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रेटिंग्स : बारिश से थमा भारत का विजयरथ, ड्रॉ के मुख्य नायक रहे मोहम्मद सिराज, विराट कोहली

रोहित शर्मा, इशान किशन और यशस्वी जायसवाल के नाम भी रहे अच्छे परफ़ॉर्मेंस

हां या ना : कोहली वनडे में सचिन के शतक और रनों को पीछे छोड़ देंगे लेकिन टेस्ट में आगे नहीं निकलेंगे

हां या ना : कोहली वनडे में सचिन के शतक और रनों को पीछे छोड़ देंगे लेकिन टेस्ट में आगे नहीं निकलेंगे

वेस्टइंडीज़ और भारत के बीच दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन से जुड़े सवालों पर दीप दासगुप्ता का फ़ैसला

भारत ने वेस्टइंडीज़ को दो टेस्ट सीरीज़ में 1-0 से हराकर 2023-2025 के विश्व टेस्ट चैंपियनशिप अभियान का अच्छा आग़ाज़ किया है। हालांकि पोर्ट ऑफ़ स्पेन टेस्ट में आख़िरी तीन दिनों में लगातार मौसम के व्यवधान के चलते भारत को इस सीरीज़ को स्वीप करके पूरे पर्सेंटेज प्वाइंट अर्जित करने का मौक़ा नहीं मिला। फिर भी इस गेम में विराट कोहली ने अपना 29वां टेस्ट शतक जड़ा, मोहम्मद सिराज ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा पांच विकेट हॉल (और सर्वश्रेष्ठ विश्लेषण) हासिल किए। कप्तान रोहित शर्मा ने भी दो आकर्षक अर्धशतक जड़े।

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क्या सही, क्या ग़लत?

भारत ने बल्ले के साथ इस मैच में बढ़िया प्रदर्शन किया। शायद पहली पारी में अधिक रन बन सकते थे, लेकिन आख़िर में मौसम को देखते हुए उन्हें गेंद के साथ पर्याप्त समय निकालना ही पड़ता। गेंदबाज़ी में भी भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों ने अच्छा काम किया और रोहित ने उनका अच्छा उपयोग किया।

अगर ग़लती निकालनी हो तो शायद वेस्टइंडीज़ के सुरक्षात्मक बल्लेबाज़ी के सामने रोहित थोड़े और आक्रामक फ़ील्ड सेट कर सकते थे। पिच में अधिक मदद ना रहते हुए भी नई गेंद को 102.5 ओवरों तक ना लेना भी शायद एक सुरक्षात्मक मूव था। हालांकि इसमें वेस्टइंडीज़ के शीर्ष क्रम के धैर्य और कौशल की भी तारीफ़ होनी चाहिए।

प्लेयर रेटिंग्स (1 से 10, 10 सर्वाधिक)

यशस्वी जायसवाल, 8: यशस्वी ने डॉमिनिका में दिखाए प्रतिभा पर फिर से वृद्धि दिखाई और पहली पारी में आकर्षक अर्धशतक ठोका। दूसरी पारी में रोहित के साथ पुरुष टेस्ट क्रिकेट इतिहास में विश्व में सबसे तेज़ टीम के शतक (जहां गेंदों की संख्या मालूम हो) का रिकॉर्ड तोड़ने में उन्होंने ख़ास भूमिका निभाई। हालांकि शरीर से दूर ड्राइव करने की आदत पर उन्हें बेहतर गेंदबाज़ी क्रम के ख़िलाफ़ सुधार लाना होगा।

रोहित शर्मा, 8.5: रोहित ने दोनों पारियों में तेज़ अर्धशतक मारते हुए भारत के ईरादे भी स्पष्ट किए और अपनी टीम के लिए अच्छी मिसाल क़ायम की। शायद कप्तानी में उनसे थोड़ी और आक्रामकता की उम्मीद थी, लेकिन उन्होंने अपने पांच गेंदबाज़ों को अच्छे से शफ़ल किया और चौथे दिन मोहम्मद सिराज का उनका उपयोग उल्लेखनीय था।

शुभमन गिल, 5.5: गिल ने इस दौरे से पहले तीन नंबर पर खेलने की इच्छा जताई थी और उन्हें यह मौक़ा मिला भी। शायद तीन में से दो पारियों में वह थोड़े जल्दी में दिखे। हालांकि दूसरी पारी में उनका यह अप्रोच टीम के काम आया और उन्होंने इशान किशन के साथ एक तेज़ साझेदारी के ज़रिए पारी घोषित करने के फ़ैसले को आसान बनाया। इस मैच में उनकी फ़ील्डिंग भी अच्छी रही।

विराट कोहली, 9.5: मैच के पहले दो दिन में कोहली ने वही किया जिनकी एक सीनियर बल्लेबाज़ से आप उम्मीद रख सकते हैं। धीमी पिच पर बड़ा स्कोर डालना ज़रूरी था और कोहली ने दिसंबर 2018 के बाद भारत के बाहर पहले टेस्ट शतक के साथ ठीक ऐसा ही किया। अगर वह 121 पर रन आउट नहीं होते तो शायद दोहरा शतक भी मार देते। दूसरी पारी में उन्होंने निःस्वार्थ अंदाज़ में किशन को नंबर चार पर आने दिया।

