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रणजी ट्रॉफ़ी : 12 साल के वैभव ने डेब्यू के साथ बटोरी सुर्ख़ियां

भारत की ओर से प्रथम श्रेणी में डेब्यू करने वाले चौथे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने वैभव सूर्यवंशी

अभ्यास के दौरान वैभव  ESPNcricinfo Ltd

"अभी तो सपना देखना शुरू भी नहीं किया था और उस टीम के ख़िलाफ़ डेब्यू करने का मौक़ा मिल गया जहां अजिंक्य रहाणे समेत कई दिग्गज हों "

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आपको ये ज़रूर लग रहा होगा कि ये बातें किसी परिपक्व या अनुभवी खिलाड़ी की हैं लेकिन असल में ये बातें 12 साल के वैभव सूर्यवंशी ने कही हैं, जिन्होंने शुक्रवार को बिहार से खेलते हुए रणजी ट्रॉफ़ी में मुंबई के ख़िलाफ़ डेब्यू किया है।

वैभव ने डेब्यू के साथ अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज कर दिया। पटना के मोइन-उल-हक़ स्टेडियम में बिहार और मुंबई के बीच खेले जा रहे मैच में 12 वर्ष 284 दिन के वैभव ने अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया। ऐसा करते ही वह दुनिया के सातवें और भारत के चौथे सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। सबसे कम उम्र में डेब्यू करने का विश्व कीर्तिमान अलीमुद्दीन के नाम है जिन्होंने 12 साल 73 दिन की उम्र में राजपुताना की ओर से खेलते हुए 1942-43 में डेब्यू किया था। इसी फ़ेहरिस्त में अगला नाम बिहार के ही एस के बोस का आता है जिन्होंने 12 साल 76 दिन की उम्र में असम के ख़िलाफ़ 1959-60 में अपना पहला प्रथम श्रेणी मैच खेला था। जबकि इस सूची में तीसरे स्थान पर पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज़ गेंदबाज आक़िब जावेद का नाम है, उन्होंने 1984-85 में 12 साल 76 दिन की ही उम्र में अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया था।

मोइन-उल-हक़ स्टेडियम, पटना  Syed Hussain / ESPNcricinfo Ltd

ESPNcricinfo ने वैभव से डेब्यू के बाद बात की और उनको देखने के बाद जो पहला सवाल था वह यही था , "वैभव आपकी डेट ऑफ़ बर्थ है क्या?" वैभव ने मुस्कुराते हुए इसका जवाब दिया, "भईया 27 मार्च 2011, और ये बताते-बताते मैं अब इस सवाल का आदी भी हो गया हूं।"

वैभव ने आगे कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतनी कम उम्र में मैं रणजी ट्रॉफ़ी खेलूंगा और वह भी उस टीम के ख़िलाफ़ जिसमें अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ी हों। मैं काफ़ी ख़ुश हूं और थोड़ा नर्वस भी।"

हालांकि रहाणे इस मैच में गर्दन में मोच की वजह से नहीं खेल रहे हैं और साथ ही साथ तुषार देशपांडे और धवल कुलकर्णी की पेस जोड़ी भी मौजूद नहीं है। लेकिन इस बात से वैभव को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।

"अगर रहाणे खेलते तो ज़्यादा अच्छा लगता लेकिन ऐसा भी नहीं है कि तुषार या धवल के न खेलने से मैं रिलैक्स महसूस करूंगा। मुंबई की क्वालिटी गेंदबाज़ी सभी जानते हैं और मैं उसके लिए तैयार हूं, परिस्थितियां कुछ भी हो मैं अपना बेस्ट देने की पूरी कोशिश करूंगा। पहले दिन हमने मुंबई को जिस तरह 235-9 पर रोका है वह क़ाबिल-ए-तारीफ़ है।"रहाणे जैसे खिलाड़ियों के साथ रणजी खेलने के अवसर पर वैभव

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) के अध्यक्ष राकेश तिवारी ESPNcricinfo के साथ बातचीत में वैभव के डेब्यू को लेकर उत्साहित नज़र आए। उन्होंने कहा, "वैभव को इस स्तर पर खेलते देख सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। वैभव बीसीए के उस ग्रासरूट टैलेंट हंट से निकल कर आए हैं जो हमने कम उम्र में ही प्रतिभाओं को खोजने और उन्हें तराशने के लिए शुरू किया है। वैभव को हमने स्कूल स्तर पर सबसे पहले देखा था जहां वह अपनी उम्र से कहीं अच्छा खेल रहे थे, जिसके बाद हमने उन्हें अलग-अलग स्तर पर 500 से ज़्यादा मैच खिलवाया। जहां वह कई सीनियर बल्लेबाज़ों से भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके बाद चयनकर्ताओं ने इस प्रतिभा को मौक़ा दिया। मुझे विश्वास है कि वैभव इस स्तर पर भी क़ामयाबी हासिल करेंगे।"

मोइन-उल-हक़ स्टेडियम के स्टैंड्स  Syed Hussain / ESPNcricinfo Ltd

हालांकि स्टेडियम की हालत काफ़ी निराशाजनक और जर्जर है, यहां तक कि जो दर्शक आए हैं वह अपनी जान जोखिम पर डालकर गैलरी में बैठे नज़र आए। बीसीए की तरफ़ से हर जगह पोस्टर लगा हुआ है कि गैलरी में प्रवेश निषेध है और ये ख़तरा है। इतना ही नहीं सीढ़ियों के चारों तरफ़ पेड़ पौधे और जंगल उग आए हैं।

इस बाबत जब हमने BCA के अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने कहा, "हां हाल तो बदहाल है लेकिन इस स्टेडियम को विश्व स्तरीय बनाने की योजना है और इसके लिए टेंडर भी पास हो गया है। बहुत जल्द ही इसकी कायापलट होगी, क्योंकि अभी मैच होना था इसलिए हमने किसी तरह से इसे खेलने योग्य बनाया है। हमें पूरी उम्मीद है कि जल्द ही ये स्टेडियम अपने पुराने इतिहास की तरह चमकने लगेगा।"

आपको बताते चलें कि पटना का मोइन-उल-हक़ स्टेडियम दो अंतर्राष्ट्रीय मैचों (पुरुष वनडे) का भी गवाह बन चुका है। यहां पहला मुक़ाबला हीरो कप का खेला गया था जिसमें श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे को मात दी थी जबकि आख़िरी बार यहां 1996 विश्व कप का मुक़ाबला खेला गया था जिसमें ज़िम्बाब्वे ने केन्या को शिकस्त दी थी। ज़िम्बाब्वे के लेग स्पिनर पॉल स्ट्रैंग का सर्वश्रेष्ठ वनडे प्रदर्शन (पांच विकेट हॉल) भी उसी मैच में आया था।

Vaibhav SuryavanshiMumbai vs BiharRanji Trophy

सैयद हुसैन ESPNCricinfo हिंदी में मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट हैं।@imsyedhussain