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मैदान से बाहर मार्को यानसन बेहद शांत रहते हैं लेकिन अंदर आग उगलते हैं

टेस्ट सीरीज़ में शानदार प्रदर्शन करने के बाद यानसन वनडे सीरीज़ का भी हिस्सा हैं

मार्को यानसन और जसप्रीत बुमराह के बीच हुई तक़रार को अंपायर ने आकर शांत किया  AFP via Getty Images

"मैं शांत रहना पसंद करता हूं लेकिन जब मैं मैदान में जाता हूं तो फिर वहां मैं पूरी तरह बदल जाता हूं।"

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ये शब्द हैं उस खिलाड़ी के जिसने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अभी क़दम ही रखा है लेकिन आते ही उनकी धमक से पूरा क्रिकेट जगत हिल चुका है। हम बात कर रहे हैं साउथ अफ़्रीका के युवा तेज़ गेंदबाज़ मार्को यानसन की, जिन्होंने भारत के ख़िलाफ़ अपने करियर का आग़ाज़ किया और टेस्ट सीरीज़ में 19 विकेट लेकर दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए।"

यानसन ने आगे कहा, "मेरी भावनाएं और मैदान पर मेरा रियेक्शन खेल के प्रति मेरे जज़्बे को दर्शाता है। मैदान ही एक ऐसी जगह है जहां मैं अपनी भावनाओं को पूरी तरह दिखाता हूं।"

भारत के ख़िलाफ़ न सिर्फ़ यानसन का प्रदर्शन यादगार बन गया बल्कि मुंबई इंडियंस के साथी जसप्रीत बुमराह के साथ हुई उनकी तीखी नोक-झोंक ने भी ख़ूब सुर्खियां बटोरी। प्रोटियाज़ गेंदबाज़ जब जोहैनेसबर्ग में भारतीय पुछल्ले बल्लेबाज़ों को जल्द आउट करने के फ़िराक़ में थे तो उस दौरान बल्लेबाज़ी करने आए बुमराह के ख़िलाफ़ यानसन के कई बाउंसर डाले और साथ ही साथ ज़ुबान से उन्होंने तीर चलाए।

एक समय तो दोनों एक दूसरे की आंखों में आंखे डाल ग़ुस्से से आग बबूला थे, लग रहा था कि ये गर्मागर्मी कहीं ज़्यादा न बढ़ जाए लेकिन फिर यानसन पीछे हो गए। हालांकि अब यानसन इसे मैदान की भावनाओं की तरह बताते हैं। उन्होंने कहा कि बुमराह के साथ वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में खेल चुके हैं और हम अच्छे दोस्त हैं।

"आईपीएल में बुमराह और मैं एक साथ खेल चुके हैं, हम अच्छे दोस्त हैं। लेकिन जब आप अपने देश के लिए खेल रहे होते हैं तो मैदान पर कई बार ऐसा हो जाता है। इसको लेकर हम दोनों में अब किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं है।"मार्को यानसन, तेज़ गेंदबाज़, साउथ अफ़्रीका

यानसन मानते हैं कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वह अपने देश का प्रतिनिधित्व इतना जल्दी करेंगे। 2021 में ज़्यादातर वह पाकिस्तान और वेस्टइंडीज़ दौरे पर तो रहे लेकिन एक बैकअप या रिज़र्व खिलाड़ी के ही तौर पर। उन दोनों ही दौरों पर साउथ अफ़्रीका के दल में सात विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ थे, उन्हें लग रहा था कि इस स्तर पर उन्हें और वक़्त लगेगा। उन्होंने कहा, "मैं पहले भी टेस्ट दल में तो रहा हूं लेकिन कभी प्लेइंग-XI का हिस्सा नहीं रहा था।"

मार्को यानसन भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट सीरीज़ में 19 विकेट झटके  AFP via Getty Images

सेंचूरियन में अपना पहला मैच खेलते हुए यानसन की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और पारी में 18.2 ओवर की गेंदबाज़ी करने के बाद भी उनके खाते में कोई विकेट नहीं गई थी। लेकिन फिर उन्होंने अपना पहला विकेट हासिल किया और वह किसी और का नहीं बल्कि उनके दोस्त बुमराह का ही था। उसके बाद फिर यानसन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। यानसन ने सीरीज़ में 16.47 की औसत से 19 विकेट झटके, उनसे ऊपर 20 विकेट के साथ कगिसो रबाडा ही थे।

"मैं जैसी शुरुआत करना चाहता था वैसी नहीं मिली थी, मैं बहुत ज़्यादा नर्वस था। हालांकि ये किसी भी नए खिलाड़ी के साथ हो सकता है और वही मेरे साथ हुआ। लेकिन फिर मैंने वापसी की और टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिए।"मार्को यानसन, तेज़ गेंदबाज़, साउथ अफ़्रीका

यानसन के इस शानदार प्रदर्शन ने तेज़ गेंदबाज़ ऑनरिख नॉर्ख़िये पर वापसी का दबाव डाल दिया है। नॉर्ख़िये इस समय हिप इंजरी की वजह से टीम से बाहर हैं और यानसन को वनडे सीरीज़ में भी जगह मिल गई है। यानसन को अब तक सिर्फ़ 13 लिस्ट ए मैचों का अनुभव है और इस प्रारूप में वह 2020 के बाद से नहीं खेले हैं। लेकिन यानसन को अपने ऊपर पूरा भरोसा है वह मानते हैं कि वनडे में भी मुझे बहुत कुछ सीखने का मौक़ा मिलेगा।

"वनडे सीरीज़ में चुने जाने की मैंने बिल्कुल उम्मीद नहीं की थी। अब जब मैं वनडे टीम का भी हिस्सा हूं तो ये मेरे लिए काफ़ी सम्मान और गर्व का पल है। मैं पूरी कोशिश करूंगा कि इस सीरीज़ में भी अपना सर्वश्रेष्ठ दूं और जितना हो सके सीखने की कोशिश करूंगा।"मार्को यानसन, तेज़ गेंदबाज़, साउथ अफ़्रीका
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फ़िरदौस मूंडा ESPNcricinfo की साउत अफ़्रीकी संवाददाता हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट सैयद हुसैन ने किया है।