तेम्बा बवूमा : भारत की मज़बूत गेंदबाज़ी हमारे घरेलू सीरीज़ के फ़ायदे को कम करेगी
साउथ अफ़्रीकी कप्तान का मानना है कि जो टीम बेहतर बल्लेबाज़ी करेगी, वही टीम सीरीज़ में आगे होगी

साउथ अफ़्रीकी कप्तान तेम्बा बवूमा का मानना है कि भले ही घरेलू परिस्थितियों से साउथ अफ़्रीकी टीम अधिक परिचित है, लेकिन भारत का मज़बूत गेंदबाज़ी क्रम उन्हें इसका फ़ायदा उठाने से रोक सकता है।
बॉक्सिंग डे टेस्ट से पहले बवूमा ने कहा, "हाल ही में भारतीय टीम को जो सफलताएं मिली हैं, वह उनकी गेंदबाज़ी के कारण हैं। हमें घरेलू टीम होने का जो फ़ायदा मिल सकता था, वह फ़ायदा उनकी मज़बूत गेंदबाज़ी क्रम के आगे कमज़ोर पड़ सकता है। अब मुक़ाबला बल्लेबाज़ों के बीच होगा। जिस टीम के बल्लेबाज़ अधिक अच्छा खेलेंगे, उन्हें ही सीरीज़ में बढ़त होगी।"
भारत के शीर्ष छह में से चार बल्लेबाज़ों का औसत 40 से ऊपर है, जबकि साउथ अफ़्रीका के बल्लेबाज़ ऐसे नंबर गेम में कहीं नहीं हैं। हालांकि सिर्फ़ साउथ अफ़्रीका की बात की जाए तो वहां सिर्फ़ विराट कोहली का औसत कुछ बेहतर 51.35 है, वहीं भारतीय कप्तान रोहित शर्मा यहां पर सिर्फ़ 15.37 की औसत से रन बनाते हैं। यशस्वी जायसवाल और श्रेयस अय्यर ने यहां पर टेस्ट मैच नहीं खेला है और ये सब बातें साउथ अफ़्रीका को फ़ायदा पहुंचा सकती हैं।
साउथ अफ़्रीका के लिए सिर्फ़ डीन एल्गर (46.16) और एडन मार्करम (43.92) का घरेलू औसत 40 से अधिक है, वहीं कप्तान बवूमा घर में 39.11 की औसत से रन बनाते हैं। टेस्ट मैचों में निरंतरता साउथ अफ़्रीकी बल्लेबाज़ों के लिए एक प्रमुख समस्या रही है और वे पिछले साल लगातार सात पारियों में 200 से कम के स्कोर पर ऑलआउट हुए थे।
"उनके गेंदबाज़ हम पर दबाव डालने जा रहे हैं और उनका बल्लेबाज़ी क्रम भी मज़बूत है। उनके खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति में प्रदर्शन का माद्दा रखते हैं।"तेंबा बवूमा
भारत ने साउथ अफ़्रीकी सरज़मीं पर अभी तक एक भी टेस्ट सीरीज़ नहीं जीता है और बवूमा भी इस रिकॉर्ड को बरक़रार रखने के दबाव से परिचित हैं।
उन्होंने कहा, "इस सीरीज़ से हमारा गर्व भी जुड़ा हुआ है और एक टीम के रूप में हम इस रिकॉर्ड को बरक़रार रखने की पूरी कोशिश करेंगे। लेकिन हमें समझना होगा कि हम भारत के ख़िलाफ़ खेल रहे हैं और उनके ख़िलाफ़ खेलना चुनौतियों से भरा हुआ है। हमारा ध्यान उन्हीं चुनौतियों पर है। हम उन चुनौतियों को स्वीकार कर रहे हैं और हम अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश करेंगे।"
बवूमा ने आगे कहा, "यह निश्चित है कि उनका मज़बूत गेंदबाज़ी क्रम हम पर दबाव डालने जा रहा है और उनका बल्लेबाज़ी क्रम भी बेहतरीन है। उनके खिलाड़ी किसी भी परिस्थिति में अच्छे प्रदर्शन का माद्दा रखते हैं। उनकी टीम यहां पर टेस्ट सीरीज़ जीतने की भी प्रेरणा से आई है, ताकि यह उनके करियर के लिए यह एक उपलब्धि साबित हो सके।"
बवूमा ने विश्व कप सेमीफ़ाइनल के बाद से ही क्रिकेट नहीं खेला है, जहां पर उनका फ़ॉर्म चिंता का विषय बना हुआ था और वह आलोचकों के निशाने पर भी थे। उन्हें 14 से 17 सितंबर के बीच एक प्रथम श्रेणी मैच खेलना था, लेकिन पारिवार में एक मृत्यु हो जाने के कारण वह इस मैच का हिस्सा नहीं हो सके। उन्होंने मार्च से ही कोई प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला है।
बवूमा इसको स्वीकार भी करते हैं। उन्होंने कहा, "मैंने लंबे समय से लाल-गेंद की क्रिकेट नहीं खेली है, लेकिन परिवार के साथ समय बिताने के बाद मानसिक रूप से मैं अपने आपको तरोताज़ा महसूस कर रहा हूं।"
हालांकि अब बवूमा के सामने एक व्यस्त समर सीज़न है, जहां पर वह 10 टेस्ट मैचों के दौरान अपनी टेस्ट टीम के साथ एक इतिहास बनाना चाहेंगे।
फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउथ अफ़्रीकी संवाददाता हैं
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