रेटिंग्स : सूर्य की चमक और भुवनेश्वर की धमक, दोनों ने किया टॉप
तीसरे टी20 में ऋषभ पंत और श्रेयस अय्यर ने भी कमाएं अंक

पांच टी20 मैचों के तीसरे मुक़ाबले में भारतीय टीम ने सात विकेट से जीत दर्ज करके 2-1 की बढ़त बना ली है। सीरीज़ के आख़िरी दो मुक़ाबले अब अमेरिका में खेले जाएंगे। मैदान अलग होगा देश अलग होगा लेकिन इन तीन मैचों में भारत ने आक्रामकता की झलक दिखाई है। तीसरे मुक़ाबले में जहां सूर्यकुमार यादव एक अलग रंग में दिखे तो भुवनेश्वर कुमार ने भी वापसी में कोई कसर नहीं छोड़ी। देखते हैं हमारे प्लेयर रेटिंग्स में भारतीय एकादश के सदस्यों को कितने-कितने अंक मिलते हैं।
क्या सही हुआ और क्या ग़लत?
भारतीय टीम के लिए इस मैच में कुछ अच्छा हुआ है तो वह है सूर्यकुमार का ओपनिंग पर आकर सफल होना। 44 गेंद में 76 रन बनाना दिखाता है कि वह ओपनिंग के प्लेटफ़ॉर्म पर पूरी तरह से तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा अर्शदीप सिंह और भुवनेश्वर की जोड़ी भी अब पकती नज़र आ रही है। भुवनेश्वर के पास तो नौ साल का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है और अर्शदीप भी मिले मौक़ों को भुना रहे हैं। जिस तरह से अर्शदीप ने गेंदबाज़ी की, वह भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत रहे। उन्होंने दिखाया कि वह आईपीएल में ही नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी दबाव को झेलकर डेथ में सटीक यॉर्कर फेंक सकते हैं।
अगर कुछ अच्छा नहीं हुआ है इस मैच में तो वह है कप्तान रोहित शर्मा का रिटायर्ड हर्ट होना। हालांकि उनकी चोट इतनी ज़्यादा गंभीर नहीं है। इससे हटकर आवेश ख़ान अपने चयन की अहमियत को बयां नहीं कर सके हैं। उनकी जगह रवि बिश्नोई को बाहर बैठाना सवालों के घेरे में आ रहा है।
प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)
रोहित शर्मा, 7 : काइल मेयर्स जिस तरह से प्रहार कर रहे थे, उसके बावजूद वेस्टइंडीज़ जैसी टीम को पांच विकेट पर 164 रनों पर रोकना क़ाबिले तारीफ़ ही कहा जाएगा। इन 164 रनों में 73 रन तो अकेले ओपनर मेयर्स के बल्ले से आए थे। ऐसे में ठीक समय पर रोहित ने भुवनेश्वर को गेंद थमाई और उन्होंने मेयर्स और पूरन की घातक जोड़ी को ना सिर्फ़ तोड़ा, दोनों को आउट भी किया।
सूर्यकुमार यादव, 10 : की इस मैच में जितनी तारीफ़ की जाए वह कम ही रहेगी। पिछले टी20 में भी वह अपने ही ज़ोन में थे लेकिन इस मैच में उनके हर शॉट सटीक बैठ रहे थे। रोहित के ऊपर से रन बनाने का दबाव लेकर उन्होंने ख़ुद ज़िम्मेदारी उठाई और निराश नहीं किया। फिर चाहे उनका फ़ाइन लेग पर ख़ूबसूरत रैंप शॉट हो या शफ़ल करके स्क्वेयर लेग पर लगाया गया स्लॉग हो। वह हर शॉट में कमाल के ही दिखे।
श्रेयस अय्यर, 7 : रोहित रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन में थे और अब उनकी जगह श्रेयस आए थे। श्रेयस को पहली ही गेंद का सामना बाउंसर से करना पड़ा लेकिन वह तैयार थे। दो मैचों में रन नहीं बनाने के बाद वह दबाव में थे लेकिन 27 गेंद में उनकी 24 रनों की पारी ने एंकर की भूमिका निभाई और सूर्य को अपने हाथ खोलने का मौक़ा दिया।
