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मैं अपनी सच्चाई को छिपाने की कोशिश कर रहा था : कोहली

उन्होंने कहा "ब्रेक के बाद वह अच्छा महसूस कर रहे हैं"

मुझे स्वीकार करने में बिल्कुल झिझक नहीं है कि मानसिक तौर पर मैं कमज़ोर हुआ हूं : कोहली

मुझे स्वीकार करने में बिल्कुल झिझक नहीं है कि मानसिक तौर पर मैं कमज़ोर हुआ हूं : कोहली

पूर्व भारतीय कप्तान ने अपने ख़राब फ़ॉर्म पर पहली बार दिल खोल कर की बात

विराट कोहली ने अपेक्षाओं, काम के बोझ और मानसिक थकान से निपटने के अपने हालिया संघर्ष के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि खेलते रहने के दृढ़ संकल्प में उनकी तीव्रता "थोड़ी बनावटी" होने लगी थी। 42 दिनों के ब्रेक के बाद 28 अगस्त को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ एशिया कप में भारत के पहले मैच से कोहली की वापसी होगी।

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कोहली ने जतिन सप्रू के साथ एक इंटरव्यू के दौरान स्टार स्पोर्ट्स को बताया, "10 साल में यह पहला मौक़ा है जब मैंने पूरे एक महीने तक बल्ले को नहीं छुआ है। मुझे इस बात का एहसास हुआ कि मैं हाल ही में अपनी तीव्रता को बनावटी बनाने की कोशिश कर रहा था। प्रतिस्पर्धी होना और ख़ुद को आश्वस्त करना कि आपके पास तीव्रता है लेकिन उसी समय आपका शरीर आपको रुकने के लिए कह रहा है। दिमाग़ कह रहा है कि तुम एक ब्रेक लो और रुको... आप इसे यह कहकर नज़रअंदाज़ कर सकते हैं कि आप फ़िट हैं और ख़ुद पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं।"

कोहली ने आगे कहा, "मुझे एक ऐसे शख़्स के रूप में देखा गया है जो मानसिक रूप से ख़ूब मज़बूत है। और मैं हूं, लेकिन हर किसी की एक सीमा होती है और आपको उस सीमा को पहचानने की आवश्यकता होती है नहीं तो चीज़ें आपके लिए ख़राब हो सकती हैं। इसलिए इस अवधि ने मुझे बहुत सी चीज़ें सिखाईं जिन्हें मैं उभरने नहीं दे रहा था। अब मैंने उन्हें स्वीकार कर लिया है। यार, जीवन में आपके काम के अलावा और भी बहुत कुछ है। या जब आपके आसपास का माहौल ऐसा हो कि हर कोई केवल आपके काम की पहचान को देखता है, तो कहीं न कहीं आप एक इंसान के रूप में अपना नज़रिया खोने लगते हैं।"

रविवार को कोहली अपना 100वां टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलेंगे और न्यूज़ीलैंड के रॉस टेलर के बाद क्रिकेट के हर प्रारूप में 100 मैच खेलने वाले केवल दूसरे क्रिकेटर बनेंगे। 2008 में अपने डेब्यू के बाद से उनके द्वारा उठाए गए कार्यभार का यह एक नमूना है। 2020 के बाद से किसी भी भारतीय क्रिकेटर ने कोहली द्वारा खेले गए 62 मैचों से ज़्यादा अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं।

