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मिलिए पंजाब के हैट्रिक हीरो रमनदीप सिंह से

बड़ौदा के ऊपर बड़ी जीत के नायक रहे ऑलराउंडर ने मुख्य कोच अविष्कार साल्वी की अपने विकास का श्रेय दिया

बड़ौदा के ख़‍िलाफ़ जीत में रमनदीप सिंह ने हैट्रिक लेकर अहम भूमिका निभाई  Ramandeep Singh

पंजाब के ऑलराउंडर रमनदीप सिंह के पास मंगलवार को जश्‍न मनाने का दिन था क्‍योंकि उन्‍होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में बड़ौदा के ख़‍िलाफ़ हैट्रिक ली। उन्‍होंने 17 रन देकर पांच विकेट लिए जिससे पंजाब ने बड़ौदा को 88 रनों पर ढेर कर दिया और नौ विकेट विकेट हाथ में रखकर जीत दर्ज कर ली।

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यह मैच टीवी पर या लाइव स्‍ट्रीम नहीं हो रहा था और जो भी स्‍कोरकार्ड को देख रहे थे वे बस यही जानते थे कि तीन विकेट क्षेत्ररक्षक के कैच से आए हैं, लेकिन कहां कैच हुए? उन्‍होंने क्‍या गेंद डालीं? उन्‍होंने कैसे यह सब किया? तो चलिए जानते हैं रमनदीप के अपने शब्‍दों में।

रमनदीप ने ईएसपीएनक्रिकइफ़ो से बातचीत में बताया , "पहले विकेट पर मैं थोड़ा ख़ु‍शक़िस्मत था। मैं इन‍स्विंग डालना चाहता था लेकिन यह थोड़ा लेग साइड में गई और फ़ाइन लेग पर विष्‍णु सोलंकी ने कैच ले लिया।

"दूसरी बॉल पर मैंने शॉर्ट गेंद डालने की कोशिश की। मुंबई में लाल मिट्टी की पिच पर अगर आप हार्ड लेंथ करते हो तो आपको मुनाफ़ा होता है। तो मैं जानता था कि सही लाइन पर गेंद करनी है और गति से बीट करना है, अगर वह हुक करता तो मेरे पास मौक़ा था। निनद रथवा हुक के लिए गए और फ़ाइन लेग पर लपके गए।"

रन अप पर खड़े रमनदीप देख रहे थे कि अंबाती रायुडू हैट्रिक गेंद पर गार्ड ले रहे हैं। उन्‍होंने बल्‍लेबाज़ को छकाने का प्रयास किया। स्क्वायर लेग को आगे बुलाया, फ़ाइन लेग वहीं था जहां पहले था और क्षेत्ररक्षण कुछ शॉर्ट बॉल वाला था।

उन्‍होंने कहा, "मैं जानता था कि शॉर्ट बॉल उनके दिमाग़ में होगी तो मैंने उसी तरह से क्षेत्ररक्षण लगाया, लेकिन मैं फ़ुलर करना चाहता था और ऐसी गेंद जो बाहर की ओर जाए। मैंने वह गेंद सही लेंथ और एरिया में डाली। यह गेंद फ़ुलर थी और गेंद बल्‍ले का हल्‍का किनारा लेकर कीपर के हाथों में पहुंच गई। मैं यह विकेट हमेशा याद रखूंगा क्‍योंकि यह एक बेहतरीन बल्‍लेबाज़ का विकेट था। यह और भी ख़ास है क्‍योंकि सीनियर स्‍तर पर यह मेरी पहली हैट्रिक है।"

इससे पहले कि मुंबई के होटल में जाकर वह लोगों की बधाईयां लेते और कुछ भी हुआ उनके साथ। सबसे पहली चीज़ तो जिस शख्‍़स कायरन पोलार्ड से उन्‍होंने पुणे में इस साल मुंबई इंडियंस की पदार्पण कैप मिली उनके बारे में उन्‍हें पता चला कि वह आईपीएल से रिटायर हो गए हैं, लेकिन उन्‍हें ख़ुशी भी हुई कि कायरन पोलार्ड कहीं नहीं जा रहे हैं और मार्च में जब वह आईपीएल कैंप से जुड़ेंगे तो पोलार्ड वहीं होंगे।"

