कोहली : खेल बहुत सरल है, बेताबी आपको कहीं नहीं ले जाती है
भारतीय बल्लेबाज़ का मंत्र साफ़ है, 'हर मैच को ऐसे खेलो जैसे कि वह आपका अंतिम मैच है'
हां या ना : विराट कोहली वनडे विश्व कप तक सचिन तेंदुलकर के 49 शतकों को पीछे छोड़ देंगे
श्रीलंका के ख़िलाफ़ गुवाहाटी में भारत की जीत से जुड़े अहम सवालों पर वसीम जाफ़र का फ़ैसलाहर मैच को अपना अंतिम मैच समझकर खेलो और इसके बारे में उदास नहीं बल्कि ख़ुश रहो। विराट कोहली ने बल्ले के साथ अपने ख़राब दौर में यही सीखा।
नवंबर 2019 और सितंबर 2022 के बीच कोहली ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में एक भी शतक नहीं बनाया। इस सूखे को उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के विरुद्ध एशिया कप में अपना पहला टी20 अंतर्राष्ट्राय शतक लगाकर ख़त्म किया। और अब उनके नाम लगातार दो वनडे मैचों में दो शतक है।
गुवाहाटी में श्रीलंका के विरुद्ध पहले वनडे में प्लेयर ऑफ़ द मैच चुने जाने के बाद कोहली ने कहा, "मैंने सीखा कि बेताबी आपको कहीं नहीं ले जाती है। खेल अब भी बहुत सरल है। जब हम अपने लगाव, अपनी इच्छाओं से चीज़ों को जटिल करना शुरू कर देते हैं तब हमारा लगाव लोगों के द़ष्टिकोण में हम क्या बन गए हैं उससे होता है और हमने पहली बार जब बल्ला और गेंद उठाकर खेलना शुरू किया उससे नहीं। मुझे लगता है कि जब वह नज़रिया हट जाता है, तो आप अपने आप को एक ऐसे स्थान पर रखना शुरू कर देते हैं, जहां सब कुछ बस नीचे की ओर बढ़ता रहता है।"
कोहली ने आगे कहा, "और सही मायनों में यह केवल वह अलगाव है (जो मदद करता है), जहां आप बिना किसी डर के और सही कारणों के लिए खेलते हैं। लगभग हर मैच को इस तरह खेलते हैं जैसे कि यह आपका आख़िरी मैच है और इसके बारे में दु:खी नहीं बल्कि ख़ुश हों। मैंने यह सभी चीज़ें सीखीं।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं चीज़ों को पकड़कर नहीं रख सकता। खेल आगे बढ़ता जाएगा, पहले भी कई खिलाड़ी खेल चुके हैं। मैं हमेशा के लिए तो नहीं खेलने वाला हूं। फिर मैं किस चीज़ को पकड़कर रख रहा हूं, मैं किसे संभालकर रख रहा हूं? मुझे इन सभी चीज़ों का एहसास हुआ। मैं (अब) एक अच्छी स्थिति में हूं। मैं अपने खेल का आनंद ले रहा हूं और अंत तक इसी आनंद के साथ खेलना चाहता हूं।"
मंगलवार को जब श्रीलंका ने भारत को पहले बल्लेबाज़ी करने के लिए आमंत्रित किया, रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने 19.4 ओवरों में 143 रनों की साझेदारी करते हुए बड़े स्कोर की नींव रखी। कोहली ने भी आक्रामक शुरुआत की और इस रन रेट को बनाए रखा। कोहली ने लगभग 130 के स्ट्राइक रेट से 87 गेंदों पर 113 रन बनाए। उनकी पारी की बदौलत भारत ने सात विकेट पर 373 रनों का विजयी स्कोर खड़ा किया।
कोहली ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मेरी तैयारी में कुछ अलग था। मेरी तैयारी हमेशा एक जैसी रहती है। कभी आपको लय नहीं मिल पाती है लेकिन आज मुझे ऐसा लगा कि मैं गेंद को शुरुआत से अच्छे से खेल रहा था। मैंने अपने रवैये पर विश्वास जताया और जब विकेट गिरे तब मुझे एक छोर को संभालकर दूसरों के साथ बल्लेबाज़ी करनी थी।"
उन्होंने आगे कहा, "जैसा कि मैंने पारी के ब्रेक में कहा था, यह उस टेम्प्लेट के बहुत क़रीब था जिसके साथ मैं खेलता हूं। दूसरे हाफ़ में परिस्थितियों [ओस] को समझते हुए, मेरे मन में यह भी था कि हमें उन 25-30 अतिरिक्त रनों की आवश्यकता होगी और आख़िरकार मैं ख़ुश था कि मैं टीम के लिए वह हासिल करने में सक्षम था, जिससे हमें एक आरामदायक स्कोर मिला।"
अपनी पारी के दौरान पहले 52 और फिर 81 के स्कोर पर कोहली का कैच ड्रॉप हुआ। कोहली ने कहा कि वह इस तरह के दिन के लिए सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं क्योंकि भाग्य हर दिन आपका साथ नहीं देता है।
पारी के ब्रेक में कोहली ने कहा, "मैं हर दिन इसे (भाग्य) स्वीकार करूंगा। देखिए भाग्य एक अहम भूमिका निभाता है और आप बस अपना सर झुकाकर ईश्वर का धन्यवाद कर सकते हैं। जब भाग्य हमारा साथ नहीं देता तब हम गुस्सा हो जाते हैं लेकिन हमें ऐसे दिनों को भी ध्यान में रखना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "मैं 50 के स्कोर पर आउट हो सकता था और भाग्य के कारण शतक बना सका। मैं यह बात जानता हूं इसलिए मैं बस आभारी हूं कि मुझे आज भाग्य का आशीर्वाद मिला। महत्वपूर्ण बात यह थी कि इसका अधिकतम लाभ उठाया जाए।"
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।
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