कोहली ने कहा कि उनके शेड्यूल की ज़रूरत ने प्रशिक्षण के प्रति उनके प्यार को प्रभावित किया है। यह ऐसी चीज़ है जिसने उन्हें "परेशान" किया और एहसास कराया कि उन्हें कुछ समय के लिए इससे "दूर जाने" की ज़रूरत है। उन्होंने कहा, "मैं हमेशा एक ऐसा शख़्स रहा हूं जो पहले दिन से अपने दिल की सुनता है ... मैंने किसी और के जैसे बनने की कभी कोशिश नहीं की, जो हाल के इस फ़ेज़ में मैं रहा हूं। मैंने अपेक्षाओं और उम्मीदों पर ख़रा उतरने की कोशिश की है, मैंने अपने आंतरिक अस्तित्व को पूरी तरह से महसूस नहीं किया, जो इस फ़ेज़ ने मुझे करने की अनुमति दी। मैं महसूस कर रहा था कि मैं ट्रेनिंग के लिए उत्साहित नहीं हूं, मैं प्रैक्टिस के लिए उत्साहित नहीं था और इसने मुझे काफ़ी परेशान किया क्योंकि मैं ऐसा नहीं हूं, और मुझे सचमुच उस माहौल से दूर जाने की आवश्यकता है।"

विराट कोहली: "मैं महसूस कर रहा था कि मैं ट्रेनिंग के लिए उत्साहित नहीं हूं, मैं प्रैक्टिस के लिए उत्साहित नहीं था और इसने मुझे काफ़ी परेशान किया"  Getty Images

कोहली के अनुसार, इस ब्रेक को लेने से उन्हें ट्रेनिंग और क्रिकेट के लिए अपने उत्साह को फिर से पाने में मदद मिली। उन्होंने बताया, "जब आप ऐसे माहौल में रहते हैं, तो आप कुछ भी नहीं देख पाते हैं। जब आप ख़ुद को वहां से निकालते हैं, तब आपको एहसास होता है कि आपके साथ क्या हो रहा था। और यह एक अद्भुत ब्रेक रहा है। मैंने कभी इतना लंबा ब्रेक नहीं लिया था, और सबसे पहले मुझे एहसास हुआ कि मैं सुबह उठा और जिम जाने के लिए उत्साहित था। जो "ओह, मुझे यह करना पड़ेगा" जैसी कोई सोच नहीं है। इस तरह से वह मेरा पहला मार्क था।

आज कल आप बहुत सारी अपेक्षाओं को लेकर बहक सकते हैं.… आपने बेन स्टोक्स और ट्रेंट बोल्ट के साथ जो हुआ उसका परिणाम देखा है… मोईन [अली] ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। ये विषमता नहीं हैं, लेकिन ऐसा होता है और जो लोग उनके संपर्क में हैं, वे जानते हैं कि उनके जीवन में क्या हो रहा है।"

जैसे कि कोहली अपनी वापसी की तैयारी कर रहे हैं, उनका फ़ॉर्म एक बार फिर तहकीकात के दायरे में आ जाएगा। उन्होंने नवंबर 2019 के बाद से कोई अंतर्राष्ट्रीय शतक नहीं लगाया है और उनका टी20 फ़ॉर्म भी अच्छा नहीं रहा है। कोहली ने पिछले साल विश्व कप के बाद से केवल चार टी20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं और उन्होंने आईपीएल 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए 116 के स्ट्राइक रेट से केवल 341 रन बनाए। कोहली ने अपनी मानसिकता के बारे में बताते हुए कहा कि वह ख़ुद को "प्रतिस्पर्धा के ज़ोन में" धकेलने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि यह "स्वाभाविकता के साथ नहीं हो रहा था" और यही चीज़ वह ब्रेक के बाद बेहतर महसूस कर रहे हैं।

"मुझे एक ऐसे शख़्स के रूप में देखा गया है जो मानसिक तौर पर ख़ूब मज़बूत है। और मैं हूं, लेकिन हर किसी की एक सीमा होती है और आपको उस सीमा को पहचानने की आवश्यकता होती है नहीं तो चीज़ें आपके लिए ख़राब हो सकती हैं।विराट कोहली

