विश्व कप खेलने वाले लांस क्लूजनर एक और विश्व स्तरीय टूर्नामेंट में वापस आ गए हैं। वह इस बार अफ़ग़ानिस्तान के मुख्य कोच के रूप में टीम में हैं। उन्होंने मैदान के बाहर की चुनौतियों और टीम के सीनियर खिलाड़ियों की भूमिका पर बातचीत की।
अफ़ग़ानिस्तान ने अभ्यास मैचों में वेस्टइंडीज़ को हराया और फिर प्रमुख चरण में भी दो मैच जीते। टूर्नामेंट में अब तक अजेय रही पाकिस्तान की टीम को भी उन्होंने कड़ी टक्कर दी। आप इस शुरुआत पर क्या कहते हैं?
यह शानदार शुरुआत रही है। सम्मान के साथ हम समझते हें कि हम नामीबिया और स्कॉटलैंड को ही हराने में कामयाब हो पाए। हां, पाकिस्तान के ख़िलाफ़ हमारा नज़दीकी मुक़ाबला रहा लेकिन हम बकिस्मती से हार गए। अहम अंक हासिल करना अच्छा रहा और हम ख़ुश हैं जिस तरह का हमारा रन रेट है, लेकिन सच में टूर्नामेंट तो हमारे लिए अब शुरू हुआ है क्योंकि अब हमारे मुक़ाबले भारत और न्यूज़ीलैंड जैसे दो विश्व स्तरीय टीमों से है।
जब अफ़ग़ानिस्तान 2010 टी20 विश्व कप में भारत के ख़िलाफ़ खेली तो वह एक तरफ़ा मैच था, अब अगर वे भारत को हरा देते हैं तो सेमीफ़ाइनल में पहुंच सकते हैं। इसको देखते हुए क्या यह सच में अफ़ग़ानिस्तान के लिए क्रांति सरीखा होगा?
हां, बिल्कुल। अगर देखें तो असगर अफ़ग़ान ने टीम का नेतृत्व करते हुए उन्हें काफ़ी आगे तक पहुंचाया है। सच्चाई यह है कि हम अभी भी सुधार कर रहे हं और अभी भी हमें लंंबा सफ़र तय करना है। हालांकि, अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट की कहानी मेरे लिए सपनों सरीखी है, क्योंकि जिस तरह से उन्होंने कम संसाधनों के बावजूद जो हासिल किया है वह शानदार है। जैसा कि मैंने कहा, इतना हासिल करना और तब भी विनम्र बने रहना इशारा करता है कि भविष्य सुनहरा है।
आप 2019 से अफ़ग़ानिस्तान के कोच हैं। आपको इस टीम ने सबसे ज़्यादा किस तरह से प्रभावित किया है?
यह केवल उनका खेल के लिए जुनून है, उनकी सीखने और बेहतर करने की जिज्ञासा है। यह देखकर अच्छा लगता है कि वह कितनी कड़ी मेहनत करते हैं। मैं बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं कि उन्होंने बहुत कम समय में यह सब हासिल किया है। इसको देखते हुए गर्व महसूस होता है।
आपने इस टीम के साथ एक कोच के रूप में क्या सीखा है?
मैंने दुनिया भर में कोचिंग दी है, लेकिन मेरे लिए जो बात सबसे अलग है, वह यह है कि ये लोग कितने विनम्र हैं। वे दूसरों का कितना सम्मान करते हैं और वे अपनी जड़ों और अपने समर्थकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितने जागरूक हैं। यह बेहद जरूरी है कि वे अपने पैरों को जमीन पर रखें, जैसा कि वह कर रहे हैं।
आपकी कोचिंग का शास्त्र क्या है? क्या आप एक व्यावहारिक कोच हैं?
जहां मुझे बोलना चाहिए, वहां मैं बोलता हूं। इस स्तर पर मैं ऐसा वातावरण बना रहा हूं, जो सभी खिलाड़ियों को विकसित होने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, आपके पास राशिद ख़ान और मोहम्मद नबी जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी हैं, जिन्हें वास्तव में विकसित होने के लिए एक वातावरण की आवश्यकता है। मैंने उन्हें सहायता की पेशकश की है लेकिन जहां और जब उन्हें इसकी आवश्यकता हो।
फिर आपके पास युवा खिलाड़ी हैं, जिन्हें अधिक व्यवहारिक मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसलिए मुझे लगता है कि यह जरूरत पड़ने पर एक कदम पीछे हटने और जरूरत पड़ने पर आगे आने का एक संयोजन है। नज़रिया सही समय पर सही चाल चलने का है। मुझे लगता है कि हम भाग्यशाली हैं कि हमें युवा और अनुभवी खिलाड़ियों का अच्छा मिश्रण मिला है। हमारे पास इस प्रतियोगिता के लिए कोचों का भी अच्छा संयोजन है।
कोचों की बात करें तो ऐंडी फ्लॉवर और शॉन टैट ने सलाहकार और गेंदबाज़ी कोच के रूप में टीम में क्या बदलाव लाया है?
अनुभव और विश्वसनीयता। ऐंडी इंग्लैंड के कोच थे, जब उन्होंने 2010 में यह प्रतियोगिता जीती थी और मेरे लिए यह अच्छा रहा कि मेरे पास अपने विचार रखने वाले वरिष्ठ कोच हैं। यह खिलाड़ियों के लिए भी अच्छा है। उन्हें बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी में एक अलग नज़रिया मिलता है। मैं दोनों की मदद मिलने पर काफ़ी ख़ुश हूं। कभी-कभी, केवल संदेश मात्र से ही आप नज़रिया बदल सकते हो।
मोहम्मद नबी ने इस टीम को मैदान के अंदर और बाहर कैसे रखा है?
वह एक महान इंसान हैं और यह एक शुरुआत है। वह लंबे समय से टीम का हिस्सा रहे हैं, वरिष्ठ खिलाड़ियों के समूहों का हिस्सा हैं, इसलिए उनके लिए इसमें कदम रखना काफी अच्छा रहा है। वह दुनिया भर में खेले हैं, बेहद अनुभवी हैं, और उन्हें हर किसी का समर्थन प्राप्त है। घर वापस आने पर हमारे समर्थकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है। नबी को इसका आभास है।
असगर अफ़ग़ान को भावभीनी विदाई दी गई। आप ही थे जिन्होंने उस गार्ड ऑफ ऑनर के बाद उन्हें डगआउट से चेंजिंग रूम में पहुंचाया, इस पर क्या कहेंगे?
हां, उनके लिए यह कठिन दिन था। यह समझना हमेशा ही कठिन होता है कि अब आप दोबारा मैदान पर खिलाड़ी के तौर पर नहीं उतर सकते हो। मैं बहुत खुश था कि लड़कों ने उसके लिए अच्छा प्रदर्शन किया। असगर की विरासत ज़रूरी नहीं कि उनके आंकड़े हों, यह टीम को उस मुकाम तक पहुंचाने में का सिला है जहां वे आज हैं और यह देखकर अच्छा लगता है कि पिछले 20 वर्षों में उन्होंने इतने कम समय में इतना कुछ हासिल किया है। उन्होंने इसमें एक प्रमुख भूमिका निभाई है। वास्तव में यह मेरे लिए कठिन है कि वह यहां से टीम को छोड़ चुके हैं।
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।
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