ऋषभ पंत, 8 : 26 गेंद में 33 रन। पिछले मैच में 12 गेंदों में 24 रन। यह दिखाता है कि पंत अब परिपक्वता की ओर बढ़ चले हैं। वह भले ही अभी भी थोडे़ अलग तरह के शॉट खेलने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनकी इस तरह की अहम पारियां भारत के बहुत काम आ रही है। सूर्य के आउट होने के बाद यह पंत ही थे जो टीम को जीत की दहलीज़ पर ले जाकर थमे।
हार्दिक पंड्या, 7 : हार्दिक ने जब से पेशेवर क्रिकेट में वापसी की है उनका कोई तोड़ नज़र नहीं आ रहा है। गुजरात टाइंटस को ख़िताब जिताया तो अब भारतीय टीम में वापसी करते हुए गेंदबाज़ी में विकेट भी चटका रहे हैं। एक समय जब वेस्टइंडीज़ के ओपनर 50 रनों की साझेदारी कर चुके थे तो वह हार्दिक ही थे जिन्होंने भारत को पहली सफलता दिलाई। बात अगर बल्लेबाज़ी की हो तो इस मैच में सूर्य के रन बनाने की वजह से उनको ज़्यादा समय मिल ही नहीं सका।
दीपक हुड्डा, 8 : रवींद्र जाडेजा मैच से बाहर थे और दीपक अपने इस मौक़े को भुनाने से चूकना नहीं चाहते थे। गेंदबाज़ी में एक ही ओवर मिला लेकिन रन भी तो एक ही दिया। बात जब बल्लेबाज़ी की आई तो वह भी देर से ही मिली। मात्र सात ही गेंद खेलने को मिली लेकिन उसमें डीप कवर की ओर लगाया गया चौका उनकी फ़ॉर्म और शिद्दत की गवाही देता है।
दिनेश कार्तिक, 7 : अब किसी टीम में अनुभवी खिलाड़ी मौजूद हो और बल्लेबाज़ी में मौक़ा ही ना मिले, तो कैसे ख़राब अंक दिए जाएं। यह तो वह बल्लेबाज़ है जो अलग ही फ़ॉर्म में रहकर अपना ख़ुद का इतिहास रचने की ओर जा रहा है।
रविचंद्रन अश्विन, 7 : किसी टीम के बल्लेबाज़ों पर दबाव बनाना हो तो भला आप अश्विन को दूर कैसे रख सकते हैं। चार ओवर में केवल 26 रनों के आंकड़ें दिखाते हैं कि वह क्रिकेट के हर प्रारूप में सटीक हैं। ऐसे में उनकी इस तरह की गेंदबाज़ी करने के लिए यह अंक भी कम ही रहेंगे।
भुवनेश्वर कुमार, 9 : भुवनेश्वर को जब भी चुनौती मिलती है वह बेहद ही ख़तरनाक ढंग से वापसी करते हैं। इस बार भी उन्होंने ऐसा ही किया। पिछले मैच में कप्तान रोहित ने आख़िरी ओवर उनकी जगह आवेश को दिया और टीम मैच हार गई। इस बार भुवनेश्वर पूरी तरह से सजग थे। पूरन और मेयर्स दोनों को आउट करके उन्होंने भारत की मैच में वापसी करा दी थी।
आवेश ख़ान, 3 : तीन ओवर में 47 रन, शायद आवेश भी इन आंकड़ों के बारे में सोचते हुए सो नहीं पाएंगे लेकिन उन्हें भी इसको मानना पडे़गा और सोचना भी पड़ेगा कि हर पिच पर हार्ड लेंथ गेंदबाज़ी नहीं की जा सकती है। आईपीएल में उन्होंने बहुत उपलब्धियां हासिल की हैं और अब समय है कि वह भारतीय टीम के लिए ऐसा कर सकें।
अर्शदीप सिंह, 9 : 2018 अंडर-19 विश्व कप विजेता टीम में जितने चर्चे पृथ्वी शॉ और शुभमन गिल के हुए, शायद ही उस टीम में शामिल रहे अर्शदीप के रहे। चलिए वह तो चार साल पुरानी बात थी। अब जिसने भी आईपीएल देखा है वह अर्शदीप को अच्छे से जानता होगा। अर्शदीप को रोवमन पॉवेल के रूप में एक ही विकेट मिला लेकिन टी20 क्रिकेट में हर बार ज़्यादा विकेट भी कम ही नसीब होते हैं।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26
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