अजिंक्य रहाणे, 5: कठिन पिच पर जब आपसे ऊपर खेलने वाले बल्लेबाज़ों में अधिकतर खिलाड़ी तेज़ी से रन बनाते हैं और ढेर सारे रन बनाते हैं, तो आप की छोटी सी ग़लती भी आपको भारी पड़ सकती है। भारतीय उपकप्तान इस दौरे में दोनों पारियों में कुछ ऐसे ही जल्दी आउट हुए हैं। हालांकि उन्होंने रवींद्र जाडेजा की गेंदबाज़ी पर तीसरे दिन स्लिप में जर्मेन ब्लैकवुड का एक ग़ज़ब का कैच पकड़ा।

रवींद्र जाडेजा, 7.5: जाडेजा ने पहले दो दिनों में एक धीमी लेकिन बेशक़ीमती अर्धशतकीय पारी खेली। गेंद से इस पिच पर उन्हें ख़ास मदद नहीं मिली लेकिन फिर भी उन्होंने तेजनारायण चंद्रपॉल और ब्लैकवुड के विकेट निकाले। शायद रोहित उन पर और भरोसा जता सकते थे, लेकिन जाडेजा ने सुरक्षात्मक और किफ़ायती गेंदबाज़ी का एक अच्छा उदाहरण रखा।

किशन ने दूसरे टेस्ट में अपनी बल्लेबाज़ी और कीपिंग से काफ़ी प्रभावित किया है  Associated Press

इशान किशन, 8: इशान किशन ऋषभ पंत भले ही ना हों, लेकिन इस मैच में उन्होंने बताया कि वह अपने अंडर-19 के दिनों से दोस्त की भूमिका निभाने के लिए सबसे प्रबल दावेदार हैं। चाहे वह पंत के दिए बल्ले से तेज़ अर्धशतक मारते हुए टीम की मदद हो, स्टंप्स के पीछे लगातार बातचीत करते हुए अपने टीम को उत्साहित रखना (और विपक्ष को थोड़ा सताना) या फिर साफ़ और सुरक्षित विकेटकीपिंग, किशन इस मैच में सभी परीक्षाओं में उत्तीर्ण रहे।

आर अश्विन, 7: अश्विन ने बल्ले के साथ एक उपयोगी अर्धशतक से भारत की पारी को लंबा खींचा। गेंद से उन्हें धीमी पिच पर कोई ख़ास मदद नहीं मिली लेकिन उन्होंने अनुशासित लाइन और लेंथ बरक़रार रखा और कुछ विकेट ज़रूर निकाले। वेस्टइंडीज़ के ज़िद्दी कप्तान क्रेग ब्रैथवेट को पहली पारी में उन्होंने एक बढ़िया ऑफ़-ब्रेक गेंद से ड्राइव पर बीट करते हुए बोल्ड किया।

जयदेव उनादकट, 5: उनादकट ने अच्छे अनुशासन से गेंदबाज़ी की, लेकिन दूसरी पारी में नई गेंद से उन्हें डिमोट करते हुए कप्तान ने नई गेंद डेब्यू कर रहे मुकेश कुमार को थमाई। हालांकि अपने स्पेल्स में उनादकट ने कलात्मक गेंदबाज़ी करते हुए लगातार स्टंप को अटैक किया, लेकिन उनकी गति पर बल्लेबाज़ों ने आसानी से उन्हें डिफ़ेंड किया।

मोहम्मद सिराज, 10: इस मैच में भारत के नायक रहे सिराज। फ़्लैट पिच पर अच्छी ऊर्जा के साथ सिराज ने स्क्रैंबल सीम, क्रॉस सीम, स्विंग और बाउंस सबका अच्छा समावेश रखते हुए वेस्टइंडीज़ के निचले क्रम के नेस्तनाबूद कर दिया और मैच में भारत की पकड़ को मज़बूत बनाया। अपनी कर्मठता और चतुराई से वह वर्तमान में भारत के सबसे बहुमूल्य खिलाड़ी हैं।

मुकेश कुमार, 7: मुकेश को शार्दुल ठाकुर के चोटिल होने पर डेब्यू करना पड़ा, लेकिन वह एक परिपक्व गेंदबाज़ नज़र आए। उन्होंने काफ़ी जल्दी अपने लिए आदर्श लंबाई खोज ली और उसी पर टिके रहे। जब दूसरी नई गेंद उन्हें मिली तो उन्होंने अच्छा स्विंग प्राप्त करते हुए बल्लेबाज़ों के सामने चुनौती पेश की। अगर वह अपनी गति बढ़ा लेते हैं तो और भी अच्छी बात होगी। भारत अगर हर परिस्थिति में जाडेजा, अश्विन और अक्षर पटेल में दो को खिला पाता है, तो शायद मुकेश तीसरे सीम अटैक के एक बढ़िया विकल्प बनेंगे।

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देबायन सेन ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा लीड हैं।