विश्व टेस्ट चैंपियनशिप-2 के लिए क्या रहेंगी भारत की चुनौतियां?
टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में गहराई है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं, जिनका जवाब उन्हें डब्ल्यूटीसी के दूसरे संस्करण में ढूंढ़ना होगा

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के पहले संस्करण के फ़ाइनल में जगह बनाने वाली टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी दोनों में गहराई है, लेकिन कुछ सवाल भी हैं, जिनका जवाब उन्हें डब्ल्यूटीसी के दूसरे संस्करण में ढूंढ़ना होगा।
सवाल?
टीम ने पहले संस्करण के दौरान रोहित शर्मा, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल को सलामी बल्लेबाज़ी के लिए आजमाया और सबको पर्याप्त मौके दिए लेकिन टीम अभी भी एक ठोस ओपनिंग संयोजन नहीं बना पाया है। ये चारों या तो चोट या फिर प्रदर्शन में निरंतरता की कमी से जूझ रहे हैं। टीम में केएल राहुल की भूमिका भी अभी तक परिभाषित नहीं है। कभी उन्हें बैक-अप ओपनर के तौर पर रखा जाता है, तो कभी वह मध्य-क्रम के दावेदार के रूप में जगह बनाते हैं? पिछले कुछ दौरों में टीम के साथ बैक-अप के तौर पर रहे अभिमन्यु ईश्वरन और प्रियांक पांचाल को प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेले लगभग 18 महीने बीत चुके हैं।
हार्दिक पंड्या की अनुपस्थिति में भारत को एक तेज़ गेंदबाजी ऑलराउंडर का विकल्प भी तैयार करना होगा। चोट से उबरने के बाद पंड्या अभी फ़िलहाल सिर्फ सीमित ओवर क्रिकेट खेल रहे हैं। शार्दुल ठाकुर ने दिखाया है कि उनमें बल्लेबाज़ी करने का दम है, जैसा कि उन्होंने गाबा में किया था। लेकिन वह अभी तक एक ऑलराउंडर के विकल्प के रूप में पूरी तरह नहीं उभर पाए हैं। एक और विकल्प हर्षल पटेल हैं, जिन्होंने हाल के कुछ सालों में घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। लेकिन उनकी उम्र उनके आड़े आ सकती है।
स्पिन विभाग में अश्विन और रवींद्र जाडेजा ने अपनी दावेदारी बरकरार रखी है, लेकिन कुलदीप यादव अब टीम के प्लान में नहीं हैं। शाहबाज़ नदीम को कुछ मौका दिया गया, लेकिन उनमें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए आत्मविश्वास की कमी दिखी। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन कर अक्षर पटेल एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरे हैं, लेकिन टीम को अभी भी इस फ़ॉर्मेट में एक बेहतर लेग स्पिनर की तलाश है।
मजबूती
भारत की तेज़ गेंदबाज़ी हाल के कुछ सालों में उनकी सबसे बड़ी मजबूती बनकर उभरी है। राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में भारत-ए के दौरों ने खिलाड़ियों का एक बेहतरीन पूल तैयार किया है, जो किसी भी अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रख सकते हैं। जैसा कि कुछ युवा खिलाड़ियों ने ऑस्ट्रेलिया में करके दिखाया था और अभी कुछ क्रिकेटर श्रीलंका में वही काम कर रहे हैं।
शॉ ने मुंबई के लिए सफेद गेंद क्रिकेट (विजय हजारे ट्रॉफ़ी) में सबसे अधिक रन बनाए। 30 साल के सूर्यकुमार यादव ने हाल में गज़ब का क्रिकेट दिखाया है। टी20 में पावरप्ले स्पिनर रहे वॉशिंगटन सुंदर रेड-बॉल क्रिकेट में बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के विकल्प बन गए हैं। मोहम्मद सिराज ने भारत ए दौरों पर विदेशी परिस्थितियों में खेलने का लाभ उठाया और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में मौका मिलते ही चौका लगा दिया। ये तो कुछ चंद उदाहरण हैं।
प्रतिभा
शुभमन गिल को एक विशेष प्रतिभा माना जा रहा है और डब्ल्यूटीसी का यह चक्र निर्धारित करेगा कि क्या वह टेस्ट सलामी बल्लेबाज़ के रूप में लंबी रेस के घोड़े हैं या नहीं! ऋषभ पंत ने छह महीने के भीतर ही अपने आप को तीनों फ़ॉर्मेट में स्थापित कर लिया है। श्रेयस अय्यर की गैरमौजूदगी में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के तौर पर वह अपनी नेतृत्व क्षमता की झलक भी दिखा चुके हैं। कोहली, रोहित और रहाणे अब जब 30 की उम्र पार कर चुके हैं, तो पंत को अब भविष्य का कप्तान भी माना जाने लगा है।
कहां-कहां खेलेगी टीम इंडिया?
डब्ल्यूटीसी के इस चक्र में घर पर भारत, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका से खेलेगी, वहीं इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और बांग्लादेश का दौरा करेगी। इसकी शुरुआत इंग्लैंड के दौरे से हो रही है, जहां भारतीय टीम पहले से ही मौजूद है।
शशांक किशोर ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं, अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के दया सागर ने किया है
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