कोहली ने कहा, "मैं अब निश्चित रूप से अच्छा महसूस कर रहा हूं, और यह केवल क्रिकेट के कार्यभार के संबंध में नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "बाहर अन्य फ़ैक्टर्स भी हैं, जो मुझे उसमें जाने में सहयोग करते हैं ... क्योंकि आप जुनून और दिल से खेल रहे हैं, लेकिन बाहर की धारणा अलग है और इन चीज़ों का महत्तव नहीं समझा जा रहा है। वे लोग आपको अलग नज़रिए से देख रहे हैं। यह सच्चाई जानेने का समय है। आप यह उम्मीद नहीं कर सकते कि हर कोई आपके जैसा सोचेगा और बनेगा। मुझे भी यह समझना पड़ा।

भारत के पूर्व कप्तान ने आगे कहा, "और तीव्रता, जैसा कि आपने कहा, मुझे एहसास भी नहीं हुआ कि मैं इसे बनावटी बना रहा था। मैं ख़ुद को प्रतिस्पर्धा के ज़ोन में धकेलने की कोशिश कर रहा था। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो उठता है और ऐसा महसूस करता है, 'ठीक है, देखते हैं कि आज के दिन में मेरे लिए क्या है,' और हर चीज़ का हिस्सा बनना चाहता है। लोग मुझसे पूछते हैं कि आप मैदान पर ऐसा कैसे करते हैं और आप इतनी तीव्रता के साथ कैसे आगे बढ़ते हैं, मैं उन्हें सिर्फ़ इतना बताता हूं कि मुझे क्रिकेट खेलना पसंद है और मुझे इस तथ्य से प्यार है कि मेरे पास हर गेंद पर योगदान देने के लिए बहुत कुछ है, और मैं मैदान पर अपनी पूरी ऊर्जा लगा दूंगा और मेरे लिए यह कभी भी असामान्य नहीं होगा।

"बाहर के बहुत से लोगों ने और यहां तक की टीम के अंदर भी लोगों ने मुझसे पूछा कि आप इसे कैसे बनाए रखते हैं? और मैं सिर्फ़ इतना कहता हूं : मैं किसी भी क़ीमत पर अपनी टीम को जीत दिलाना चाहता हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "यह स्वाभाविक रूप से नहीं हो रहा था। मुझे ख़ुद को ज़ोर देना पड़ रहा था। मुझे यह नहीं पता था ... मैं इस तरह का आदर्श खिलाड़ी बन गया। मैं इस तथ्य के लिए बहुत आभारी हूं कि इतने सारे लोग मेरी वजह से प्रेरित होते हैं लेकिन आप उसकी वजह से इंसान होने से नहीं रोक सकते। मैं समझता हूं कि लोग आपसे प्यार और आपका समर्थन क्यों करते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप हमेशा आप ही थे, और इन पलों में भी मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि मैं मानसिक रूप से उदास महसूस कर रहा था और यह बहुत ही सामान्य बात है।"

कोहली कहते हैं, "मैं दिन के अंत में एक आम इंसान ही हूं और लोगों के कहने के लिए यह एक बात या समय होना चाहिए, 'अगर वह इसको अनुभव कर सकता है, तो आराम करे, इस तरह महसूस करना सामान्य है'। यह असामान्य नहीं है, इसके बारे में लोगों से बात करें और उनके साथ चर्चा करें। कोई नहीं सोचेगा कि आप कमज़ोर हैं… आपको उन लोगों से मदद मिलेगी जिनकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी, लेकिन हम बोलते नहीं हैं क्योंकि हम झिझकते हैं।

"हम मानसिक रूप से कमज़ोर नहीं दिखना चाहते। मेरा विश्वास कीजिए, मज़बूत होने का दिखावा उससे कहीं ज़्यादा बुरा है। मुझे कोई शर्म नहीं है कि मैं मानसिक रूप से कमज़ोर महसूस कर रहा था।"

एशिय कप 2022 का लाइव कवरेज देखिए स्टार स्पोर्ट्स और डिज़नी प्लस हॉटस्टार पर। भारतीय समयानुसार हर रोज 6 बजे शाम से।

Virat KohliIndiaMen's T20 Asia Cup

अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ़्रीलांसर कुणाल किशोर (@ImKunalKishore) ने किया है।