ट्रैविस हेड ने साधा जॉनी बेयरस्टो पर निशाना
ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ ने कहा कि एजबेस्टन टेस्ट में बेयरस्टो उन्हें ठीक उसी तरह से आउट करना चाह रहे थे जैसे वह ख़ुद लॉर्ड्स में हुए

ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ ट्रैविस हेड ने दावा किया है कि जॉनी बेयरस्टो ने एजबेस्टन में उन्हें ठीक उसी तरह से स्टंप करने की फ़िराक में थे, जैसे वह ख़ुद लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन स्टंप हुए थे। लॉर्ड्स में जिस तरह से बेयरस्टो को स्टंप आउट किया गया, उसके बाद खेल भावना और नियमों को लेकर काफ़ी बवाल मचा हुआ है और दोनों पक्षों के लोग अपना-अपना मत काफ़ी आक्रामक तरीके़ से रख रहे हैं।
लॉर्ड्स टेस्ट के पांचवें दिन इंग्लैंड पांच विकेट गंवा चुका था और उन्हें 178 रनों की आवश्यकता थी। इस दोरान क्रीज़ पर मौजूद बेयरस्टो ने कैमरन ग्रीन की एक गेंद को बेयरस्टो ने कीपर के पास जाने दिया और क्रीज़ पर अपने जूतों से एक निशान बनाने के बाद नॉन स्ट्राइक एंड पर खड़े बेन स्टोक्स की तरफ़ आगे बढ़ गए। हालांकि इस दौरान विकेट के पीछे से ऑस्ट्रेलिया के कीपर ऐलेक्स कैरी ने गेंद को पकड़ कर विकेट की तरफ़ फेंका दिया और सभी ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टंप की अपील करने लगे। मैदान पर खड़े अंपायरों ने इस अपील के लिए तीसरे अंपायर से मदद मांगी और अंतत: बेयरस्टो को स्टंप आउट करार दिया गया। इसी फ़ैसले के बाद पूरा मामला शुरू हुआ, जो अभी तक थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हालांकि विलो टॉक पॉडकास्ट से बात करते हुए, हेड ने खुलासा किया कि एजबेस्टन में पहले टेस्ट के दौरान वह बेयरस्टो के हाथों इसी तरह से आउट होने से बच गए थे। हेड ने इस बारे में कहा, "मैंने जॉनी को याद दिलाया कि पिछले सप्ताह मैं एजबेस्टन में ओवर के अंत में अपनी क्रीज़ से बाहर चला गया था और अचानक मैंने देखा कि गेंद विकेट की तरफ़ आ रही है तो मैं तुरंत से अपना बल्ला क्रीज़ के अंदर ले गया। इसके बाद मैंने बेयरस्टो से पूछा कि क्या आप मुझे इस तरह से स्टंप आउट करोगे तो उन्होंने कहा,'कसम से मैं ज़रूर करूंगा' और वह भागते हुए विकेट की दूसरी छोर पर चले गए।"
हेड ने कहा, " उस समय में वहां जो कुछ भी हुआ वह बीत चुका है। मुझे पता है कि उन्होंने इस घटनाक्रम के बारे में थोड़ा अलग तरीक़े से सवाल किया है। ऐसे भी दिन के अंत तक सारे नियम सामने आ चुके थे। सभी लोगों को इसके बारे में पता चल चुका था। हालांकि इस मामले में उनका अपना एक मत है और हमारा भी अपना एक मत है।"
इस मामले पर बेन स्टोक्स ने कहा था कि उनकी टीम कभी भी इस तरह से नहीं जीतना चाहेगी। वहीं ऑस्ट्रेलिया के कप्तान ने अपने फ़ैसला का बचाव किया था। यह मामला इतना गर्म हो गया है कि दोनो देशों के प्रधानमंत्रियों ने भी अपनी-अपनी टीम का बचाव करते हुए बयान दिया है।
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