रमनदीप पोलार्ड की तरह ही बिग हिटर हैं, यहां तक कि हाल के समय तक वह बस 125 किमी प्रति घंटा की गति से गेंदबाज़ी करते थे। पिछले साल जब सैयद मुश्‍ताक़ अली ट्रॉफ़ी में उन्‍होंने ओडिशा के ख़‍िलाफ़ 23 गेंद में 54 रन बनाए तो उन्‍हें मुंबई इंडियंस से बुलावा आया। फ़रवरी मं उन्‍हें मुंबई इंडियंस ने 20 लाख में ख़रीद लिया। इस सेटअप से जुड़कर उन्‍हें मालूम चला कि उन्‍हें अपने कौशल पर काम करने की ज़रूरत है और उन्‍होंने अपनी गेंदबाज़ी पर काम किया। लेकिन यह अगस्‍त का समय था जब भारत के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ आविष्‍कार साल्‍वी ने उनके साथ काम करना शुरू किया।

उन्‍होंने कहा, "सबसे पहली चीज़ जब उन्‍होंने मुझे एक या दो ट्रेनिंग सेशन में देखा तो कहा कि, 'तुम मध्‍यम तेज़ गेंदबाज़ नहीं रह सकते। पार्ट टाइमर होने का कोई फ़ायदा नहीं। मैं तुम्‍हें टीम में तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के रुप में खिलाना चाहूंगा। तुम बहुत अच्‍छे हो। तुम 140 किमी प्रति घंटा की गति तक ले जा सकते हो, लेकिन मैं तब तक ऐसा नहीं कर सकता जब तक तुम ख़ुद पर विश्‍वास नहीं करो।"

"उनकी जितनी तारीफ़ की जाए कम है। जो भी दिक्‍कत मेरी गेंदबाज़ी में थी, चाहे वह रिदम हो या निरंतरता, अब वह बहुत बेहतर हो गई है और उन्‍होंने मेरे साथ समय बिताया है और मुझे एक गेंदबाज़ के तौर पर बेहतर करने की कोशिश की है वह सच में शानदार है। उनका केवल एक मैसेज था : स्विंग पर ध्‍यान मत तो बस हार्ड लेंथ पर गेंद करो, तुम्‍हारे पास हाइट है, अगर तुम इसमें क़ामयाब रहे तो बाक़ी चीज़ें खु़द होती जाएंगी। मैंने बस वही किया जो उन्‍होंने मुझसे कहा।"

तीन महीनों में ही उन्‍हें परिणाम मिलने लगे थे। रमनदीप को लगता है कि उन्‍हें अब ज्‍़यादा आत्‍मविश्‍वास मिला है, वह अब संकोची नहीं है और अपने खेल के शीर्ष पर हैं। जुलाई में रमनदीप ने रिलायंस की कप्‍तानी की जहां मुंबई इंडियंस की टीम यूके के दौरे पर थी।

यह दौरा लोकल भारतीय खिलाड़‍ियों के लिए था, जहां ट्रिस्टन स्‍ट्ब्‍स और डेवाल्‍ड ब्रेविस जैसे विदेशी खिलाड़ी भी शामिल थे। रमनदीप इस टी20 टीम के कप्‍तान थे जिन्‍होंने कई देशों का दौरा किया था।

उन्‍होंने कहा, "कप्‍तानी से मुझे बहुत आत्‍मविश्‍वास मिला, मुझे अतिरिक्‍त ज़‍िम्‍मेदारी पसंद है। मैंने फ़ीनिशर का काम किया, गेंद से मैंने 18 रन बचााए, अलग तरह के विकेट पर खेला, अपने कौशल पर काम किया, वाकई सच में बहुत मज़ा आया।"

रमनदीप अब सबसे पहले तो पंजाब को ख़‍िताब दिलाना चाहते हैं, एक क़दम आगे जहां वे मु‍श्‍ताक़ अली में इस साल सेमीफ़ाइनल में हार गए थे। पंजाब अभी अपने ग्रुप शीर्ष पर हैं। वह जानते हैं कि अभी रास्‍ता लंबा है लेकिन उन्‍हें विश्‍वास है कि ख़‍िताब जीत सकते हैं।

उन्‍होंने कहा, "हमारे पास सात या आठ ऐसे खिलाड़ी हैं जो आईपीएल खेलते हैं, तो हमारे पास क्‍वालिटी है, साथ ही विश्‍वास भी है। अभी कहना ज़ल्‍दबाज़ी होगी लेकिन हमारी टीम में पॉज़‍िटिव वाइब्‍स हैं। साल्‍वी सर को इसका श्रेय जाता है क्‍योंकि उन्‍होंने इस टीम का आत्‍मविश्‍वास बढ़ाया और एक विजेता टीम की तरह बनाया। उम्‍मीद है हम बहुत लंबा रास्‍ता तय करेंगे।"

Ramandeep SinghBarodaPunjabBaroda vs PunjabVijay Hazare Trophy

शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।