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बेहतर होने की भूख मुझमें हमेशा से रही है : साउदी

पिछले चार संस्करणों में कुछ ख़ास नहीं करने के बाद इस विश्व कप में उन्होंने शानदार गेंदबाज़ी की है

टी20 विश्व कप 2021 में अब तक हर मैच में साउदी ने कम से कम एक शिकार किया है  Getty Images

पिछले चार पुरुष टी20 विश्व कप टूर्नामेंटों में टिम साउदी को ज़्यादा सफलता हाथ नहीं लगी। 2010 में उन्हें चलते टूर्नामेंट के बीच ड्रॉप कर दिया गया था जब ऐल्बी मॉर्कल ने उनकी आठ में से चार गेंदों को मैदान से बाहर भेजा था। 2012 में वह न्यूज़ीलैंड के प्रमुख विकेट टेकर थे लेकिन टीम पांच में से केवल एक मैच जीत पाई थी। 2014 में दो मैचों में 92 रन लुटाने के बाद उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था और 2016 में वह साथियों को पानी पिलाते ही रन गए।

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हालांकि 2021 में साउदी एक परिपक्व गेंदबाज़ के रूप में वापस आए हैं। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के सभी मैचों में पूरे चार ओवर डाले हैं और हर बार कम से कम एक शिकार किया। अपने सबसे महंगे स्पेल में भी उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ महज़ 26 रन दिए और इस विश्व कप में उनकी इकॉनमी छह से भी कम की रही है। वह भी तब जब उन्होंने ज़्यादातर गेंदबाज़ी पावरप्ले में की है।

साउदी ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो को बताया, "आप हमेशा विकसित होने की तलाश में रहते हैं और अपने खेल को बेहतर बनाने के तरीक़े ढूंढते हैं। ख़ासकर तब जब आप काफ़ी समय से खेल रहे हों। टीमें आपको पढ़ना शुरु करे उससे पहले आपको अनुकूलन करना पड़ेगा, सीखना पड़ेगा और खेल का आनंद लेना होगा। सीखने की इच्छा और बेहतर होने की भूख मुझमें हमेशा से रही है।"

इस विश्व कप में साउदी की रणनीति साफ़ रही है। पावरप्ले में, जहां वह 4.71 की इकॉनमी से गेंदबाज़ी कर रहे हैं, उन्होंने हमेशा स्विंग की तलाश में फ़ुल गेंद डालने के बजाय पिच के बीच में गेंदबाज़ी की है। जब वह मध्य ओवरों और डेथ ओवरों में लौटे, तो उन्होंने यॉर्कर का प्रयास नहीं किया - पावरप्ले के बाद उनकी 86.7% गेंदें गुड लेंथ पर या शॉर्ट पिच थी - और उन्होंने अपनी गति में लगातार बदलाव किया।

अपने साथियों के साथ जश्न मनाते टिम साउदी  AFP/Getty Images

साउदी ने समझाया, "हम नई गेंद को स्विंग कराना चाहते हैं। दुनिया के इस भाग में थोड़ी सी स्विंग मिलती है लेकिन आप उस मानसिकता से गेंदबाज़ी करते है कि बहुत कुछ नहीं होने वाला है। पावरप्ले में स्विंग की तलाश करना और ओवरपिच गेंदें डालने में बहुत छोटा अंतर है लेकिन तीनों मैदानों पर हार्ड लेंथ पर बड़े शॉट लगाना सबसे कठिन रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "डेथ ओवरों में सब बदल जाता है। आपको लगातार सीखना पड़ता है - जब मैंने खेलना शुरू किया था तब लो फ़ुल टॉस को एक अच्छी गेंद समझा जाता था। अब बल्लेबाज़ मैदान के चारों तरफ़ ऐसी गेंदों को खेल सकते हैं और यॉर्कर से चूकने की ग़लती आप नहीं कर सकते। यह नई चीज़ें विकसित करने का अवसर देता है : मैं एक नकल गेंद, ऑफ़ कटर और लेग कटर पर काम कर रहा हूं। डेथ ओवरों में इस विकल्पों का होना अच्छी बात है।"

32 वर्षीय साउदी एक वरिष्ठ खिलाड़ी और 100 से अधिक टी20 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले चार पुरुषों में से एक हैं लेकिन इस टूर्नामेंट में उनकी भागीदारी की शायद ही गारंटी थी। छह साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खेलने के बाद 2020 और 2021 में उन्हें किसी ने ख़रीदा नहीं था (2021 के दूसरे चरण में वह रिप्लेसमेंट के तौर पर आए थे) दो साल पहले 2019 विश्व कप में एक अमुख्य भूमिका निभाने के बाद उनके प्रदर्शन में गिरावट का एक निशान था। ऐसे में अन्य खिलाड़ी अपने टेस्ट करियर को बढ़ाने के लिए सफ़ेद गेंद की क्रिकेट से पीछे हटने का विचार करते हैं।

आईपीएल 2021 के दूसरे चरण में साउदी को कोलकाता नाइट राइडर्स ने रिप्लेसमेंट के रूप में जोड़ा था  BCCI

उन्होंने कहा, "मुझे आज भी याद है जब इंग्लैंड में मैंने स्टुअर्ट ब्रॉड और जेम्स एंडरसन से बात की थी। वे कह रहे थे कि उस समय इस बात को हज़म करना मुश्किल था कि हम सफ़ेद गेंद की क्रिकेट नहीं खेल रहे थे लेकिन अब पीछे मुड़कर वह देखते है कि अपने कार्यभार को ध्यान में रखते हुए वह सभी प्रारूप में नहीं खेल पाते। लेकिन न्यूज़ीलैंड में हमारे पास गहराई नहीं है और कई महत्वपूर्ण खिलाड़ी तीनों प्रारूप खेलते हैं।"

"अपनी रणनीति में बदलाव करना आसान नहीं होता है - इसके बाद हमें भारत जाना है और तीन टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने है। उसके बाद हमारे पास पहले टेस्ट मैच की तैयारी करने के लिए केवल दो दिनों का समय होगा। लेकिन हम उतना टेस्ट क्रिकेट खेल नहीं रहे हैं। घर पर एक युवा परिवार के साथ तीन-चार महीनों के लिए उनसे दूर रहना मुश्किल है लेकिन न्यूज़ीलैंड का प्रतिनिधित्व करना सम्मान की बात है। यदि आप तीनों प्रारूपों में टीम के लिए खेल सकते हैं तो यह बड़ा सम्मान है क्योंकि आप हमेशा के लिए ऐसा नहीं कर सकते," साउदी ने आगे बताया।

साउदी का मानना है कि रग्बी, क्रिकेट या किसी भी अन्य खेल में न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच प्रतिद्वंद्विता लंबे समय से चलती आ रही है। उनके अनुसार यह हमेशा एक अच्छा अवसर होता है, ख़ासकर फ़ाइनल में। उन्होंने कहा कि हम काफ़ी अच्छी क्रिकेट खेल रहे हैं। उम्मीद है कि हम एक और बार अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।

Tim SoutheeNew ZealandICC Men's T20 World Cup

मैट रोलर (@mroller98) ESPNcricinfo में असिस्टेंट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।