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नमन तिवारी : बुमराह की यॉर्कर पर सलाह मेरे काम आई

भारतीय अंडर-19 टीम के तेज़ गेंदबाज़ दुनिया की सबसे तेज़ गेंद फेंकना चाहते हैं

अपनी गेंदबाज़ी से अंडर-19 विश्‍व कप में प्रभावित कर रहे हैं नमन तिवारी  ICC via Getty Images

भारतीय अंडर-19 टीम के तेज़ गेंदबाज़ नमन तिवारी दुनिया की सबसे तेज़ गेंद करना चाहते हैं। उन्‍हें यह प्रेरणा महान खिलाड़ियों के वीडियो देखने और जसप्रीत बुमराह से बात करने के बाद मिली है।

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बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ तिवाारी इस समय साउथ अफ़्रीका में चल रहे अंडर-19 विश्‍व कप में सुर्खियां बटोर रहे हैं। NCA, बेंगलुरू में ट्रेनिंग के दौरान बुमराह से मिली सलाह उनके काम आ रही है।

तिवारी लखनऊ से आते हैं और अंडर-19 विश्व कप में वह विपक्षी बल्‍लेबाज़ों को अपनी यॉर्कर और गति से लगातार परेशान कर रहे हैं। टूर्नामेंट में उन्‍होंने अब तक पांच मैचों में 10 विकेट लिए हैं, जिसमें दो बार पारी में चार विकेट शामिल हैं।

तिवारी ने न्यूज़ एजेंसी PTI को बताया, "बुमराह हमारे लिए प्रेरणा की तरह रहे हैं। मैं उनकी गेंदबाज़ी वीडियोज़ बहुत देखता हूं। मैं उनसे कई बार NCA में मिला हूं और गेंदबाज़ की मानसिकता और कौशल पर काफ़ी बात की है। उन्‍होंने मुझे कई चीज़ें विस्‍तार से बताई हैं, जो मुझे बहुत उपयोगी लगी। उन्‍होंने मुझे बताया कि कैसे सटीक यॉर्कर की जाती हैं और मैंने उनकी सलाह लेते हुए इस पर बहुत काम किया है। मुझे अपनी गेंदबाज़ी में अधिक आक्रमण लाने के लिए और कड़ी मेहनत करनी होगी।"

उन्‍होंने कहा, "मैं हर गेंदबाज़ से सीखने की कोशिश करता हूं। मुझे बुमराह के अलावा शोएब अख्‍़तर की गति, डेल स्‍टेन की स्विंग और मिचेल स्‍टार्क की आक्रमकता बहुत पसंद है।"

तिवारी बल्‍लेबाज़ बनना चाहते थे लेकिन अधिक मौक़े नहीं मिलने के कारण गेंदबाज़ बने।

उन्‍होंने कहा, "मैंने क्रिकेट खेलने की शुरुआत बल्‍लेबाज़ के तौर पर की थी लेकिन मुझे मौक़े नहीं मिल रहे थे। इसी वजह से मैंने लखनऊ की एक एकेडमी में गेंदबाज़ी करना शुरू किया। क्‍योंकि मैं लेफ़्टी हूं तो मैं तेज़ गेंदबाज़ बना।"

तिवारी के पिता एक LIC एजेंट हैं और मध्‍यम वर्गीय परिवार होने की वजह से उन पर पढ़ाई करने का दबाव भी था लेकिन उनका दिल क्रिकेट में ही लगा।

उन्‍होंने कहा, "पापा ने मुझे हमेशा पढ़ाई पर फ़ोकस करने के लिए कहा। मैं सातवीं कक्षा में था और क्रिकेट खेलना चाहता था। मैंने अपने पापा से खु़द को क्रिकेट में साबित करने के लिए तीन साल का समय मांगा। मेरी सफलता से आज मेरा पर‍िवार बहुत खुश है। पापा रोज शाम को कॉल करते हैं। उनको खुश देखकर मुझे बहुत खुशी होती है कि मैंने उन्‍हें निराश नहीं किया।"

तिवारी एक ख़तरनाक तेज़ गेंदबाज़ बनना चाहते हैं और भारत के लिए टेस्‍ट क्रिकेट खेलना चाहते हैं। "मुझे सभी प्रारूप पसंद हैं, मैं मानता हूं कि टेस्‍ट क्रिकेट सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण है। यहीं पर गेंदबाज़ का असल टेस्‍ट होता है और मैं भविष्‍य में एक अच्‍छा टेस्‍ट क्रिकेटर बनना चाहता हूं।"

तिवारी ने कहा, "मैं दुनिया की सबसे तेज़ गेंद करना चाहता हूं। मैं सीनियर टीम के साथ विश्‍व कप भी खेलना चाहता हूं, लेकिन अभी मेरा फ़ोकस मेरे प्रदर्शन पर है। मैं लगातार अपने खेल में सुधार करना चाहता हूं क्‍योंकि भविष्‍य में और बड़ी चुनौतियां मिलेंगी और उनका सामना करने के लिए मुझे तैयारी करनी होगी।" अंडर-19 विश्‍व कप में टीम के प्रदर्शन से खुश तिवारी ने कहा कि यह सभी के प्रयासों का परिणाम है।

तिवारी ने आगे कहा, "अभी तक सभी खिलाड़‍ियों का प्रदर्शन बहुत अच्‍छा रहा है। ख़ासतौर से सेमीफ़ाइनल में साउथ अफ़्रीका के ख़‍िलाफ़ जिस तरह से हम खेले, उससे मैं बहुत खुश हूं। हम इसी मोमेंटम को फ़ाइनल में बरक़रार रखना चाहेंगे।"

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