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यश ठाकुर: राहुल भाई ने बोला था कि यह मेरा दिन हो सकता है

टीम हित के लिए प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठने को भी तैयार हैं ठाकुर

राहुल ने धीमी नहीं मौक़े की नज़ाक़त के हिसाब से बल्लेबाज़ी की?

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गुजरात टाइटंस की पारी के छठे ओवर में जब यश ठाकुर गेंदबाज़ी करने आए, तो गुजरात की टीम 164 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए बिना विकेट खोए पांच ओवरों में 47 रन बना चुकी थी। पिछले मैच में नाबाद 89 रन की मैच जिताऊ पारी खेलने वाले गुजरात के कप्तान शुभमन गिल ने चौके के साथ ठाकुर का स्वागत किया, हालांकि ओवर ख़त्म होते-होते गिल पवेलियन में थे।

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वह ठाकुर के एक ज़बरदस्त यॉर्कर का शिकार हुए और एक अंदर आती फ़ुल गेंद उनके मीडिल और लेग स्टंप को ले उड़ी। यह तो बस शुरुआत थी। इसके बाद ठाकुर ने पुरानी गेंद संभालते हुए अपनी हार्ड और बैक ऑफ़ लेंथ गेंदों से गुजरात के निचले मध्य क्रम के बल्लेबाज़ों को परेशान किया और IPL 2024 का पहला पंजा खोला। यह लखनऊ सुपर जायंट्स के किसी भी भारतीय गेंदबाज़ का पहला पंजा और ओवरऑल मार्क वुड के बाद सिर्फ़ दूसरा 5-विकेट हॉल था।

मैच के बाद ठाकुर ने कहा, "मैं बहुत खुश हूँ कि मैं IPL में अपना पहला 5-विकेट हॉल ले पाया। मैं इसके लिए गेंदबाज़ी कोच मोर्ने मॉर्केल, कोच जस्टिन लैंगर और कप्तान केएल राहुल को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा जताए रखा। पूरे मैच के दौरान वे मुझे बैक करते रहे।"

यह 13वीं बार है, जब लखनऊ ने 170 से कम के स्कोर का सफलतापूर्वक बचाव किया है, जो कि एक रिकॉर्ड भी है। ठाकुर ने कहा, "हमारा स्कोर थोड़ा कम था, लेकिन हमें पता था कि दूसरी पारी में विकेट और भी थोड़ी धीमी होगी। मैंने पुरानी गेंद से धीमी गेंदें और बाउंसर की और उस पर मुझे सफलता मिलती रही। (केएल) राहुल भैया ने भी मुझसे बोला कि इसे ही जारी रखो।"

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ठाकुर की यह सफलता तब आई, जब उनकी टीम को इसकी सबसे अधिक ज़रूरत थी। उनके सबसे प्रमुख तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव एक ही ओवर में चोटिल होकर मैदान से बाहर चले गए थे और सभी गेंदबाज़ों पर एक अतिरिक्त ज़िम्मेदारी थी।

ठाकुर ने बताया, "मयंक के चोटिल होने के बाद कप्तान राहुल मेरे पास आए और बोले, 'यह तुम्हारा दिन हो सकता है और तुम हमें मैच जीता सकते हो। बस अपने आप पर विश्वास रखो और बाहरी चीजों के बारे में मत सोचो, जिस पर हमारा नियंत्रण नहीं है।'"

ठाकुर के लिए वर्तमान रणजी सीज़न बहुत ही बेहतरीन गया था और उन्होंने सात रणजी मैचों में 26 की औसत से 27 विकेट लिए थे, जिसमें सेमीफ़ाइनल और फ़ाइनल का बेहतरीन प्रदर्शन भी शामिल था।

इससे पहले पिछले IPL सीज़न में भी ठाकुर ने लखनऊ की तरफ़ से शानदार प्रदर्शन करते हुए नौ मैचों में 22 की औसत से 13 विकेट लिए थे। हालांकि लखनऊ की टीम में उनकी जगह अभी भी पूरी तरह पक्की नहीं हो पाई है और वह तभी खेल रहे हैं, जब मोहसिन ख़ान अनफ़िट हैं। हालांकि इससे ठाकुर को कुछ शिकायत नहीं है।

ठाकुर ने कहा, "मैं टीम के हित में ही हमेशा सोचता हूं, चाहे मैं खेलूं या ना खेलूं। अगर कोच और कप्तान को लगता है कि पिच और परिस्थितियों के हिसाब से मैं उनके कॉम्बिनेशन में नहीं हूं तो कोई बात नहीं, अंत में टीम की जीत मायने रखती है। इस सीजन मेरा बस यही ध्यान है कि मैं अपना माइंड क्लियर रखूं, ना कि ज़्यादा चीजों को सोचूं। मुझसे बोला गया है कि मैं मैच के दौरान एक से 20 ओवर के बीच मे कभी भी गेंदबाज़ी के लिए बुलाया जा सकता हूं और इसके लिए मैं तैयार हूं। मुझे अपनी सीमाओं और शक्तियों का भी पता है, मैं कभी भी मयंक जैसी गति को पाने की कोशिश नहीं करूंगा। वह एक अलग और असाधारण गेंदबाज़ हैं।"

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दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95